कर्नाटक चुनाव में वोटिंग, 3 बजे तक 52% मतदान, 6 सीटों पर सबकी नजर, जानें प्रदेश की कास्ट पॉलिटिक्स और कौन से बयान चर्चा में रहे

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Jitendra Shrivastava
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कर्नाटक चुनाव में वोटिंग, 3 बजे तक 52% मतदान, 6 सीटों पर सबकी नजर, जानें प्रदेश की कास्ट पॉलिटिक्स और कौन से बयान चर्चा में रहे

BANGLURU. कर्नाटक में आज यानी 10 मई को वोटिंग जारी है। कर्नाटक विधानसभा के चुनावी दंगल में वोटिंग के लिए प्रचार अभियान 8 मई की शाम को खत्म हो गया है, जिसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 के महामुकाबले से पहले कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी, कांग्रेस और जद (एस) पूरी तरह से तैयार हैं। केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी के लिए लोकसभा चुनावों से पहले कर्नाटक का चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है। दरअसल दक्षिण राज्यों की बात करें तो कर्नाटक उस लिहाज से अहम होने के साथ ही एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी सत्ता पर काबिज है। वहीं, 2018 में कांग्रेस-जेडीएस की जोड़ी को तोड़कर सरकार बनाने वाली बीजेपी के लिए चुनाव में खरा उतरना बेहद जरूरी है तो दूसरी ओर कर्नाटक में कांग्रेस का अच्छा और बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है। जेडीएस की ओर से चुनाव से ठीक पहले कई बार यह बात कही जा चुकी है कि वह एक बार फिर से किंगमेकर बनकर दिखाएगी।



कर्नाटक चुनाव का कार्यक्रम...



वोटिंग की तारीख: 10 मई, 2023



मतगणना की तारीख: 13 मई, 2023



कर्नाटक में विधानसभा की सीटों की स्थिति



कर्नाटक राज्य में वर्तमान में 224 विधानसभा क्षेत्र हैं। 224 विधानसभा सीटों में से 36 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 



कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदाता



कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कुल 58,282 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें से 28,866 शहरी क्षेत्रों में आते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने संवेदनशील बूथों की पहचान कर विशेष व्यवस्था की है। कर्नाटक के 2023 विधानसभा चुनाव में 9.17 लाख पहली बार वोट डालेंगे। इसके साथ ही पहली बार चुनाव आयोग ने 80 वर्ष से ज्यादा और विकलांग लोगों के लिए घर से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई है। कर्नाटक राज्य में कुल 5 करोड़ 21 लाख मतदाता हैं। जिनमें 2 करोड़ 59 लाख महिला और 2 करोड़ 62 लाख पुरुष मतदाता हैं। कुल मतदाताओं में 100 साल से अधिक आयु के 16,976 ट्रांसजेंडर 4,699 और 9 लाख 17 हजार पहली बार के वोटर हैं।



किसने कहां डाला वोट




  • कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी वोट डाला और विकास के लिए लोगों से वोट डालने की अपील की।





— ANI (@ANI) May 10, 2023




  • कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने शिवमोगा के शिकारीपुरा मतदान केंद्र में वोट डाला। कहा कि इस बार बीजेपी फिर सरकार बना रही है, इसमें कोई शक नहीं है।





— ANI (@ANI) May 10, 2023




  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बेंगलुरु के विजय नगर के मतदान केंद्र में वोट डालने पहुंचीं। कहा कि हम हमेशा हनुमान चालीसा पढ़ते हैं और बजरंग बली की पूजा करते हैं, लेकिन कांग्रेस केवल चुनाव के समय ऐसा करती है। उन्होंने जो अपने मैनिफेस्टो में कहा है, उसे मूर्खता ही कहा जाएगा।





— ANI (@ANI) May 10, 2023




  • एक्टर प्रकाश राज भी वोट डालने पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमें सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ वोट करना होगा। हमें कर्नाटक को सुंदर बनाना है।





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  • इन्फोसिस के सहसंस्थापक एनआर नारायणमूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति भी बेंगलुरु में वोट डालने पहुंचे। सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं यंगस्टर्स से कहना चाहती हूं कि वोट जरूर डालें। हम बूढ़े हो गए हैं, मैं 6 बजे उठी और वोट डालने आई हूं। युवा हमसे सीख सकते हैं। 





— ANI (@ANI) May 10, 2023



इन विधानसभा क्षेत्रों पर होगी नजर




  • शिगगांव: मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। जिसके चलते इस सीट पर खास नजर रहेगी।


  • वरुणा: यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार के लिए गढ़ मानी जाती रही है। इससे पहले जनता के बीच सिद्धारमैया भावुक अपील कर चुके हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव है। जिसके बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता सिद्धारमैया की इस अपील को किस नजरिए से लेती है।

  • कनकपुरा: यह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और वोक्कालिगा के मजबूत नेता डीके शिवकुमार का घरेलू मैदान है। जांच के आरोपों से घिरे और कांग्रेस में जान फूंकने वाले शिवकुमार बीजेपी को कितनी कड़ी टक्कर दे पाते हैं यह देखने वाली बात होगी।

