NEW DELHI. विपक्षी दल 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में मीटिंग करने वाले हैं। इसमें 25 पार्टियों के शामिल होने की संभावना है। 8 नई पार्टियां और जुड़ी हैं। मीटिंग से 1 दिन पहले सोनिया गांधी ने आम आदमी पार्टी समेत सभी दलों को डिनर पर बुलाया है।
8 नए दलों को भेजा न्योता
पटना में हुई बैठक में 17 दलों के नेता शामिल हुए थे। इस बार विपक्षी कुनबे को और मजबूत करने के लिए 8 और दलों को न्योता भेजा गया है। इनमें मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), कोंगु देसा मक्कल काची (KDMK), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) शामिल हैं। इन नई पार्टियों में से KDMK और MDMK 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान BJP की सहयोगी हुआ करती थीं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने चिट्ठी लिखकर भेजा न्योता
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी टॉप अपोजिशन लीडर्स को अगली बैठक में शामिल होने का न्योता भेजा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक चिट्ठी लिखकर नेताओं को बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तरफ से पटना में बुलाई गई 23 जून की बैठक में उनकी भागीदारी के बारे में याद दिलाया।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने चिट्ठी में क्या लिखा ?
बैठक हमारे लिए बड़ी सफलता थी, क्योंकि हम हमारी लोकतांत्रिक राजनीति को खतरे में डालने वाले मुद्दों पर चर्चा कर पाए और अगला चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हुए। इसलिए हम जुलाई में फिर से मिलने पर भी सहमत हुए हैं। मेरा मानना है कि इन चर्चाओं को जारी रखना, और हमने जो मोमेंटम बनाया है, उसे आगे ले जाना, बहुत जरूरी है। जिन चुनौतियों का सामना देश कर रहा है, हमें उनका हल खोजने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि 17 जुलाई को शाम 6 बजे बेंगलुरु में डिनर के बाद होने वाली बैठक में शामिल हों। बैठक 18 जुलाई को सुबह 11 बजे से जारी रहेगी। बेंगलुरु में आपसे मिलने के लिए उत्सुक हूं।
पटना की मीटिंग में शामिल हुए थे 17 दल
23 जून को विपक्षी एकता की पहली मीटिंग पटना में हुई थी। इसमें 17 से ज्यादा राजनीतिक दल शामिल हुए थे। ये मीटिंग बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुलाई थी। मीटिंग में NCP प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत कई नेता आए थे।
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केजरीवाल के आने पर सस्पेंस
सोनिया गांधी की ओर से आम आदमी पार्टी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी न्योता भेजा गया है। पहली बैठक में आम आदमी पार्टी दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के स्टैंड को लेकर नाराज थी। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस ने समर्थन नहीं दिया तो वे दूसरी बैठक में नहीं आएंगे। इसलिए केजरीवाल के आने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।