BHOPAL.रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूरी अयोध्या रोशनी से नहा रही है। चमचमा रही है। पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। कोने-कोने को चमकाने, सजाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी गई है । इसके बाद भी यूपी से सीएम योगी आदित्यनाथ को अयोध्या में वो दिव्यता नजर नहीं आ रही है। अपने इस दर्द को उन्होंने जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी, डॉ. स्वामी राघवाचार्य, स्वामी वेद आचार्य, डॉक्टर श्याम सुंदर पाराशर सहित अयोध्या के कई संतों से साझा किया तो पता चला कि अयोध्या को एक श्राप लगा है। दैनिक अखबार पत्रिका की एक खास रिपोर्ट के अनुसार अब योगी इस श्राप से अयोध्या को मुक्त कराएंगे। क्या है वो श्राप और कैसे इस श्राप से अयोध्या को योगी मुक्त कराएंगे, आइए आपको बताते हैं विस्तार से।
सीता के जाने से पड़ी अयोध्या पर श्राप की काली छाया
मलूक पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी राजेन्द्र दास के अनुसार जब भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन छोड़कर गए थे, उस समय अपने अहलादिनी शक्ति और लक्ष्मी स्वरूपा राधा रानी को वृन्दावन में ही छोड़कर गए थे, इसलिए वृंदावन का वैभव कभी खत्म नहीं हुआ। वहीं, मर्यादा में बंधे राम ने जब सीता का त्याग किया उस समय अयोध्या के लोगों ने महालक्ष्मी के जाने पर कोई विकलता नहीं दिखाई। नगरवासियों के माथे पर कोई शिकन नहीं आई। उनको ये समझ ही नहीं आया की जानकी महालक्ष्मी का स्वरूप हैं और यही वजह है कि अयोध्या की भूमि को श्राप लगा। राजेंद्र दास जी ने कहा कि अयोध्या की भूमि मैं कोई ऐसा यज्ञ हो जिसमें किशोरी जी को प्रधान रखकर इस भूमि को अभिशाप से मुक्त किया जाए।
सरयू नदी के अंदर 10 दिन चलेगा यज्ञ
योगी आदित्यनाथ के साथ कई बरसों से जुड़े रामानुजाचार्य जगतगुरु डॉ. स्वामी राघवाचार्य सीएम आदित्यनाथ की सलाह को ध्यान में रखते हुए फरवरी से स्वामी प्रखर महाराज के साथ लक्ष्य शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ही करेंगे। खास बात यह है कि 10 दिन तक चलने वाला लक्ष्य शतचंडी महायज्ञ गणपति महायज्ञ, सीताराम नाम जप सरयू नदी के बीचों-बीच रेत में एक टापू जैसी जगह पर होगा। सरयू के बीच के करीब दो किलोमीटर के इलाके में मंडप आदि बनाया जा रहा है। इसके लिए देशभर से 2100 ब्राह्मणों को बुलाया जा रहा है, जो अयोध्या की अभिशप्त भूमी को जानकी जी के आशीर्वाद से फिर से सिंचित करने का काम करेंगे।
सीएम योगी ने संतों से मांगा तपस्या फल
रिपोर्ट के अनुसार योगी आदित्यनाथ का मानना है कि अयोध्या पर खर्च अरबों रुपया के मुकाबले गोरखपुर शहर पर सिर्फ कुछ प्रतिशत पैसा ही खर्च हुआ, इसके बावजूद वहां अलग ही रौनक है। अगर कुछ और पैसे गोरखपुर पर खर्च हो जाएं तो उसकी चमक और बढ़ जाएगी, लेकिन अयोध्या में आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि तमाम भव्य इमारतें बनने और सौंदर्यीकरण के बावजूद भो वह दिव्यता नहीं देख पा रही हो तेज नहीं दिख पा रहा है। योगी आदित्यनाथ मैं अयोध्या के संतों से निवेदन किया है कि वह अपनी पूजा पाठ भजन और तपस्या बढ़ाएं, जिससे की अयोध्या भी वृन्दावन जैसा चमक उठे।