NEW DELHI. लोकसभा से अयोग्य घोषित होने के बाद अब लोकसभा आवास समिति ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकार द्वारा आवंटित बंगला खाली करने का नोटिस दिया है। बीते शुक्रवार ही लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता को रद्द कर दिया था। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे। लोकसभा से अयोग्य घोषित होने के बाद अब लोकसभा आवास समिति ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकार द्वारा आवंटित बंगला खाली करने का नोटिस दिया है।
क्यों गई सदस्यता?
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मोदी सरनेम केस में दो साल की सजा सुनाई थी। अदालत के इस फैसले के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत स्पीकर ने यह कार्रवाई की।
12, तुगलक लेन अब नहीं रहेगा राहुल का ठिकाना
बता दें कि राहुल गांधी लुटियंस दिल्ली में 12, तुगलक लेन वाले सरकारी बंगले में रहते हैं। वो बंगला साल 2004 से ही राहुल गांधी के नाम पर आवंटित है। यह बंगला उन्हें पहली बार तब मिला था जब वो 2004 में अमेठी से पहली बार सांसद बने थे।
राहुल बने 'डिसक्वालीफाइड MP'
सांसदी जाने के बाद से ही राहुल गांधी को लेकर सियासत तेज है। विपक्षी नेताओं में भी खूब एकजुटता दिखाई दे रही है। बीते दिन यानी रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सांसदी जाने के बाद अपने ट्विटर बायो में भी बदलाव कर लिए। अब राहुल ने अपने बायो में 'डिसक्वालीफाइड MP' को खास मेंशन किया।
एक बयान की वजह से छिना सब कुछ
आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर वो कौन सा बयान है जिसकी वजह से राहुल का बंगला और सांसदी दोनों छिन गए। दरअसल साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी भाषण दे रहे थे। इस भाषण में राहुल ने कथित तौर पर ये कहा था, 'इन सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?'
मानहानि के मामले में दो साल की सजा
राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। पूर्णेश मोदी सूरत पश्चिमी से बीजेपी विधायक हैं और पेशे से वकील हैं। पूर्णेश मोदी का आरोप था कि राहुल गांधी की इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की है। इस मामले की सुनवाई सूरत की अदालत में हुई और राहुल को दो साल की सजा सुनाई गई।