MUMBAI. एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर चुप्पी तोड़ ही दी। 18 मार्च को अजित पवार ने कहा कि मैं एनसीपी में हूं और एनसीपी में ही रहेंगे। एनसीपी जो भी तय करेगी, मैं वहां रहूंगा।
अजीत पवार ने कहा, 'आज मुझसे विधायक मिलने आए थे, ये रूटीन काम के लिए आए थे। इसका अलग मतलब मत निकालिए। मैं पार्टी और शरद पवार के प्रति बहुत वफादार हूं और जो वे कहेंगे वही करूंगा। जो मैसेज और अफवाहें फैलाई जा रही हैं, वह सब हमारे खिलाफ साजिश है। देश में लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कतें किसानों को हैं। लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।' वहीं, एकनाथ-उद्धव गुट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा, हम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, अजीत ने ट्विटर पर अपने अकाउंट से एनसीपी का झंडा हटा दिया, लेकिन खुद को अभी भी एनसीपी नेता लिखा है।
यहां से शुरू हुईं अजित के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें
असल में अजित पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी के करिश्मे की तारीफ कर दी थी। यही नहीं, उन्होंने ईवीएम पर भी भरोसा जताया था। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने एनसीपी को एनडीए में आने का न्योता दे दिया। तब से महाराष्ट्र में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। इतना ही नहीं खबरें सामने आई थीं कि अजित पवार ने एनसीपी विधायकों की बैठक बुलाई थी। वे NCP सुप्रीमो शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले की पुणे की रैली में भी शामिल नहीं हुए थे। इन सब घटनाओं के बाद उनके बीजेपी में जाने की अटकलों को बल मिल गया।
कहा जा रहा है कि अजित पवार एनसीपी के 53 में से 30-34 विधायकों के साथ मिलकर शिंदे-फडणवीस सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। ये भी खबरें थीं कि अजित पवार एनडीए में शामिल होने के लिए पार्टी में समर्थन जुटा रहे हैं। अजित की इस मुहिम में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे जैसे एनसीपी नेताओं ने समर्थन किया। हालांकि, एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल समेत कई नेता इसके पक्ष में नहीं हैं।
अजित ने बताया कि क्यों पुणे की रैली में शामिल नहीं हुआ?
अजित पवार ने कहा था कि खबरें चल रही हैं कि मैंने बैठक बुलाई, लेकिन ये पूरी तरह गलत है। मैंने कोई बैठक नहीं बुलाई। रैली में न शामिल होने को लेकर उन्होंने बताया था कि वे लू लगने से जान गंवाने वाले लोगों के परिजन और बीमार लोगों से मुलाकात करने के लिए अस्पताल में थे। ऐसे में पुणे की रैली में शामिल नहीं हो पाए।
पूरे मसले पर शरद पवार का क्या रुख?
शरद पवार ने कहा, 'कुछ लोग सिर्फ खबर बना रहे हैं, इसके अलावा इन बातों का कोई अर्थ नहीं हैं। जो चर्चा आपके मन में वो हम में से किसी के मन में नही है , इसलिए इसकी कोई अहमियत नहीं है। मैं एनसीपी के बारे में कह सकता हूं कि इस पार्टी में काम करने वाले सभी नेता एक विचार से पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इसके लिए काम कर रहे हैं। ऐसा सुनने में आया कि विधायकों की बैठक है, यह बात बिलकुल झूठी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल अपने चुनाव क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अजित पवार भी काम में व्यस्त हैं। मैं यहां हूं, इसके अलावा बैठक बुलाने का किसी को अधिकार ही नहीं है।'
राउत ने बीजेपी के सिर फोड़ा ठीकरा
संजय राउत ने कहा, मैंने रोकठोक (सामना अखबार का कॉलम) में भी यही लिखा था कि जैसे हमें और हमारे पार्टी के नेताओं को ईडी और सीबीआई के जरिए परेशान किया गया और पार्टी तोड़ी गई, वही NCP के साथ किया जा रहा है। इस तरह की खबरें बीजेपी प्लांट करा रही है कि 40 विधायक अजित पवार के साथ जा रहे है। हम लगातार उनके संपर्क में हैं। अजित पवार और शरद पवार में काफी अच्छे संबंध है। नागपुर से लेकर अभी तक वो हमारे संपर्क में हैं। अजित पवार पर इस तरह से आपको बार-बार सवाल नही उठाना चाहिए। वो हमारे विपक्ष के नेता हैं और महाविकास अघाड़ी पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। सबसे ज्यादा भ्रम राज्य के सीएम फैला रहे हैं।'