छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों अजब-गजब काम हो रहे हैं। राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में खूब रसूख और रुतबे का खेल चल रहा है। कभी सरकार निशाने पर आती है तो कभी अफसर। हाल ही में डी कंपनी अपने प्रभाव के कारण बहुत चर्चा में थी। लेकिन अब सुना है कि डी कंपनी का पॉवर छीन लिया गया है।
यह पॉवर किसी और पर शिफ्ट हो गया। पॉवर ऐसा शिफ्ट हुआ कि बीजेपी की सियासत में एक नई जुगल जोड़ी चर्चा में आ गई है। वहीं एक मेडम ने मीटिंग-मीटिंग खेल शुरु कर अधिकारियों का आराम हराम कर दिया। छत्तीसगढ़ की सियासत से जुड़ी ऐसी ही अनुसीन खबरों को जानने के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी।
डी कंपनी का पॉवर शिफ्ट
प्रदेश में डी कंपनी का पॉवर शिफ्ट हो गया है। पहले डी कंपनी बहुत पॉवरफुल मानी जाती थी। लेकिन अब उसका पॉवर घट गया है। यह पॉवर डी कंपनी से लेकर कहीं और शिफ्ट कर दिया गया है। इसे प्रदेश में बड़े बदलाव के रुप में देखा जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की खूब चर्चा है कि आखिर इसके पीछे कौन है। डी कंपनी की अब न वो धमक बची है और न हीं वो रुतबा। इससे डी कंपनी के लोग परेशान हैं तो वहं कई अफसरों ने इससे राहत की सांस ली है। डी कंपनी पर सीएम का भरोसा कम हुआ तो उसका नतीजा भी जल्द ही नजर आ गया।
मेडम की मीटिंग में पंचायत
एक मेडम की मीटिंग से सारे अधिकारी-कर्मचारी परेशान हैं। जब तब मेडम का फरमान आ जाता है और अधिकारी नवा रायपुर की ओर दौड़ लगा देते हैं। मीटिंग में होती है सिर्फ पंचायत। इन मीटिंग वाली मेडम से सारे लोग परेशान हो गए हैं। जब भी इन विभाग के लोगों से पूछा जाता है कि क्या चल रहा है तो उनका यही जवाब होता है कि बस मीटिंग चल रही है। मेडम के मीटिंग के शौक ने अधिकारियों का आराम, हराम कर दिया है इसलिए इनको इससे ज्यादा तकलीफ हो रही है। पंचायत वेब सीरीज की तर्ज पर यहां पर भी यही डायलॉग सुनाई देता है कि सुन रहे हो विनोद।
जुगल जोड़ी चला रही सत्ता-संगठन
शक्ति केंद्र पर भगत ने दीपक जला दिया है। यह सुनने में जरुर आध्यात्मिक लगता होगा लेकिन है यह बात विशुद्ध राजनीतिक। बस आपको थोड़ा दिमाग पर जोर डालकर इस धर्म का मर्म समझना है। बीजेपी की सियासत में एक नई जुगल जोड़ी प्रकट हो गई है। चूंकि ये शक्ति केंद्र के नजदीक हैं इसलिए एक का सत्ता में दखल है तो दूसरे की संगठन में दखलंदाजी।
एक अफसर और एक नेता की यह जोड़ी बड़े-बड़े काम करने लगी है। अफसर सीएम के करीबी हैं तो नेताजी ने अफसर को अपना करीबी बना लिया है। इसका फायदा ये हुआ कि सीएम हाउस में नेताजी का कैबिन बनने की खबर है। कैबिन बनेगा तो सत्ता में भागीदारी का कोई पद भी मिलेगा। बस आगे आगे देखिए होता है क्या।
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मेडम का डॉगी प्रेम
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के एक सरकारी स्कूल में मेडम का खूब रुतबा है। मेडम का कुत्ते के प्रति प्रेम स्कूल स्टाफ और बच्चों के लिए मुसीबत बन गया है। स्कूल स्टाफ कहता है कि बार- बार कहने के बाद भी मेडम अपने डॉगी को स्कूल लाती हैं, उसको खाना खिलाती हैं, जिसकी वजह से कुत्ता स्कूल भर में घूम-घूमकर गंदगी फैलाता है। कुत्ते ने नाक में दम कर रखा है, जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मेडम के डॉगी का यह विवाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनिमल एक्टिविस्ट मेनका गांधी तक पहुंच गया है।
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