MUMBAI. महाराष्ट्र की सियासत अब अलग ही रंग ले चुकी है। अब रोज नए-नए दावे सामने आ रहे हैं। गुरुवार (6 जुलाई) को शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 17-18 विधायक राकांपा नेता अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद से हमारी पार्टी के संपर्क में हैं। राउत ने कहा कि सरकार के पास बहुमत है, फिर भी राकांपा का एक बड़ा समूह सरकार में शामिल हुआ। इसका अर्थ है कि शिंदे नीत शिवसेना की अब और कोई जरूरत नहीं है। जैसे ही इसकी जानकारी शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार में मंत्री उदय सामंत को लगी तो उन्होंने राउत के दावे का खंडन करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे गुट के 13 में से छह विधायक उनके संपर्क में हैं। ऐसे में अब यह भविष्य के गर्भ में है कि कौन सा विधायक किस पार्टी के संपर्क में है और आगे महाराष्ट्र की सियासत किस करवट बैठेगी।
एक और दावा : शिंदे गुट के विधायकों ने शुरू कर दी है बगावत
राउत के सहयोगी और लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने दावा किया कि शिंदे गुट के विधायकों ने बगावत शुरू कर दी है। शिंदे गुट के कुछ विधायक संदेश भेज रहे हैं कि वे मातोश्री से माफी मांगना चाहते हैं। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि जो मंत्री बनना चाहते थे, लेकिन नहीं बन सके और जिन्हें अगले मंत्रिमंडल विस्तार में अपनी कुर्सी जाने का खतरा है, वे हमारे संपर्क में हैं।
शिंदे गुट का निशाना: हम इस्तीफा लेने वालों में से हैं, देने वालों में नहीं...
शिवसेना की ओर से गुरुवार (6 जुलाई) को एक बार फिर साफ किया गया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पद को छोड़ने की कोई योजना नहीं है। राष्ट्रवादी कांग्रस पार्टी के बागी अजित पवार और उनके समर्थकों के शिवसेना में शामिल होने को लेकर पार्टी या सरकार में कोई मतभेद नहीं है। एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना नेता उदय सामंत ने पार्टी के भीतर मंथन की खबरों को खारिज कर दिया। उदय सामंत ने कहा कि हम इस्तीफा देने वालों में नहीं, बल्कि लेने वालों में से हैं। उनका नेतृत्व सभी को साथ लेकर चलने और धैर्य रखने का है।
शिंदे के विधायकों और सांसदों ने असंतोष संबंधी खबरों को खारिज किया
एक दिन पहले ही (5 जुलाई) की बैठक में सभी विधायकों और सांसदों ने एकनाथ शिंदे पर भरोसा जताया था। असंतोष संबंधी खबरों को उन्होंने साफतौर पर खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि दो विधायकों के बीच मतभेद हैं। कुछ ने बोला- एक विधायक ने कहा है कि हमें राकांपा के साथ नहीं जाना चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। सामंत ने कहा, किसी को कहीं जाने की जरूरत नहीं है। मौजूदा सरकार के पास 200 विधायकों के साथ पर्याप्त बहुमत है।