पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, असम की गिरफ्तारी से रिहा होंगे; SC का कांग्रेस नेता के खिलाफ तीनों FIR को क्लब करने का आदेश

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Atul Tiwari
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पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, असम की गिरफ्तारी से रिहा होंगे; SC का कांग्रेस नेता के खिलाफ तीनों FIR को क्लब करने का आदेश

NEW DELHI. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी के मामले में असम पुलिस ने 23 फरवरी को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद कुछ ही घंटों में उनको सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। अब खेड़ा को रेग्युलर बेल के लिए अर्जी देनी होगी। वहीं, पवन खेड़ा को शीर्ष कोर्ट से एक राहत और मिली, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज तीनों FIR को एक जगह क्लब करने का आदेश दिया गया। कांग्रेस ने कोर्ट से खेड़ा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग भी की थी। हालांकि, कोर्ट ने FIR रद्द करने का आदेश देने से इनकार कर दिया।



अब क्या खेड़ा को असम ले जाया जाएगा?



सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसे वक्त आया, जब खेड़ा को ट्रांजिस्ट रिमांड के लिए द्वारका कोर्ट ले जाया जा रहा था। सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर कांग्रेस के वकील द्वारका कोर्ट लेकर आएंगे, इसके बाद खेड़ा को पुलिस कस्टडी से रिहा कर दिया जाएगा। लिहाजा असम पुलिस खेड़ा को असम लेकर नहीं जा सकेगी।



23 फरवरी की सुबह हुई थी खेड़ा की गिरफ्तारी



खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वे इंडिगो की फ्लाइट से रायपुर जा रहे थे। खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट में पवन खेड़ा की तरफ से अभिषेक सिंघवी पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से कहा कि खेड़ा ने उसी समय माफी मांग ली थी, यह सिर्फ स्लिप ऑफ टंग (अनजाने में कही बात) का मामला था। सिंघवी ने गिरफ्तारी पर रोक की मांग की। दूसरी तरफ असम पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया है और ट्रांजिस्ट रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया जा रहा है।



अभिषेक मनु सिंघवी ने लखनऊ, वाराणसी और असम में दर्ज एफआईआर पर एक जगह सुनवाई की मांग भी की, जिस पर कोर्ट ने रजामंदी जताई। इस दौरान सीजेआई ने पूछा कि पवन खेड़ा कौन हैं? इस पर सिंघवी ने बताया कि वे कांग्रेसी प्रवक्ता हैं और उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है।



 खेड़ा के इस बयान पर पूरा बखेड़ा



पवन खेड़ा ने हाल ही में अडाणी के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था, अगर अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र 'गौतम दास' मोदी को क्या दिक्कत है? हालांकि बयान देने के बाद खेड़ा ने अपने आसपास मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री का मिडिल नेम सही पुकारा? खेड़ा ने इस पर कहा कि 'नरेंद्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या है?' खेड़ा ने बाद में पूछा, 'क्या यह गौतम दास या दामोदर दास है?' इस दौरान पवन हंसते हैं और यह कहते हुए तंज करते हैं कि भले ही नाम दामोदर दास है, लेकिन उनके काम गौतम दास के समान हैं। बाद में एक ट्वीट में खेड़ा ने स्पष्ट किया कि वे वास्तव में प्रधानमंत्री के नाम को लेकर भ्रमित थे।



असम समेत तीन जगहों पर दर्ज हुआ था केस



पवन खेड़ा के इस बयान पर काफी बवाल मचा। बीजेपी लगातार इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साध रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मामले में कांग्रेस पर हमला बोला था। उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी कहा था कि देश कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा। इस मामले में लखनऊ, वाराणसी और असम के दीमा हसाओ में खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।


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