जयपुर में विधानसभा में प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की स्पीकर से नोंकझोंक, विरोध करते हुए प्रश्नकाल का बहिष्कार

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Rahul Garhwal
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जयपुर में विधानसभा में प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की स्पीकर से नोंकझोंक, विरोध करते हुए प्रश्नकाल का बहिष्कार

JAIPUR. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की प्रश्नकाल में ही स्पीकर सीपी जोशी से जमकर नोंकझोंक हो गई। स्थिति ये बनी कि पूरे बीजेपी विधायक दल ने स्पीकर का विरोध करते हुए प्रश्नकाल का बहिष्कार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष के रूप में साढे़ 4 साल तक काम करने वाले गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद राजेन्द्र राठौड़ को हाल ही में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। इस पद पर ये उनका पहला सत्र है और सोमवार को प्रश्नकाल में ही वे स्पीकर से उलझ गए। बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की। इसके बाद प्रश्नकाल का बहिष्कार करके चले गए। बीजेपी विधायकों के प्रश्न स्पीकर ने पूछे और इस दौरान खुद स्पीकर भी एक विधायक की भूमिका में नजर आए और उन्होंने कुछ सवालों पर पूरक सवाल भी पूछे।





ऐसे हुआ विवाद





बीजेपी विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने उनके क्षेत्र केशोरायपाटन में खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों की संख्या कम होने के बारे में पूछा था। इसी का पूरक प्रश्न जब नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पूछा तो स्पीकर ने अप्रांसगिक (इर्रेलेवेंट) बताकर खारिज कर दिया। इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्पीकर से सवाल किया कि सवाल इर्रेलेवेंट कैसे हो गया? राठौड़ के सवाल उठाने पर स्पीकर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि आप स्पीकर के फैसले पर सवाल नहीं पूछ सकते। स्पीकर की मंशा पर सवाल नहीं उठा सकते। आपका विशेषाधिकार (प्रिविलेज) है तो स्पीकर का भी है। इस पर दोनों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई।





राजेंद्र राठौड़ ने क्या कहा ?





राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आपका प्रिविलेज है तो हम घास खोदने नहीं आए हैं। सवाल नहीं पूछेंगे क्या, आप दादागिरी करेंगे? ये क्या बात हो गई। इसके बाद नाराज बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी।





स्पीकर ने क्या कहा ?





स्पीकर ने कहा कि आसन पर आरोप नहीं लगाया जा सकता। मैं आसन पर आरोप नहीं सुनूंगा। मैं बाहर निकाल दूंगा। आपको जाना है तो जाइए। आपके हिसाब से नहीं चलूंगा। मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते। आपको अगर असेंबली नहीं चलानी तो मत चलाइए। इसके बाद नाराज बीजेपी विधायकों ने काफी देर तक वेल में नारेबाजी की। फिर प्रश्नकाल का बहिष्कार करके चले गए।





स्पीकर ने उपनिवेशन मंत्री की ली क्लास





विधानसभा में बाद में प्रश्नकाल तो चला, लेकिन बीजेपी विधायकों के सवाल खुद स्पीकर ने पूछे। इसी दौरान नहरी क्षेत्र के लोगों को जमीनों का खातेदारी अधिकार दिए जाने के एक सवाल पर स्पीकर ने उपनिवेशन मंत्री शाले मोहम्मद की क्लास ले ली। सवाल में ये सामने आया था कि ये मामला 10 साल से अटका हुआ है। मंत्री ने कहा एक सप्ताह में  मामला निपटा देंगे। स्पीकर ने कहा कि जो मामला 10 साल से अटका हुआ है, उसे आप एक सप्ताह में कैसे निपटा दोगे। मंत्री ने सरकार के स्तर पर जो निर्णय करना है, वो हम एक सप्ताह में कर देंगे, बाद में जमीनों का कब्जा मिलने की कार्रवाई में समय लग सकता है। इस पर स्पीकर ने कहा कि सरकार का निर्णय अलग बात है तो कब्जा मिलना अलग बात है। लोग इतने समय से इंतजार कर रहे हैं, आप तो ये बताओ कि एक सप्ताह में उन्हें कब्जा दे दोगे क्या? इस पर मंत्री के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था। मंत्री ने ये कहकर बात खत्म की कि आपने जो निर्देश दिए हैं, उस पर काम करते हुए कब्जा जल्द से जल्द मामला खत्म करेंगे।





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कांग्रेस विधायक ने अपने ही मंत्री को घेरा





प्रश्नकाल में ही कांग्रेस विधायक हरीश मीणा के सवालों पर जल संसाधन मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय घिरते दिखे। पायलट गुट के माने जाने वाले कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने बीसलपुर बांध के कारण विस्थापित गांवों के लोगों की कॉलोनियों में 40 साल बाद भी विकास के काम नहीं होने पर सवाल किया था। सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि जल्द इसका समाधान होगा। विधायक हरीश मीणा ने कहा कि 40 साल से गांव में सड़कें नहीं हैं। 2 साल में मैंने चीफ सेक्रेटरी से लेकर सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी सचिव से बात की। सिंचाई विभाग के सचिव कहते हैं कि हमने तो बना दी मेंटेनेंस पीडब्ल्यूडी करेगा। पीडब्लूडी से कहता है हमें बजट तो दिलवा दो। केवल कागजों में काम ट्रांसफर करना है, 2 साल में नहीं कर पाए और ये तय नहीं कर पाए कि ये काम पीडब्ल्यूडी करेगा या पंचायती राज करेगा। तीनों सचिव यहीं बैठते हैं। तीनों में इतना भी कॉर्डिनेशन नहीं है। मंत्री मालवीय ने कहा कि काम जल्द ट्रांसफर करेंगे।



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