SINGRAULI. वर्ष 2008 से अंगद के पांव की तरह सिंगरौली में जमे भाजपा के पांव उखड़ने लगे हैं। कम से कम पंचायत चुनाव में तो यही दिख रहा है। जिसमें न केवल पंच, सरपंच व जनपद सदस्यों के चुनाव में भाजपा समर्थित अधिकांश उम्मीदवार किनारे लग गये हैं बल्कि जिला पंचायत के चुनाव में भी सिंगरौली भाजपा के कई नामचीन दिग्गज धराशायी होने की कगार पर पहुंच गए हैं। जिसमें पूर्व श्रम मंत्री स्वर्गीय जगन्नाथ की पुत्रवधू एवं सिंगरौली जिला पंचायत की पहली अध्यक्ष श्रीमती राधा सिंह, उनके पति व निवर्तमान जिला पंचायत के उपाध्यक्ष डॉ रविंद्र सिंह, निवर्तमान पूर्व महापौर प्रेमवती खैरवार तक इस परिवर्तन की आंधी में उड़ते नजर आ रहे हैं। यही नहीं चितरंगी विधान सभा की पूर्व कांग्रेस विधायक श्रीमती सरस्वती सिंह को भी मतदाताओं के आक्रोश ने अपना शिकार बना लिया है। यही नहीं सिंगरौली भाजपा के आधार स्तंभ माने जाने वाले गुरु शीतला धर द्विवेदी की पुत्रवधू व भाजपा जिला मंत्री प्रवीण धर की धर्मपत्नी श्रीमती अर्चना धर द्विवेदी को इस चुनाव में खेत हो जाने की चर्चा जोरों पर है। पूर्व विधायक सरस्वती सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राधा सिंह, अर्चना धर द्विवेदी सामान्य महिला सीट वार्ड 10 कुलकवार वार्ड से चुनाव लड़ रही थी। पूर्व महापौर प्रेमवती खैरवार एवं डॉ रविंद्र सिंह अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित वार्ड क्रमांक 12 में एक दूसरे को हराने के उद्देश्य से उतरे थे। ये सभी वार्ड चितरंगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आते हैं।
रुझानों ने सत्तारूढ़ दल को झगझोरा
रुझानों के अनुसार जिला पंचायत की अधिकांश सीटें कांग्रेस के हाथ जाती दिख रही है। एक सीट पर आम आदमी पार्टी का खाता खुल सकता है ।
जून- जुलाई माह में तीन चरणों में कराए गए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अधिकृत परिणाम तो 14-15 जुलाई को आएंगे, लेकिन पोलिंग बूथों पर प्राप्त मतों की संख्या के मुताबिक उम्मीदवार अपने-अपने जीत के दावे कर रहे है। जिसके मुताबिक प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को गांवों के वोटरों ने तगड़ा झटका देने के संकेत दे दिए है। भाजपा के हाथ से जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज भी छिनता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि जिला पंचायत सिंगरौली के 14 वार्डों में से 11 वार्डो में कांग्रेस, 2 में भाजपा और 1 सीट आम आदमी पार्टी के खाते में जा रही है। पोलिंग बूथों के रुझानों के मुताबिक जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 1 उर्ती सामान्य सीट से संदीप शाह आम आदमी पार्टी समर्थित वार्ड क्रमांक 2 कोयलखूथ सामान्य महिला सीट से उषा शाह भाजपा समर्थित, वार्ड क्रमांक 3 पोडी नौगई अनुसूचित जाति सीट से राजेंद्र वर्मा कांग्रेस समर्थित, वार्ड क्रमांक 4 लंघाडोल अनुसूचित जनजाति महिला सीट से सरोज सिंह पति सुरेंद्र सिंह कांग्रेस समर्थित, वार्ड क्रमांक 5 खनुआ नयाटोला अनुसूचित जाति महिला सीट से सविता प्रजापति, वार्ड क्रमांक 6 ओडगडी अनुसूचित जनजाति राय सिंह मरावी, वार्ड क्रमांक 7 बरका अनुसूचित जनजाति महिला सीट से सोनम सिंह कांग्रेस समर्थित, वार्ड क्रमांक 8 महुआ गांव अनुसूचित जनजाति महिला से सरोज सिंह, वार्ड क्रमांक 9 नौढिया आबाद सामान्य महिला सीट से चमेली घनश्याम पाठक कांग्रेस समर्थित, वार्ड क्रमांक 10 कुलकवार सामान्य महिला सीट से अर्चना नागेन्द्र सिंह, वार्ड क्रमांक 11 ओडनी सामान्य सीट से सोमदेव ब्रम्ह कांग्रेस समर्थित, वार्ड क्रमांक 12 गीर अनुसूचित जनजाति सीट से अशोक सिंह पैगाम कांग्रेस समर्थित, वार्ड क्रमांक 13 नौढिया सामान्य महिला सीट से गीता यादव भाजपा समर्थित, वार्ड क्रमांक 14 चितरंगी सामान्य सीट से कमलेन्द्र सिंह कांग्रेस समर्थित अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे है।
क्या पंजे की पकड़ मजबूत हो रही
पंचायत चुनाव के रुझानों से साफ होता दिखाई दे रहा है कि आसन्न विधानसभा चुनाव के सेमी फाइनल में गांव की सरकार में कांग्रेस के पंजे की पकड़ मजबूत होती दिखाई दे रही है। इधर आम आदमी पार्टी की धमक भी सत्तारूढ़ पार्टी को चिंता में डालती नजर आ रही है। लोगों में चर्चा का विषय है कि क्षेत्रीय नेता पार्टी की एक जुटता बनाये रखने के बजाय आपस में ही चुनाव लड़ रहे थे। मसलन भाजपा- भाजपा से चुनावी मैदान में जंग लड़ते रहे। जिससे भाजपा को गांव की सरकार में ही शिकस्त खाना पड रहा है। और प्रदेश के नेता समन्वय बनाने की बजाय महानगरों -नगरों के वातानुकूलित कमरों और कारों से बाहर निकलने में गुरेज कर रहे थे। परिणामस्वरूप भाजपा के हाथ से जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज भी पंजे की पकड़ में जाता दिखाई दे रहा है। मसलन अब जिले की 80 फीसदी गांव सरकार पर कांग्रेस का राज होगा।