दिल्ली उपराज्यपाल ने मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी टेस्ट के मामले में सीबीआई जांच के दिए आदेश

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The Sootr
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दिल्ली उपराज्यपाल ने मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी टेस्ट के मामले में सीबीआई जांच के दिए आदेश

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परेशानियां कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही हैं। शराब घोटाले में ईडी के लगातार आ रहे समन का सामना कर रहे केजरीवाल को अब सीबीआई से भी दो-चार होना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी टेस्ट के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।

प्राइवेट लैब को फायदा पहुंचाने बनाए घोस्ट पेशेंट

उपराज्यपाल ने मोहल्ला क्लिनिक में फर्जी टेस्ट मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। एलजी कार्यालय के मुताबिक दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी मरीजों के नाम पर पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि यहां ऐसे मरीजों को लैब टेस्ट कराए जा रहे थे जो वास्तव में थे ही नहीं। इन्हें घोस्ट पेशेंट कहा जाता है। ऐसा प्राइवेट लैब को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा था।

दारू के बाद दवा घोटाला: बीजेपी

इसे लेकर बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने दारू के बाद दवा घोटाला किया है। क्या इन मोहल्ला क्लिनिक में CCTV कैमरा थे? अगर थे, तो एक दिन में यहां 500 पेशेंट के आने का फुटेज भी होगा। पिछले महीने ही राज्यपाल ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नकली दवाएं होने के आरोप पर चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को जांच का निर्देश दिया था। 23 दिसंबर को लिखे पत्र में उन्होंने मामले की जांच CBI कराने को कहा था।

मोबाइल नंबर- 00000 00000

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सात मोहल्ला क्लिनिक की जांच में सामने आया कि इनमें 11 हजार 657 रिकॉर्ड ऐसे पाए गए, जिनमें पेशेंट का मोबाइल नंबर जीरो लिखा गया। 8,251 मामलों में मोबाइल नंबर की जगह खाली छोड़ दी गई और 3,092 मामलों में ‘99999 99999’ मोबाइल नंबर एंटर किया गया।

डॉक्टर फर्जी अटेंडेंस लगा रहे थे

अधिकारियों के मुताबिक, ऐसी 400 एंट्री थीं, जिसमें 1-5 अंक से शुरू होने वाले फोन नंबर थे, जबकि इन अंकों से कोई फोन नंबर शुरू नहीं होता। 999 केस में 15 या उससे ज्यादा पेशेंट्स के नाम के आगे एक ही नंबर लिख दिया गया था। सोचने वाली बात ये है कि मोहल्ला क्लिनिक्स में डॉक्टर फर्जी अटेंडेंस लगा रहे थे, तो ये टेस्ट और दवाएं कौन लिखकर दे रहा था? क्या नॉन मेडिकल स्टाफ ये काम कर रहा था?


पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेल में: दिल्ली सरकार में सौरभ भारद्वाज स्वास्थ्य मंत्री हैं। इनसे पहले सत्येन्द्र कुमार जैन के पास यह विभाग था। जैन मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में हैं।

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