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BHOPAL. दुनिया के 185 देशों में से 182 देशों में हिंदू रहते हैं। जहां हिंदू हैं, वहां श्री राम, कृष्ण, शिव और होली है तो दिवाली भी है। भारत में श्री राम अत्यन्त पूजनीय हैं और आदर्श पुरुष हैं तथा विश्व के कई देशों में भी श्रीराम आदर्श के रूप में पूजे जाते हैं जैसे नेपाल, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया आदि । इन्हें पुरुषोत्तम शब्द से भी अलंकृत किया जाता है। बर्मा में रामायण को यमयान, राम को यम और सीता को मीथीडा कहा जाता है। कम्बोडिया में रामायण को रिमकर के नाम से जाना जाता है। रिमकर का मतलब होता है, राम की महिमा। इंडोनेशिया में राम कथा को ककनिन या काकावीन रामायण के नाम से जाना जाता है।
इन सात देशों की अपनी अलग रामायण...
थाईलैंड
थाईलैंड का मौजूदा चक्री राजवंश खुद को राम कहता रहा है, यह राजवंश अपने नाम में राम का उपयोग करता है। चक्री वंश के वर्तमान राजा को राम दशम कहा जाता है। इससे पहले इस वंश में राम की उपाधि राजा अपने नाम के साथ लगाते रहे हैं, लेकिन दस पीढ़ी पहले ऐसा नहीं था। राम के साथ एक अंक जोड़ने के पीछे यूरोपीय प्रभाव रहा है। यानी इस वंश के छठवें राजा वजिरावुध ने इंग्लैंड में पढ़ाई के दौरान वहां के शासकों के नाम जॉर्ज पंचम, लुइस द्वितीय जैसे पढ़े, सुने तब उन्हें यह आइडिया सूझा। वजिरावुध ने सबसे पहले खुद को राम सिक्स्थ कहा। इसके बाद इस वंश के राजाओं को राम के साथ एक अंक देने की प्रथा शुरू हुई। नाम के साथ राम की उपाधि लगाने से पहले भी कुछ प्रयोग किए गए थे। जब राजा वजिरावुध ने खुद को अंग्रेजी भाषा के मुताबिक 'राम VI' कहा, तब इसकी परंपरा को रत्चकन के प्रयोग से जोड़ा गया लेकिन यह 'हिंदी अंग्रेजी मिश्रित शब्दावली की उपाधि थाई राजाओं के लिए परंपरा बन गई। इस वक्त थाईलैंड के राजा की उपाधि 'राम दशम' यानी 'राम X' है।
इण्डोनेशिया
दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित इंडोनेशिया की आबादी करीब 23 करोड़ के आसपास है। इंडोनेशिया एक ऐसा देश है, जहां मुस्लिमों की बाहुल्यता है। बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है और इसके साथ ही सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश भी है। इसके बावजूद भी इंडोनेशिया में भगवान राम के लिए खास जगह और सम्मान है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इंडोनेशिया में रामकथा यानी रामायण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इस देश के मुस्लिम भगवान राम को अपने जीवन का नायक और रामायण को अपने दिल के सबसे करीब किताब मानते हैं। यहां राम कथा को ककनिन या काकावीन रामायण नाम से जाना जाता है। हमारे देश में प्राचीन सांस्कृतिक रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि हैं, तो वहीं इंडोनेशिया में इसके रचयिता कवि योगेश्वर हैं।
कंबोडिया
रिमकर जिसे रामकरती भी कहा जाता है- राम (राम) + कीर्ति (महिमा) संस्कृत के रामायण महाकाव्य पर आधारित कंबोडियाई महाकाव्य कविता है। नाम का अर्थ है "राम की महिमा"। यह हिंदू विचारों को बौद्ध विषयों में लेकर आता है और दुनिया में अच्छाई और बुराई के संतुलन को दर्शाता है।
मलेशिया
हिकायत सेरी राम हिंदू महाकाव्य 'रामायण' का मलय वर्ज़न है। हिकायत सेरी राम की मुख्य कहानी ऑरिजनल संस्कृत वर्जन के समान ही है, लेकिन इसके कुछ पहलुओं को जैसे कि शब्दों और नाम के उच्चारण को स्थानीय भाषा में संशोधित किया गया था।
चीन
राम की विभिन्न जातका कथाएं चीन में भी काफी लोकप्रिय थी, रामायण का सबसे पहला ज्ञात कथन एक बौद्ध ग्रंथ, लिउडु जी जिंग में पाया गया था। चीनी समाज पर रामायण का प्रभाव एक बंदर राजा सन वुकोंग के लोकप्रिय लोककथाओं से स्पष्ट होता है, जो रामायण के हनुमान के समान है।
यूरोप
इटली में पुरातात्विक खुदाई में प्राचीन इटालियन घरों की दीवारों पर विभिन्न चित्रों की खोज की गई, जो रामायण के दृश्यों पर आधारित हैं। कुछ चित्रों में दो पुरुषों के साथ पूंछ वाले व्यक्तियों को दिखाया गया है जिनके कंधों पर धनुष और बाण हैं, जबकि एक महिला उनके बगल में खड़ी है। ये पेंटिंग 7 ईसा पूर्व की हैं।
बर्मा
बर्मा में रामायण को 'यमयान' कहा जाता है जो अनौपचारिक रूप से बर्मा का राष्ट्रीय महाकाव्य है, इसे यम (राम) जत्दाव (जातका) भी कहा जाता है। बर्मा में, राम को 'यम' और सीता को 'मी थीडा' कहा जाता है।