  • चन्नापटना: इस निर्वाचन क्षेत्र से दो बार के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी चुनाव लड़ेंगे। जेडीएस खुद को किंगमेकर बताती रही है। इस वजह से यह देखना रोमांचक होता है कि पार्टी अपने प्रदर्शन से अपने आपको कितना साबित कर पाती है।

  • शिकारीपुरा : बीजेपी ने इस सीट से पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र को मैदान में उतारा है। बेटे के लड़ने की वजह से येदियुरप्पा के लिए यह सीट साख का सवाल है।

  • रामनगर : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी यहां से चुनाव मैदान में हैं।



  • कर्नाटक में कास्ट पॉलिटिक्स का समझिए गणित 



    कर्नाटक विधानसभा के लिए वोटिंग का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 10 मई को होने वाले मतदान के बाद 13 मई को कर्नाटक में किसकी सरकार बनेगी यह तय हो जाएगा। लेकिन एक बात तो साफ है कि जो पार्टी जाति और समुदायों का समीकरण फिट करने में कामयाब रही जीत उसी को मिलेगी। बीजेपी ने कांग्रेस के बजरंग दल पर बैन वाले वादे को मुद्दा बनाते हुए बजरंग बली वाला दांव खेल दिया। तो वहीं कांग्रेस ने 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार और मुस्लिम आरक्षण में कमी को लेकर राज्य में मुद्दा बनाया है। इसके साथ ही जेडीएस पहले की तरह खुद को किंगमेकर बताने में लगी है। जिसका कहना है कि राज्य में उसके बिना सरकार बना पाना किसी राजनीतिक दल के लिए इतना आसान नहीं है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जातिगत समीकरण कर्नाटक चुनाव में केंद्र बिंदु रहने वाला है।



    लिंगायत



    शिव के उपासक कहे जाने वाले लिंगायत कर्नाटक के सबसे बड़े अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) समुदायों में से हैं। जिनके वोटों का राज्य में 17% हिस्सा है। 2018 की तुलना में बीजेपी के पास इस बार 68 लिंगायत उम्मीदवार हैं। लिंगायतों ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का पुरजोर समर्थन किया। जिन्हें दक्षिण में पहली भाजपा सरकार लाने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि, अब येदियुरप्पा चुनावी राजनीति से रिटायर हो चुके हैं। जिसके बाद उनके लिंगायत साथी के तौर पर बसवराज बोम्मई के हाथ में कर्नाटक बीजेपी की बागडोर रही। बोम्मई सरकार ने मुसलमानों के लिए 4% ओबीसी आरक्षण वापस लेने के बाद लिंगायतों और वोक्कालिगा के लिए 2% आरक्षण बढ़ा दिया था। जब कांग्रेस ने लिंगायतों के लिए एक अलग धर्म का दर्जा देने का प्रस्ताव किया था। 2023 में बीजेपी के कुछ प्रमुख लिंगायत चेहरे ही कांग्रेस में चले गए हैं। जिनमें पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार भी शामिल हैं। जिसके बाद माना जा रहा है कि शेट्टार बीजेपी के लिंगायत वोटों में सेंध लगा सकते हैं। वहीं कांग्रेस ने लिंगायत उम्मीदवारों को 43 से बढ़ाकर 51 कर दिया है।



    मुसलमान



    कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने मार्च में राज्य में 4% मुस्लिम कोटा खत्म कर दिया। जिसके बाद इस कोटे को लिंगायत और वोक्कालिगा के बीच समान रूप से बांट दिया गया। जिसके बाद मुसलमानों को अब ब्राह्मणों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी। बीजेपी को उम्मीद है कि इस कदम से लिंगायतों और वोक्कालिगा का समर्थन उसे मिलेगा। वहीं कांग्रेस मुस्लिम समर्थन की उम्मीद कर रही है। जिसको देखते हुए कांग्रेस ने घोषणा की है कि अगर वह सत्ता में लौटती है तो वह अल्पसंख्यक मुस्लिमों का कोटा बहाल कर देगी।



    कुरुबा



    एक ओबीसी समुदाय के तौर पर कुरुबा कर्नाटक राज्य का चौथा सबसे बड़ा जाति समूह हैं। जो कि राज्य की आबादी का करीब 8-9% हिस्सा है। और यह समुदाय अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कुरुबा अपने अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की बहाली की मांग कर रहे हैं। दरअसल इसे साल 1977 में समाप्त कर दिया गया था। हालांकि, केंद्र इस संबंध में राज्य के प्रयासों को दो बार खारिज कर चुका है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया को कुरुबा समुदाय का निर्विवाद नेता माना जाता है। पूर्व डिप्टी सीएम के एस ईश्वरप्पा चुनावी राजनीति से रिटायर होने तक बीजेपी के कुरुबा चेहरे थे।



