NEW DELHI. देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा छिड़ी हुई है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुधवार को वर्चुअल मीटिंग की और UCC का विरोध करने का फैसला किया। बोर्ड ने लेटर जारी करके लोगों से भी UCC का विरोध करने की अपील की है। वहीं केरल के राज्यपाल ने शरियत कानून पर हमला बोला है।
केरल के राज्यपाल का शरियत कानून पर हमला
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शरियत कानून पर हमला बोला है। आरिफ खान ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बनाने वाले अपने आप को खुदा से कम नहीं समझते। बादशाहों की जरूरत पूरी करने के लिए लिखे गए कानूनों को शरियत का नाम दिया गया। ये उसी की वकालत करते हैं। इस्लामी कानून भेदभाव करते हैं। 90 प्रतिशत कानूनों का कुरान से कोई लेना-देना नहीं है। तीन तलाक खत्म करने के लिए 40 साल बाद हमारी पीढ़ियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद करेंगी।
केरल गवर्नर ने और क्या-क्या कहा ?
'कानून बदल सकते हैं, लेकिन आदतें कैसे बदलें'
गवर्नर आरिफ खान ने कहा कि UCC समय की मांग है। आप कानून बदल सकते हैं, लेकिन आदतें बहुत मुश्किल से बदलती हैं। कुछ लोगों की वोट बैंक के लिए धर्म का प्रदर्शन करने की आदत है। इसलिए उनसे किसी समझदारी की उम्मीद करना बेमानी होगी।
'ट्रिपल तलाक के केस 5 साल में 95 प्रतिशत घटे'
गवर्नर आरिफ खान ने बताया कि पीएम मोदी ने 2019 में ट्रिपल तलाक खत्म किया। तब से आज तक मुस्लिमों में ट्रिपल तलाक के मामलों में 95 प्रतिशत की कमी आई। फायदा उन महिलाओं को हुआ है जो तीन तलाक के बाद दर-दर भटक रही थीं। इस कानून से उनकी जिंदगी बदल गई।
'न्याय करते वक्त कोर्ट धर्म नहीं पूछेगा'
आरिफ खान ने कहा कि UCC लागू होने के बाद अगर 2 महिलाएं समान परिस्थितियों में कोर्ट जाती हैं तो कोर्ट उनसे उनका धर्म नहीं पूछेगा, बल्कि समान रूप से न्याय करेगा। जिसे पाना हर नागरिक का हक है। यूनिफॉर्म सिविल कोड यही बात सुनिश्चित करेगा।
पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक में क्या हुआ ?
संसदीय समिति की बैठक 3 जुलाई को हुई थी। राज्यसभा सांसद सुशील मोदी मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने आदिवासियों और नॉर्थ ईस्ट राज्यों को UCC से बाहर रखने की वकालत की। वहीं बैठक में मौजूद कांग्रेस-शिवसेना ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने UCC को अगले साल होने वाली लोकसभा चुनाव से जोड़ा।
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20 जुलाई से शुरू होगा मॉनसून सत्र
केंद्र सरकार ने 20 जुलाई से मॉनसून सत्र की घोषणा कर दी है। सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार इस दौरान संसद में UCC पर विधेयक ला सकती है। लॉ कमीशन ने 13 जून को सार्वजनिक नोटिस के जरिए सुझाव मांगे थे। अब तक 19 लाख जवाब मिल चुके हैं, ये प्रोसेस 13 जुलाई तक चलेगी।