लोकसभा में मोदी का राहुल पर निशाना- तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं

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Atul Tiwari
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लोकसभा में मोदी का राहुल पर निशाना- तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं

NEW DELHI. संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी ने भाषण दिया। पीएम मोदी ने इस भाषण में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस समेत पाकिस्तान और आतंकवाद पर भी जोरदार हमला बोला। करीब डेढ़ घंटे संसद में पीएम मोदी जमकर गरजे। जम्मू-कश्मीर से लेकर नार्थ ईस्ट तक शांति स्थापना को उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धि बताया। इसके साथ ही साथ कोरोना वैक्सीनेशन, आदिवासी गौरव और जी-20 की अध्यक्षता को लेकर भी अपनी बात रखी। सदन में पीएम मोदी का अंदाज कभी जोशीला तो कभी शायराना रुप में सामने आया, मोदी कभी कवि दुष्यंत कुमार की पंक्तियों से तो कभी काका हाथरसी की पंक्तियों से विपक्ष को आइना दिखाते नजर आए। मोदी ने हार्वर्ड की नई थ्योरी बताकर कांग्रेस की वर्तमान हालत पर भी चुटकी ली।



मोदी के भाषण की खास बातें..



अभिभाषण के समय कुछ लोग कन्नी काट गए



जब राष्ट्रपति जी का अभिभाषण का हो रहा था, तब कुछ लोग कन्नी भी काट गए। एक बड़े नेता तो राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखा चुके हैं। जब इस प्रकार की बातें टीवी पर कही गईं, तो भीतर पड़ा हुआ नफरत भाव था, वह सच बाहर आकर ही रह गया। ...ठीक है, बाद में चिट्ठी लिखकर बचने की कोशिश की गई। जब राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर चर्चा सुन रहा था, तब लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। राष्ट्रपति जी के भाषण पर किसी को ऐतराज नहीं है या आलोचना नहीं है।



राहुल पर शायराना वार



मैं देख रहा था कल कि कुछ लोगों के भाषण के बाद उनके समर्थक उछल रहे थे। वे खुश होकर कहने लगे कि ये हुई ना बात। शायद नींद भी अच्छी आई होगी। शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए बहुत अच्छे ढंग से कहा गया है- ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं। 



राष्ट्रपति ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया



राष्ट्रपति ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया है, लेकिन आज आजादी के 75 साल के बाद समाज में जो गौरव को बढ़ाया है, उनका आत्मविश्वास बढ़ाया है, उसके लिए आभारी हूं। उनके भाषण में संकल्प से सिद्धि तक का खाका खींचा गया। एक प्रकार से देश को प्रेरणा भी दी गई। यहां सभी ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। सभी ने अपनी प्रवृत्ति और समझ के हिसाब बात की। इससे उनके इरादे भी प्रकट हुए। देश की जनता ने सब कुछ देखा।



महामारी से हम जिस तरह से निपटे, उससे आत्मविश्वास बढ़ा



किसी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की बातों का विरोध नहीं किया, इस बात की खुशी है। सदन में हंसी-मजाक, टीका-टिप्पणी, नोक-झोंक होती रहती है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण अवसर हमारे सामने है। जो राष्ट्रपति जी के पूरे भाषण में है, वो पूरे 140 करोड़ देशवासियों के लिए हैं। सौ साल में एक बार आई भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति और बंटा हुआ विश्व, इस स्थिति में भी और इस संकट के माहौल में भी देश जिस प्रकार से संभला है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है।



भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली, वो कौन जिन्हें इसका भी दुख हो रहा



चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता। चुनौतियां तो आती हैं, लेकिन चुनौतियों से ज्यादा सामर्थ्यवान है 140 करोड़ देशवासियों का जज्बा। उनका सामर्थ्य चुनौतियों से भी ज्यादा मजबूत, बड़ा है। अनेक देशों में अस्थिरता का माहौल है। भीषण महंगाई है। खानेपीने का संकट है। हमारे अड़ोस-पड़ोस में भी जिस प्रकार के हालात बने हुए हैं, ऐसी स्थिति में कौन हिंदुस्तानी इस बात पर गर्व नहीं करेगा कि ऐसे समय में भी देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी है, एक आशा है, भरोसा है। यह भी खुशी की बात है कि आज भारत को विश्व के समृद्ध देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। यह देश के लिए गर्व की बात है। 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है। लेकिन पहले मुझे नहीं लगता था, लेकिन अभी लग रहा है कि इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है। वे आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन लोग हैं, जिन्हें इसका भी दुख हो रहा है।



हमने कोरोना की अपनी वैक्सीन बनाई, नागरिकों को मुफ्त में लगाई, देश आगे बढ़ रहा



कोरोनाकाल में भारत निर्मित वैक्सीन तैयार हुई। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया गया। अपने करोड़ों नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन के टीके लगाए गए। 150 से ज्यादा देशों को इस संकट के समय में हमने जहां जरूरत थी, वहां दवाई और वैक्सीन पहुंचाई। आज विश्व के कई देश भारत के विषय में यह बात गौरव से विश्व मंच पर कहते हैं, भारत का गौरवगान करते हैं। आज भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत है। इसने ताकत दिखाई है। पूरा विश्व इसका अध्ययन कर रहा है। बाली में जी-20 में डिजिटल इंडिया की वाहवाही हो रही थी। कोरोनाकाल में दुनिया के बड़े-बड़े देश अपने नागरिकों को आर्थिक मदद पहुंचाना चाहते थे। आज हम वो देश हैं, जो एक सेकंड एक हिस्से में हजारों करोड़ रुपये ट्रांसफर कर देता है। एक समय था, जब देश छोटी तकनीक के लिए भी तरसता था। आज देश आगे बढ़ रहा है।



