मनीष गोधा, JAIPUR. अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जो तीन प्रतिमाएं बनाई गई हैं, उनमें से एक प्रतिमा का निर्माण जयपुर के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने किया है। सत्यनारायण पांडेय पिछले सात महीनों से अयोध्या में रहकर इस मूर्ति को तैयार कर रहे थे। इस मूर्ति को मकराना से निकले एक रेयर सफेद संगमरमर के पत्थर से तैयार किया गया है। यह करीब 90 वर्ष पुराना पत्थर है और करीब 40 साल से उनके पास था।
संगमरमर की प्रतिमा बना रहे हैं सत्यनारायण
बताया जा रहा है कि सत्यनारायण ने कई बार इस संगमरमर पत्थर पर मूर्ति बनाने की कोशिश की, लेकिन हर बार कोई ना कोई परेशानी आ जाती थी। उन्होंने इस पत्थर को सुरक्षित रख लिया, लेकिन रामलला की मूर्ति बनाने में ज्यादा समस्या नहीं आई। रामलला की मूर्ति बनाने के लिए मंदिर ट्रस्ट ने देशभर से कलाकारों को बुलाया था। इनमें से सत्यनारायण के अलावा दो और का चयन किया गया। इनमें साउथ से गणेश बट्ट और अरुण योगीराज शामिल हैं। सत्यनारायण द्वारा बनाई जा रही प्रतिमा संगमरमर की है। वहीं अन्य दोनों मूर्तियां काले पत्थर की हैं।
मंदिर प्रबंधन करेगा अंतिम निर्णय…
राम मंदिर के वास्तु से लेकर वहां पर लगाई जा रहीं मूर्तियां और गर्भगृह में विराजित होने वाली मूर्तियों के साथ-साथ आचार्य गणेश्वर शास्त्री ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख भी तय की थी। ऐसे में अब मंदिर ट्रस्ट जल्द ही तीनों मूर्तियों में से एक का चयन करेगा, जिसे मंदिर में स्थापित किया जाएगा। बाकी दो मूर्तियों को मंदिर में अलग-अलग जगह लगाया जाएगा।
परिवार की बनाई मूर्तियां देशभर के प्रतिष्ठित मंदिरों में विराजमान हैं
सत्यनारायण पांडेय की तीन पीढ़ियां मूर्तियां बनाने का काम कर रही है। सत्यनारायण ने मूर्तिकला अपने पिता रामेश्वर लाल पांडेय से सीखी थी। इसके बाद अब उनकी इस कला को उनके बेटे पुनीत पांडेय और प्रशांत पांडेय आगे बढ़ा रहे हैं। परिवार की बनाई मूर्तियों को देशभर के प्रतिष्ठित मंदिरों में विराजित किया गया हैं, जिनमें इस्कॉन मंदिर, स्वामीनारायण मंदिर, अक्षयपात्र मंदिर प्रमुख है। इसके अलावा गुजरात और उत्तर प्रदेश के वृंदावन सहित कई स्थानों पर बने मंदिरों में भी उनके द्वारा बनाई मूर्तियां लगाई गई है।