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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विधानसभा पांच की सीट को लेकर बीजेपी में अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है। इस सीट पर साल 2003 से महेंद्र हार्डिया विधायक है, लेकिन अब इस बार उनके टिकट कटने की संभावना सबसे ज्यादा है। इसी संभावनाओं को देखते हुए दावेदार भी तैयार हो गए हैं और उन्होंने एक गुपचुप तरीके से होटल में बैठक भी कर ली। इसमें दावेदार इस बात पर सहमत हुए कि नया चेहरा आना चाहिए। कांग्रेस इस सीट को बीजेपी के लिए कमजोर बनाकर प्रचारित कर रही है और अभी से तैयारी करना चाहिए।
एक नेता बोले एक नाम तय करके संगठन को बता देते हैं
बैठक में एक नेता ने कहा कि जितने नेता यहां है, उनमें से टिकट के लिए एक का नाम तय कर संगठन को बता देते हैं। लेकिन बैठक में खुलकर तो हार्डिया को लेकर कोई विरोध में नहीं आया पर सभी इस बात पर सहमत थे कि नया चेहरा होना चाहिए। इंदौर के पांच नंबर विधानसभा क्षेत्र के 35 से ज्यादा नेता इसमें शामिल हुए। क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया तो मौजूद नहीं थे। नेताओं ने कहा कि कांग्रेस इसे कमजोर सीट बता रही है और विधायक महेंद्र हार्डिया जवाब भी नहीं दे रहे हैं। बैठक में ज्यादातर वह नेता शामिल थे, जो विधायक हार्डिया से दूरी बनाकर चलते हैं।
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इस बार बहुत मेहनत करना होगी
बैठक की शुरुआत में संगठन का गीत गाया गया। वार्ड प्रभारी संजय इंगले ने बैठक का विषय पूछा तो इस पर पूर्व पार्षद दिलीप शर्मा और मुकेश सिंह राजावात ने कहा कि पहले बीजेपी तगड़ी लीड से चुनाव जीतती थी। पिछली बार लीड कम हुई। हम संगठन के सिपाही है। बहुत कम समय बचा है, हमें इस बार ज्यादा मेहनत करना होगा। पार्टी मजबूत रहेगी, तभी हमारा वजूद रहेगा। बैठक में प्रताप राजोरिया,अतुल सेठ, होलास सोनी, हेमंत मेहतानी आदि मौजूद थे। पूर्व पार्षद दिलीप शर्मा का दर्द भी उभरा। उन्होंने कहा कि मैं महापौर परिषद सदस्य था, लोगों के बहुत काम किए, लेकिन पार्षद चुनाव में मेरा टिकट ही काट दिया,जबकि मैं फिर चुनाव जीत सकता था। एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि जूनियरों को पार्टी महत्वपूर्ण पद दे रही है, जबकि वरिष्ठ नेता उनसे ज्यादा योग्य व काबिल है।
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यह है इस सीट से बीजेपी के दावेदार
पांच नंबर विधानसभा से बीजेपी नेता अजय सिंह नरुका और नानूराम कुमावत भी दावेदारी जता रहे हैं, हालांकि वह बैठक में नहीं थे। लेकिन इनकी दावेदारी काफी कमजोर है, बीजेपी नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे के साथ ही पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के पुत्र मिलिंद महाजन की भी यहां से दावेदारी है। ऐसे में बीजेपी के लिए यहां कई दावेदार मौजूद हैं।
उधर कांग्रेस से दो मजबूत दावेदार
कांग्रेस में भी टिकट की राह आसान नहीं है। बीते चुनाव में सत्यनारायण पटेल यहां से चुनाव लड़े थे और हार्डिया से मात्र 1132 वोट से ही हारे थे, वह फिर टिकट मांग रहे हैं और सीधे संबंध हाईकमान से है। उधर स्वप्निल कोठारी यहां से टिकट के लिए लगे हुए हैं और वह कमलनाथ के भरोसे है। ऐसे में कांग्रेस के लिए भी यहां पर टिकट वितरण आसान नहीं होने वाला है।
हमारा नंबर फिर कब आएगा, नेताओं की यह थी चिंता
बैठक में पुराने नेताओं में प्रताप राजोरिया, अतुल सेठ, दिलीप शर्मा, अजय जैन, संजय इंगले, प्रदीप नायर, कमल यादव, मुकेश राजावत, होलासराय सोनी, रमेश भारद्वाज, महेश जोशी और अन्य नेता भी मौजूद थे। बैठक में बातचीत की शुरुआत कांग्रेसियों की लगातार बढ़ती घुसपैठ से हुई। इस पर सभी ने चिंता जाहिर की। वहीं कुछ नेताओं ने कहा कि हमने लगातार पार्टी को मजबूत करने का काम किया है, लेकिन अब नया चेहरा समय की जरूरत है। जिस तरह पार्टी ने पुराने पार्षदों को घर बैठाया तो फिर अब पुराने विधायकों को भी घर बैठाना चाहिए और नए चेहरों को टिकट देना चाहिए। कुछ नेताओं ने यहां तक कहा कि सालों से यहां सैकंड लाइन ही नहीं पनपने दी, इसलिए अब समय आ गया है और बदलाव होना चाहिए।