    एससी, एसटी



    कर्नाटक चुनाव में सभी पार्टियां एससी और एसटी वोटरों को लुभाने में लगी हैं। जो कि कर्नाटक की आबादी का 24% हैं और लगभग 100 सीटों पर परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। 224 सीटों वाली विधानसभा में 36 एससी के लिए और 15 एसटी के लिए आरक्षित हैं। विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए कोटा 15% से बढ़ाकर 17% और अनुसूचित जनजाति के लिए 3% से 7% कर दिया। अनुसूचित जाति (वाम) समुदायों की मांग को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने 101 अनुसूचित जाति उप-संप्रदायों के लिए आंतरिक आरक्षण का भी प्रस्ताव रखा। हालांकि इन कदमों को कुछ उप-जातियों के जरिए नाराज किया गया जो कि कट्टर भाजपा समर्थक हैं। उन्हें रिझाने के लिए बीजेपी ने एससी के लिए आरक्षित 36 सीटों में इन्हीं जातियों के सबसे ज्यादा उम्मीदवार उतारे हैं।



    वोक्कालिगा



    वोक्कालिगा लिंगायतों के बाद 15% वोटों के साथ कर्नाटक का दूसरा प्रमुख ओबीसी समुदाय है। वोक्कालिगा वोटों की लड़ाई मुख्य रूप से जद (एस) और कांग्रेस के बीच रही है। हालांकि, भाजपा अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। 2018 में 34 सीटों पर टिकट देने वाली बीजेपी ने इस बार 47 वोक्कालिगा को टिकट दिया है। कांग्रेस वोक्कालिगा वोटों के लिए कर्नाटक अध्यक्ष डी के शिवकुमार पर निर्भर है। इस बार उसके पास 43 वोक्कालिगा उम्मीदवार हैं। जबकि 2018 में 41 उम्मीदवार थे। वोक्कालिगा पार्टी मानी जाने वाली जद (एस) के पास 2018 में इस समुदाय के 24 विधायक थे। इस बार जेडीएस ने 45 वोक्कालिगा उम्मीदवारों को टिकट दिया है। पिछले चुनावों के आंकड़ों से पता चलता है कि जेडी (एस) और कांग्रेस ने ऐतिहासिक रूप से अधिकांश वोक्कालिगा वोट हासिल किए थे।



    कर्नाटक चुनाव प्रचार में विवादों की चर्चा भी रही



    'लव जिहाद' पर टिप्पणी



    3 जनवरी 2023 को, भाजपा कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने मैंगलोर में एक पार्टी की बैठक में कहा कि लोगों को "सड़क, नाली, नाली और अन्य छोटे मुद्दों" पर " लव जिहाद " के मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनकी टिप्पणियों की कांग्रेस नेताओं ने आलोचना की और कई राज्य भाजपा नेताओं ने भी टिप्पणियों पर नाखुशी व्यक्त की।



    अमित शाह का भड़काऊ भाषण



    26 अप्रैल 2023 को, भाजपा के शीर्ष नेता अमित शाह ने कहा, "अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वंशवादी राजनीति सर्वकालिक उच्च स्तर पर होगी और कर्नाटक दंगों से पीड़ित होगा"। प्रतिक्रिया में कांग्रेस ने भड़काऊ बयानों और शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए अमित शाह के खिलाफ एक पुलिस शिकायत दर्ज की।



    कांग्रेस का आरोप- बीजेपी ने फर्जी मतदाता जोड़े 



    कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने एनजीओ के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं को ऐसी जानकारी एकत्र करने के लिए नियुक्त किया, और 'फर्जी मतदाताओं' के नाम जोड़े गए। अप्रैल 2023 में, एक अन्य कंपनी को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कम से कम 6.5 लाख मतदाताओं के मतदाता डेटा की बिक्री करते पाया गया। बेंगलुरू पुलिस ने ऑनलाइन पोर्टल के खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज की है, जिसे विक्रेता ने संपर्क किया था।



    खड़गे ने पीएम मोदी पर की टिप्पणी



    कालाबुरागी में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी की और उन्हें 'जहरीला सांप' कहा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कांग्रेस नेता की आलोचना की और कहा कि इस टिप्पणी से बीजेपी को फायदा होगा। बीजेपी ने इसे कांग्रेस की 'घृणा की राजनीति' बताया और कांग्रेस नेता के खिलाफ एफआईआर की भी मांग की।



    कांग्रेस का बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा



    भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपना राज्य घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि अगर वह सत्ता में आती है तो नफरत और सांप्रदायिकता फैलाने के लिए दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी उग्रवादी संगठन बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएगी। जवाब में, बजरंग दल और भाजपा कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का जाप करके और कांग्रेस के झंडे जलाकर विरोध किया और विश्व हिंदू परिषद ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को मानहानि का नोटिस जारी किया।



    खड़गे की हत्या की साजिश



    कांग्रेस ने दावा किया है कि बीजेपी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके परिवार की हत्या की योजना बना रही है। कांग्रेस ने 6 मई 2023 को एक कथित ऑडियो क्लिप जारी किया जिसमें चित्तपुर से भाजपा उम्मीदवार मणिकांत राठौड़ को खड़गे को गाली देते हुए और उन्हें और उनके परिवार को खत्म करने की बात करते हुए सुना जा सकता है।


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