चुनाव जीतने के पहले ही नेताजी के समर्थक को चाहिए मंत्री पद

छत्तीसगढ़ में एक सीट पर उपचुनाव चल रहा है। चुनाव अभी हुए नहीं और साय सरकार में मंत्री पद की किचकिच शुरु हो गई। दरअसल साय की कैबिनेट में दो पद खाली हैं।

Advertisment
author-image
Arun tiwari
एडिट
New Update
Netaji supporter wants ministerial post before winning election
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ में एक सीट पर उपचुनाव चल रहा है। चुनाव अभी हुए नहीं और साय सरकार में मंत्री पद की किचकिच शुरु हो गई। दरअसल साय की कैबिनेट में दो पद खाली हैं। ऐसे में एक पद के लिए पार्टी के बड़े नेता का दबाव बढ़ गया है। नेताजी के पॉवर के सामने सत्ता और संगठन दोनों छोटे पड़ गए हैं। वहीं नौकरशाही की प्लानिंग ने मंत्रालय में मुश्किल बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों की ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़ते रहिए द सूत्र का साप्ताहिक 

90 रुपए के नमक से बन रही 1300 की खाद, धान के कटोरे में नई आफत


सत्ता-संगठन पर भारी नेताजी

बीजेपी के एक नेताजी सत्ता और संगठन पर भारी पड़ रहे हैं। पहले उन्होंने अपना पॉवर दिखाकर अपनी सीट पर अपने आदमी को चुनाव लड़वा दिया। अब बारी मंत्री पद की है। मंत्रिमंडल में किसको शामिल करना है किसको हटाना है यह सीएम का विशेषाधिकार माना जाता है लेकिन यहां पर नेताजी का दबाव बढ़ गया है। भले ही अभी चुनाव नहीं हुए लेकिन नेताजी ने रिजल्ट घोषित कर दिया है और अपनी सीट पर टिकट की तरह अपने मंत्रीपद पर भी अपने आदमी की ताजपोशी की तैयारी शुरु कर दी है। आखिर नेताजी का दबदबा है इसलिए सत्ता और संगठन दोनों परेशान हैं। कैबिनेट में दो पद खाली हैं एक सीनियर लीडर के छोड़ने से और एक पहले से खाली है। जो पद खाली हुआ है उस पर नेताजी ने अपना दावा ठोंक दिया है।

 

महानदी भवन में कैबिन का टोटा

एक दशक में छत्तीसगढ़ की नौकरशाही की प्लानिंग ध्वस्त हो गई। राज्य सरकार के मंत्रालय यानी महानदी भवन में सचिवों के बैठने के लिए कक्षों का टोटा हो गया है। सचिवों के लिए यहां पर चार फ्लोर बनाए गए थे। लेकिन अब सचिवों की संख्या बढ़ गई है। इसीलिए सचिवालय ब्लॉक में कमरों का टोटा पड़ गया है। स्थिति यह हो गई है कि कई सचिवों को मंत्रियों के ब्लॉक में बिठाना पड़ रहा है। रिचा शर्मा, सोनमणि बोरा और रोहित यादव जैसे कई अफसर मिनिस्ट्रियल ब्लॉक में बैठ रहे हैं। अब सरकार के सामने मुश्किल है कि दस बारह साल में ही मंत्रालय भवन के एक्सटेंशन की नौबत आ गई है। 

रायपुर की 3 बड़ी दुकानों में लगी भीषण आग, ज्वेलरी शॉप जलकर खाक


गुटबाजी में फंसी बैज की टीम


कांग्रेस में गुटबाजी का मर्ज परंपरागत है। इस मर्ज से हर पीसीसी अध्यक्ष को जूझना पड़ा है। दीपक बैज भी इसी गुटबाजी में फंसे हुए हैं। एक तो उनको जीत की संजीवनी चाहिए। यह संजीवनी उनको दूर की कौड़ी दिखाई दे रही है। दूसरा उनको अपनी टीम बनानी है। लेकिन बड़े नेताओं के चलते उनकी टीम नहीं बन पा रही है। ऐसे में नेताओं और कार्यकर्ताओं के उपर उनका प्रभाव कम होने लगा है और कार्यकर्ताओं का दबाव बढ़ने लगा है। अब तो कार्यकर्ता कुर्सी पाने के लिए दूसरे बड़े नेताओं के बंगलों के चक्कर लगाने लगे हैं। एक बार सूची जारी होते होते रह गई क्योंकि उस पर दूसरे नेताओं ने आपत्ति लगा दी। अब  बैज नाम जोड़ने और काटने की उलझन में ही उलझे हुए हैं।

Bye-Election 2024 | CG में जंग सुनील सोनी V/s आकाश शर्मा नहीं, बल्कि बृजमोहन V/s कांग्रेस !

खेती में क्रांति लाने MP के हायर सेकेंडरी स्कूल में खुलेगा कृषि संकाय

CG News छत्तीसगढ़ Chhattisgarh politics cg bjp Chhattisgarh Politics News cg news in hindi CG Politics cg news update cg news hindi cg bjp govt cg news today Chhattisgarh Political News