राम मंदिर में रामभक्तों ने दिल खोलकर किया दान, अब तक मिला 5000 करोड़ का दान, किसने दिया सबसे पहले और सबसे ज्यादा दान , जानिए?

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Pratibha Rana
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राम मंदिर में रामभक्तों ने दिल खोलकर किया दान, अब तक मिला 5000 करोड़ का दान, किसने दिया सबसे पहले और सबसे ज्यादा दान , जानिए?

BHOPAL. 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला विराजमान (Ayodhya Ram Mandir) होंगे। राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा (Ayodhya Pran Pratistha) को लेकर राम भक्तों में मंदिर को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर बीजेपी का मेगा प्लैन भी तैयार है। राम मंदिर में रामभक्त दिल खोलकर दान कर रहे है। अब तक राम मंदिर को करीब 5000 करोड़ रुपए से अधिक का दान मिल गया है।

रामभक्तों ने दिल खोलकर किया दान

अयोध्या के राम मंदिर में दान करने वाले एक से बढ़कर एक रामभक्त हैं। अब तक मंदिर को लगभग 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान मिल चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्क के मुताबिक, मंदिर के समर्पण निधि वाले अकाउंट में ही अब तक 3200 करोड़ रुपए आ चुके हैं। बता दें, राम मंदिर ट्रस्ट ने देश के 11 करोड़ लोगों से 900 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था।

किसने दिया था सबसे पहले चंदा?

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने के अभियान 14 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था। इसकी शुरूआत पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी। सबसे पहले चंदा इन्होंने ही दिया था। रामनाथ कोविंद ने पांच लाख रुपए का चंदा चढ़ाया था। इसके अलावा रामलला के मंदिर के लिए सबसे पहला विदेशी चंदा अमेरिका से आया था।

सबसे ज्यादा दान इन्होंने किया

जानकारी के मुताबिक राम मंदिर के लिए अब तक सबसे ज्यादा दान अध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मोरारी बापू ने दिया है। बापू ने राम मंदिर के लिए 11.3 करोड़ का दान दिया है। इसके अलावा, अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में स्थित उनके अनुयायियों ने सामूहिक रूप से अलग से 8 करोड़ रुपए का दान दिया है। जबकि गुजरात के हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया ने 11 करोड़ रुपए का दान दिया है।

इस तरह रहेंगे कार्यक्रम

  • 16 जनवरी- विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान
  • 17 जनवरी- रामलला के विग्रह को नगर भ्रमण के लिए निकाला जाएगा।
  • 18 जनवरी- प्राण प्रतिष्ठा की विधि प्रारंभ होगी।
  • 19 जनवरी- यज्ञ अग्नि की स्थापना की जाएगी।
  •  20 जनवरी- गर्भगृह को 81 कलश सरयू जल से धोने के बाद वास्तु की पूजा होगी।
  • 21 जनवरी- रामलला को तीर्थों के 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा।
  • 22 जनवरी- रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

पूरब द्वार से प्रवेश और दक्षिण से होगा निकास

राम मंदिर में पूर्वी दिशा से भक्तों को प्रवेश कराया जाएगा। जबकि रामलला के दर्शन करने के बाद भक्त दक्षिणी दिशा से बाहर निकल सकेंगे। मंदिर परिसर के अंदर अलग-अलग 44 द्वार बनाए गए हैं। इस परिसर में भगवान राम के गुरुओं का मंदिर होगा। सबरी और अहिल्याबाई माता के मंदिर भी होंगे।

रामलला के लिए खास पोशाक

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रामलला और हनुमान जी के लिए नई पोशाक तैयार करवाई जा रही है। अयोध्या के प्रमोदवन निवासी शंकर लाल ये विशेष पोशाक बना रहे हैं। 3 पीढ़ियों से उनका ही परिवार रामलला के लिए पोशाक तैयार करता आ रहा है। मुहूर्त के अनुसार मुख्य कार्यक्रम सोमवार के दिन होगा। इस दिन रामलला को सफेद वस्त्र धारण कराए जाते हैं, लेकिन 22 जनवरी को शुभ दिन है। इसलिए शुभ काज में पीतांबरी ओढ़ाने का विधान है। यही वजह है कि भगवान के लिए पीले रंग की पोशाक बनाई जा रही है।

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