आज देश में स्थिर सरकार है, फैसले लेने वाली सरकार है। आज देश आत्मविश्वास से भरा है। डिजिटल इंडिया की हर तरफ वाहवाही हो रही है। इच्छाशक्ति से हम सुधार कर रहे हैं। आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है। ये सुधार मजबूरी में नहीं किए गए हैं।



कुछ लोग भारत की तरक्की देख नहीं पा रहे



दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है। निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे। 140 करोड़ देशवासियों के पुरुषार्थ और परिश्रम उपलब्धि उन्हें नजर नहीं आ रही। पिछले 9 साल में भारत में 90 हजार स्टार्टअप आए हैं। आज स्टार्टअप के मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। बहुत बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम देश की टियर-3 शहरों तक पहुंच चुका है। इतने कम समय में और कोरोना के विकट कालखंड में 108 यूनिकॉर्न बने। एक यूनिकॉर्न यानी 7-8 हजार करोड़ से ज्यादा की कीमत। आज भारत दुनिया में मोबाइल बनाने में दूसरा बड़ा देश बन गया है। घरेलू विमान यात्रियों के मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं।



यूपीए ने हर मौके को मुसीबत में पलटा



अंतर्मन की चीजें उनको चैन से सोने भी नहीं देतीं। 2004 से 2014 आजादी के बाद सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा। वही 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत के हर कोने में आतंकी हमले होते रहे। यही सूचना चलती रही कि अनजानी चीज को हाथ मत लगाना। 10 साल में कश्मीर से नॉर्थ ईस्ट तक हिंसा ही हिंसा। ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत की आवाज इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी। इनकी निराशा का कारण ये भी है कि आज जब देश के 140 करोड़ लोगों का सामर्थ्य खिल रहा है। 4 से 14 तक इन्होंने वो अवसर गंवा दिया और हर मौके को मुसीबत में पलट दिया।



पल-पल देश के लिए खपा दिया है



ये लोग बिना सिर-पैर की बातें करने के आदी हैं। इस कारण उन्हें ये याद नहीं रहता कि वे खुद कितने विरोधाभासी हो जाते हैं। वे आत्मचिंतन कर खुद के विरोधाभास को भी तो ठीक करें। वे 2014 के बाद से लगातार कर रहे हैं कि भारत कितना कमजोर हो रहा है। अब कह रहे हैं कि भारत इतना मजबूत हो गया है कि दूसरे देशों को धमकाकर फैसला करवा रहा है। अरे पहले यह तो तय करो भाई कि भारत कमजोर हुआ है या मजबूत हुआ है। कोई भी जीवंत संगठन या व्यवस्था होती है, जो जमीन से जुड़ी होती है तो देश उसका चिंतन करता है, उससे सीखने की कोशिश करता है, अपनी राह भी बदलता रहता है। मोदी पर भरोसा अखबार की सुर्खियों से पैदा नहीं हुआ। जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए पल-पल खपा दिए हैं।



मेरे पास 140 करोड़ लोगों का सुरक्षा कवच



कुछ लोगों में हार्वर्ड स्टडी का बड़ा क्रेज है। एक नेता ने कहा था हार्वर्ड में स्टडी होगी। हार्वर्ड में स्टडी हो चुकी है। इस स्टडी का टॉपिक है द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ कांग्रेस पार्टी। कुछ लोग अपने और परिवार के लिए बहुत कुछ तबाह करने के लिए लगे हुए है। मेरे पास 140 करोड़ लोगों का सुरक्षा कवच है। इसे कोई भेद नहीं सकता।

 



कांग्रेस का मोदी सरकार पर निशाना



कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल के भाषण की चर्चा पूरे देश में हो रही है। राहुल के भाषण को पूरे देश ने सुना। राहुल का तीर सही निशाने पर लगा। अधीर रंजन ने कहा कि आप चीन से डरते हैं। चीनी अतिक्रमण पर आप चर्चा क्यों नहीं करते हैं। लद्दाख में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है। चीन ने भारतीय सेना को गश्त करने से रोका। अधीर रंजन ने आगे से कहा कि पहले हमने कभी राष्ट्रपति की जाति या धर्म के बारे में नहीं सुना लेकिन पहली बार पूरे देश में यह बताया जा रहा है कि  भाजपा ने एक आदिवासी राष्ट्रपति बनाया है। इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया है... आपने राहुल गांधी को 'पप्पू' बनाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने आपको पप्पू बना दिया।



अमित शाह ने अधीर रंजन को दिया जवाब



अमित शाह ने कहा कि अधीर रंजन चीन पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। अगर आपके पास इन आरोपों के स्रोत हैं तो बता दें, फिर आपको जो बोलना है बोलिए। शाह ने कहा कि आप हजारों एकड़ जमीन हारकर आए थे तो क्या चर्चा की थी।



पीएम मोदी के विचार और हृदय गंगा नदी की तरह पवित्र- रिजिजू 



केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि 2014 से पहले अखबारों में रोजाना नए-नए घोटाले सामने आ रहे थे और लोगों का नेताओं पर से भरोसा उठ रहा था। पीएम मोदी ने सरकार और निर्वाचित प्रतिनिधियों में जनता के विश्वास को फिर से स्थापित किया। पीएम मोदी के विचार और हृदय गंगा नदी की तरह पवित्र हैं और रहेंगे।

 


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