BHOPAL. राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजमान (Ayodhya Ram Mandir)होंगे। राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण-प्रतिष्ठा (Ayodhya Pran Pratistha) समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। अयोध्या में 50 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था (BJP Mega Plan Ram temple) की जा रही है। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई अन्य लोग शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामभक्तों को मिली बड़ी सौगात मिली है।
हनुमानगढ़ी के लड्डू को मिलेगा GI Tag
रामभक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अयोध्या के हनुमानगढ़ी के लड्डू को अब जल्द ही जीआई टैग मिलने वाला है। हनुमानगढ़ी के लड्डू प्रसाद को जीआई टैग के लिए स्वीकार किए लिए जाने के बाद रामभक्तों सहित हनुमानगढ़ी के हलुवाई समाज में हर्ष का माहौल है। बेसन और शुद्ध देसी घी से इन लड्डुओं को तैयार किया जाता है। काशी के जीआई विशेषज्ञ डॉ.रजनीकांत ने हनुमानगढ़ी लड्डू को जीआई टैग में शामिल करने के लिए आवेदन किया है। सोमवार (8 जनवरी)को यह आवेदन स्वीकार हो गया है। जीआई टैग मिलने से यह लड्डू भारत के बौद्धिक संपदा में शामिल होगा। अयोध्या के हलवाई समाज को इससे फायदा मिलेगा। इस लड्डू की गुणवत्ता, प्रचार-प्रसार, पैकेजिंग और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजने के लिए स्थानीय उत्पादकों को फायदा पहुंचाने में सरकार मदद करेगी।
जीआई टैग के बारे में जानिए
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने वाले भक्त भगवान राम के दर्शन के साथ-साथ प्रसाद के रूप में लड्डू भी ले जाएंगे। जीआई टैग किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। किसी भी प्रोडक्ट पर जीआई टैग हासिल करने के लिए आवेदन करना होता है। भारत में जीआई टैग 15 सितंबर 2003 से लागू हुआ था। 2004 में सबसे पहले पश्चिम बंगाल की दार्जलिंग चाय को जीआई टैग दिया गया था।
GI टैग के फायदे
- प्रोडक्ट्स को कानूनी सुरक्षा
- जीआई टैग के जरिए उत्पादों को कानूनी संरक्षण मिलता है, मतलब मार्केट में उसी नाम से दूसरा प्रोडक्ट नहीं लाया जा सकता है।
- जीआई टैग उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद देने में सहायता करता है और प्रामाणिकता का आश्वासन देता है।
- जीआई टैग सिर्फ 10 साल के लिए मिलता है। इसके बाद इसे रिन्यू करवाना होता हैं।