INDORE कम वोटिंग से उलझी इंदौर सीट,विधानसभा टिकट दावेदारी खतरे में,बीजेपी नेता अब आयोग को चिट्ठी लिख खुद को बचाने में जुटे

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Sanjay Sinha
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INDORE कम वोटिंग से उलझी इंदौर सीट,विधानसभा टिकट दावेदारी खतरे में,बीजेपी नेता अब  आयोग को चिट्ठी लिख खुद को बचाने में जुटे

संजय गुप्ता, INDORE



नगर निगम चुनाव में कम वोटिंग के बाद इंदौर की सीट को लेकर बीजेपी नेता अभी से डिफेंस में आ गए हैं। किसी विधानसभा से यदि लीड कम होती है या कांग्रेस लीड ले लेती है तो ऐसे में कई वर्तमान विधायकों के लिए 15 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी उलझन में पड़ जाएगी। ऐसे में पार्टी द्वारा निर्वाचन आयोग को घेरने के बाद अब विधायक द्वारा भी चिट्ठी लिखने का काम शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र और विधानसभा तीन से विधायक आकाश विजयवर्गीय ने की है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भोपाल को पत्र लिखकर जिम्मेदार प्रशासनिक, चुनाव अधिकारियें पर कार्रवाई की मांग की है। विजयवर्गीय ने पत्र में लिखा है कि मतदाता पर्ची नहीं बंटने, सूची में गलतियां होने के कारण वोटिंग कम हुई है। 



विधानसभा एक से लेकर राउ तक सभी के वोट, लीड पर पार्टी की नजर



विधानसभा एक- यहां से कांग्रेस के संजय शुक्ला विधायक है, उन्होंने सुदर्शन गुप्ता को चुनाव हराया था, इसमें लीड आठ हजार से अधिक वोट की थी। अब यदि लीड बढ़ती है तो गुप्ता के लिए टिकट की दावेदारी मुश्किल हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार अभी से महू से विधायक व कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर यहां आना चाहती है, वह यहां से एक बार जीत चुकी है।





विधानसभा दो- यहां से रमेश मेंदोला हर चुनाव में रिकार्ड तोड जीत हासिल करते हैं, विधानसभा में 71 हजार से जीते थे, इस बार किस तरह चुनाव में हंगामा मचा और उनके खास नेता चंदू शिंदे को महिलाएं ने चप्पल दिखाई, समर्थकों के बीच लाठियां चली और पुलिस का लाठीचार्ज हुआ, यह संकेत मेंदोला के लिए ठीक नहीं है, लीड कम हुई तो ठीकरा उनके माथे सबसे ज्यादा आएगा, कारण है कि वह चुनाव के संयोजक भी है। 





विधानसभा तीन- यहां से आकाश विजयवर्गीय विधायक है, दो साल पहले निगम कर्मचारी पर बल्ला चलाने से पहले ही वह विवादों में रहे हैं, विधानसभा जीत भी छह हजार वोट से कम की ही थी। ऐसे में महापौर चुनाव में लीड कम हुई तो नए दावेदार आएंगे, उषा ठाकुर यहां से भी जीत चुकी है, बडी बात नहीं उनकी यहां से टिकट की मांग फिर उठे।





विधानसभा चार- यहां से सीट पंरपरागत रूप से गौड़ परिवार की रही है, मालिनी गौड विधानसभा में 41 हजार से जीती थी, इसके पहले वह महापौर चुनाव भी ढाई लाख वोट से जीती थी। ऐसे में यदि लीड कम होती है तो फिर पार्टी नए दावेदारों की ओर जा सकती है, वह अपने पुत्र एकलव्य के लिए दावेदारी कर रही है लेकिन महापौर चुनाव में उनके द्वारा भी मारपीट के आरोप लगे हैं, फिर पार्टी परिवारवाद से दूर भाग रही है, ऐसे में गौड़ परिवार के लिए मुश्किल आ सकती है।





विधानसभा पांच- यहां से महेंद्र हार्डिया बीजेपी से विधायक है, लेकिन बीते चुनाव में खुद ही मुश्किल 1100 वोट से जीत सके, उम्र भी ज्यादा हो रही है। महापौर चुनाव में वह बीजेपी को लीड दिला पाएंगे इसे लेकर सभी को संशय है, ऐसे में विधानसभा चुनाव उनके लिए दूर की कौड़ी है। नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे यहां से और राऊ सीट से टिकट की दावेदारी में लगे हुए हैं।





राउ विधानसभा- यहां से कांग्रेस के जीतू पटवारी जीत रहे हैं, बीजेपी पहले से ही यहां छह हजार करीब वोट से पीछे चलती है, हालांकि नगरीय सीमा में बीजेपी का वोट बैंक अधिक है। लीड नहीं मिली तो बीजेपी के जीतू जिराती के साथ ही मधु वर्मा इन सभी की दावेदारी फिर मुश्किल भरी रहेगी, ऐसे में नगराध्यक्ष मराठी वोट के चलते यहां से भी टिकट की दावेदारी कर सकते हैं।




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