LONDON. राहुल गांधी ब्रिटेन दौरे पर हैं। उन्होंने वहां कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर दिया था। 5 मार्च को उन्होंने लोगों को संबोधित किया। कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पाया कि देश में मुख्य मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी हैं। इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ हिंसा भी एक छिपा हुआ मुद्दा है।
कैंब्रिज-हार्वर्ड में बोल सकता हूं, भारतीय यूनिवर्सिटी में नहीं
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे भारतीय राजनीति और वैश्विक राजनीति पर बात करने के लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय में बोलने की अनुमति दी गई थी। वहां काफी अच्छा माहौल है। मैं सोच रहा था कि जब मैं वहां बोल रहा था, यह काफी अजीब है कि एक भारतीय राजनेता कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भाषण दे सकता है, लेकिन वह भारत के एक विश्वविद्यालय में भाषण नहीं दे सकता है। केंद्र पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि विपक्ष को संसद में मुद्दे उठाने की इजाजत नहीं है।
Strange that an Indian political leader can give a talk in Cambridge, Harvard but not in an Indian university.
Govt does not allow any idea of opposition to be discussed. It is not an India all of us are used to. @RahulGandhi addresses Indian diaspora at Hounslow in London. pic.twitter.com/bavzHqErsE
— Congress (@INCIndia) March 5, 2023
एक आदमी के पास सारा पैसा
राहुल ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि एक या दो व्यवसायी करीब हर कारोबार को नियंत्रित करते हैं। वे हाल ही में प्रसिद्ध हुए हैं, आप उनकी संपत्ति पर रिपोर्ट देख सकते हैं। यह भारतीय लोगों की कीमत पर है। एक व्यक्ति अपने राजनीतिक संबंधों के कारण सारा पैसा कमा रहा है। हमारी सरकार विपक्ष के किसी भी विचार और विपक्ष की किसी भी अवधारणा पर चर्चा करने की अनुमति नहीं देती। संसद भवन में भी ऐसा ही होता है, जब हमें महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बात करनी होती है और नोटबंदी, जीएसटी, चीनियों का हमारे क्षेत्र के अंदर आना जैसे सवालों को उठाने की कोशिश करते हैं, तो हमें मुद्देसदन में उठाने की अनुमति नहीं दी जाती।
When there is no competition in the country and one person is making all the money because of his political connections, the strength and energy of the country gets wasted.
: @RahulGandhi ji pic.twitter.com/lmJlaKEba0
— Congress (@INCIndia) March 5, 2023
बोले- इमोशनल बॉन्ड बनाना चाहते हैं
राहुल ने ये भी कहा कि यह शर्मनाक है, लेकिन यह सच है और यह वह भारत नहीं है, जिसके हम सभी आदी हैं। हमारा देश एक खुला देश है, जहां हम अपनी बुद्धिमत्ता पर गर्व करते हैं, एक-दूसरे की राय का सम्मान करते हैं, एक-दूसरे की बात सुनते हैं, जो अब नष्ट हो चुका है। भारत जोड़ो यात्रा के पीछे का मकसद सीधे जनता के बीच जाना था। भारत में कई महान लोग यात्रा पर गए, सबसे प्रसिद्ध यात्रा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने की थी। विवेकानंद जी देश भर में चले। गुरु नानक जी देश भर में चले। यात्रा के इस विचार का उपयोग किया और यह यात्रा वास्तव में एक आत्मनिरीक्षण है, लोगों को सुनने का प्रयास है। मैं अपनी आलोचना से नहीं डरता। यह साहस और कायरता, प्यार और नफरत के बीच की लड़ाई है। वे मेरे ऊपर जितना हमला करेंगे, उतना मैं उन्हें बेहतर समझ पाऊंगा।
"Throughout the Yatra, my role was to make every single person, who marched alongside us, feel at home.
We did not want a political relationship with them, we built an emotional bond with everyone."
:@RahulGandhi ji pic.twitter.com/F93O7ERHzV
— Congress (@INCIndia) March 5, 2023