Surguja. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने एक बार फिर बड़ी बातें कही हैं। चुनाव में कांग्रेस के पचहत्तर पार विधायक आने के दावे पर अंबिकापुर में पत्रकारों से चर्चा में सिंहदेव ने कहा कि जो मुख्यमंत्री हैं वो 75 के पार ले जाएंगे। उन्होंने आगे जोड़ा कि तब ही तो जो मुख्यमंत्री आज हैं, वे ही बनेंगे। सिंहदेव ने 4 बार सशर्त अंदाज में कहा कि जब तक मैं कांग्रेस में हूं, तब तक हाई कमान जो कहेगा मैं करूंगा। सरगुजा में चुनाव में क्या होगा के अहम सवाल पर बोले कि सरगुजा का निर्णय मतदाता करेंगे।
धीर गंभीर मंत्री के शब्द कहते हैं
उत्तर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सबसे सशक्त कद्दावर चेहरा और आधारस्तंभ माने जाने वाले टीएस सिंहदेव ने जिन मसलों पर बात रखी है, वो सीधी सपाट तो है, लेकिन राजनीति में इन बातों के बहुत गहरे मायने हैं। सीएम बनने के ढाई बरस वाले वादे के पूरा ना होने और हद दर्जे तक अपमान का घूंट पीकर भी प्रतिक्रिया ना देने वाले मंत्री सिंहदेव के सीधे प्रभाव क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा सीटें हैं। उनके कट्टर समर्थक मध्य-ऊपरी छत्तीसगढ़ और बस्तर में भी हैं। मंत्री सिंहदेव ने अलग-अलग मसलों पर बातें रखीं और वो बातें आने वाले कल के लिए कम से कम कांग्रेस के लिए “फील गुड” संकेत नहीं दे रहीं।
चर्चाएं होती रहती हैं, निर्णय हाईकमान लेता है- सिंहदेव
सिंहदेव से सवाल हुआ कि पीसीसी चीफ बदले जाने की खबरें हैं, उसके जवाब में बोले- “इसके बारे में कोई जानकारी नहीं रखता। समय-समय पर चर्चाएं होती रहती है। ये हाईकमान का निर्णय होता है। चुनाव भी करीब हैं। वो जो सबसे अच्छा समझेंगे, करेंगे। यथास्थिति बनाए रखना या फिर परिवर्तन करना।”
सिंहदेव से अगला सवाल हुआ कि पीसीसी चीफ के मुद्दे पर आप आपको लेकर भी चर्चाएं होती हैं, उन्होंने अपने जवाब में 4 बार यह वाक्य कहा कि जब तक कांग्रेस पार्टी में हूं। मंत्री सिंहदेव बोले- जब तक कांग्रेस में हूं, आलाकमान जो कहेगा करूंगा, जो मुख्यमंत्री हैं,वो 75 पार ले जाएंगे, सरगुजा का फैसला मतदाता करेगा। यह भी कहा कि यह काल्पनिक सवाल है। मुझे मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलेगी, उसको निभाऊंगा। मंत्री की जवाबदेही मिलेगी, उसको निभाऊंगा। जब तक मैं कांग्रेस पार्टी में हूं। मुझे विधायक की जवाबदेही मिलेगी, उसे मैं निभाऊँगा, जब तक कांग्रेस पार्टी में हूं। मुझे पीसीसी प्रेसिडेंट की जवाबदेही मिलेगी, उसे निभाऊंगा, मुझे जिला कांग्रेस की जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाऊँगा। जब तक कांग्रेस पार्टी में हूं। जब तक कांग्रेस पार्टी में हूं, हाई कमान जो कहेगा, वो करूंगा।
यह खबर भी पढ़ें
75 पार का दावा और सरगुजा में कांग्रेस
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के प्रवक्ता मंत्री रविंद्र चौबे सदन में और बाहर भी कई जगहों पर यह कहते रहे हैं कि अबकी बार, पचहत्तर पार। कांग्रेस में भूपेश समर्थक इसे नारे की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं। इस पर सिंहदेव ने कहा- “जो आज मुख्यमंत्री हैं, वो 75 पार ले जाएंगे, तो जो मुख्यमंत्री आज हैं, वे ही बनेंगे।” इस पर सिंहदेव से तुरंत सवाल हो गया कि सरगुजा में क्या होगा? सिंहदेव का संयत मगर दृढ़ता से जवाब आया- “सरगुजा में मतदाता तय करेंगे।”
मुख्यमंत्री बनना चाहता था, बनना चाहता हूं, सीमित सही, पर क्षमताएं हैं- सिंहदेव
सरगुजा में चुनावी फैसले को लेकर सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा में मतदाता तय करेंगे तो इसे संकेत माना गया है। यह अंदाज सिंहदेव के 2018 के तेवर के उलट था, जिसमें उन्होंने सरगुजा में सीटों को जीत पर कांग्रेस का दावा स्पष्ट कहा था। यह वही मंत्री सिंहदेव हैं, जिन्होंने कहा था कि जीत नहीं हुई तो बाल मुड़ा लूंगा। सरगुजा की सीटों पर कही गई बात के साथ ही सिंहदेव को ‘छले जाने का दर्द’ फिर सताया।
मंत्री सिंहदेव ने कहा- “मुख्यमंत्री तो मैं आज भी बनना चाहता हूं, पहले भी बनना चाहता था, मैं मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनना चाहूंगा।मुझे लगता है कि मुझमें कुछ सीमित हैं, मगर क्षमताएं हैं। मुझे लगता है कि मैं लोगों के संपर्क में हूं। मुझे लगता है कि मैं भी छत्तीसगढ़ के लिए काम कर सकता हूं। अगर मौका मिलता तो मैं क्यों नहीं मुख्यमंत्री बनना चाहता। लेकिन ये जो बात है, ये पार्टी के दायरे के अंदर की बात है। हम लोग जब चुनाव लड़े थे तो कोई मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं था। चुनाव के बाद चार लोगों को दिल्ली बुलाया गया था। चरणदास महंत जी को, ताम्रध्वज साहू जी को, भूपेश बघेल जी को और टीएस सिंहदेव जी को। चार लोगों को जब दिल्ली बुलाया गया, तब ये बात हुई कि अब मुख्यमंत्री लगता है कि ये 4 में से बनेंगे। अंततः भूपेश बघेल जी का नाम घोषित हुआ, मीडिया में ये चर्चा चलती रही ढाई-ढाई साल वाली, वो मीडिया में रह गई।”
'बंद कमरे में जो हुआ, बोलने के लिए अभी स्वतंत्र नहीं'
सिंहदेव ने ये भी कहा- “बंद कमरे में क्या हुआ, ये मैं अभी बोलने के लिए स्वतंत्र नहीं हूं। किसी दिन बोलूंगा। मैं जानता हूं, क्या हुआ, मैंने आंख से देखा, कान से सुना।”
(विशेष इनपुट- याज्ञवल्क्य मिश्रा)