उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफे की पेशकश की है। तीरथ ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है कि वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहते हैं। उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि 6 महीने के अंदर मेरा विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी था। लेकिन आर्टिकल 151 के अनुसार उत्तराखंड में अभी उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा न हो। इसलिए मैं अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहता हूं। रावत ने जेपी नड्डा और गृहमंत्री से मीटिंग की थी। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बदल सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तीरथ सिंह की अगुआई में लड़ने के मूड में नहीं है।
अचानक दिल्ली बुलाया
30 जून को अचानक तीरथ सिंह को दिल्ली बुला लिया गया । 10 घंटे के लंबे इंतजार के बाद दिल्ली में उनकी मुलाकात जेपी नड्डा और अमित शाह से हुई। मुलाकात अमित शाह के घर पर हुई। मीटिंग में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और उत्तराखंड में लीडरशिप के बारे में चर्चा हुई। भाजपा नहीं चाहती कि 2022 विधानसभा चुनाव तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में लड़ा जाए। उत्तराखंड के दिग्गज भाजपाई नेता भी इसके पक्ष में नहीं हैं।
क्या फिर से बदलेगा मुख्यमंत्री
भाजपा की परेशानी ये है कि चुनाव से ऐन पहले मुख्यमंत्री बदलने से फजीहत हो सकती है, पर भाजपा चुनाव हारने का खतरा भी मोल नहीं ले सकती। BJP की रणनीतिक सोच के हिसाब से वह जल्द ही CM का चेहरा बदल सकती है। सूत्रों ने उत्तराखंड के वरिष्ठ भाजपा नेता का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के सामने ये कहा है कि विधायक उनके साथ हैं। ऐसे में पार्टी नेताओं के बीच मतभेद के साथ चुनाव में नहीं उतर सकती।
अचानक दिल्ली दौरे पर क्या बोले तीरथ सिंह
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि रामनगर में हुए ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन के बाद मैं हाईकमान से मिलने गया था। इसी सिलसिले में बातचीत हुई। उप-चुनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर पार्टी लीडरशिप ही फैसला लेगी।