BIRMINGHAM: भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन (2 अगस्त) को इतिहास रच दिया। गेम्स के 92 साल के इतिहास में भारत ने पहली बार लॉन बॉल्स में गोल्ड मेडल जीता। भारत की महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराया। उधर, टेबल टेनिस में पुरुष टीम ने गोल्ड मेडल जीत लिया। वहीं, विकास ठाकुर ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीता। भारत के खाते में अब तक 5 गोल्ड आ चुके हैं।
इस टीम में लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी तिर्की की चौकड़ी शामिल है। चारों ने मिलकर पहले सेमीफाइनल में मजबूत न्यूजीलैंड को बाहर किया और फिर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को। भारत का लॉन बॉल में यह पहला मेडल है। वहीं, देश को बर्मिंघम में पांच गोल्ड मेडल हासिल हो चुके हैं। भारत ने तीन सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज भी जीते हैं। इस तरह भारत ने कुल 10 पदक अपने नाम हैं।
ऐसे जीती भारतीय टीम
भारतीय महिला टीम ने एक समय मैच में 8-2 की बढ़त ले ली थी। ऐसा लग रहा था कि उसके लिए गोल्ड जीतना आसान होगा। 8वें एंड में साउथ अफ्रीका ने वापसी की। इसके बाद से उसने 6 पॉइंट हासिल कर मैच को 8-8 की बराबरी पर ला दिया। फिर उसने 11वें एंड में दो अंक और हासिल कर मैच में 10-8 की बढ़त ले ली। साउथ अफ्रीकी टीम मैच में आगे बढ़ती हुई दिख रही थी। 12वें एंड में भारतीय टीम ने 2 अंक हासिल कर मैच को बराबर कर दिया। यहां उसने विपक्षी टीम को कोई मौका नहीं दिया और लगातार 7 पॉइंट जीतकर मैच को 17-10 से जीत लिया।
लॉन बॉल्स का इतिहास
कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल्स 1930 के शुरुआती सत्र से ही खेला जा रहा है। केवल एक बार 1966 के गेम्स में लॉन बॉल्स शामिल नहीं रहा। लॉन बॉल में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड फिलहाल इंग्लैंड के नाम है। उसने 21 गोल्ड मेडल जीते, वहीं स्कॉटलैंड 20 गोल्ड के साथ दूसरे स्थान पर है। भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल में कभी भी मेडल नहीं जीता था। लेकिन अब इतिहास में पहली बार भारत को (2022 में) इस खेल में मेडल मिल गया है।