भोपाल. आज यानी 5 जनवरी को मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) का जन्मदिन (birthday) है। 1941 में भोपाल (Bhopal) के नवाबी खानदान (Nawabi family) में पटौदी का जन्म हुआ था। महज 20 साल की उम्र में एक आंख गंवाई। हादसे के 6 महीने बाद ही अपना पहला टेस्ट मैच खेला। किक्रेट हो या निजी जीवन दोनों में ही पटौदी ने शानदार पारियां खेली। आइए जानते हैं, पटौदी के जन्मदिन पर उनकी जिंदगी के दिलचस्प किस्से....
11 साल की उम्र में पिता खोया
पटौदी का जन्म भले ही भोपाल के नवाब परिवार में हुआ था, लेकिन उन्हें हमेशा मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनके पिता इंडियन टीम के पूर्व कप्तान और नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी थे। मंसूर की शुरूआती एजुकेशन (Education) देहरादून (Dehradun) के वेल्हम बॉयज स्कूल (Welham Boys School) में हुई। यहीं से उनके क्रिकेट करियर की शुरूआत हुई। मंसूर हायर एजुकेशन करने के लिए इंग्लैंड (England) गए। जब वह 11 साल के थे। तब उनके पिता इफ्तिखार अली (Father Iftikhar Ali) की मौत हो गई। इसके बाद उन्हें 1952 में भोपाल का नवाब बना दिया गया। हालांकि, तब तक भारत आजाद हो चुका था। इसलिए उन्हें आधिकारिक तौर पर नवाब नहीं माना जाता था।
20 की उम्र में गंवाई आंख
1 जुलाई 1961 का दिन मंसूर की जिंदगी का सबसे खराब दिन रहा। इस दिन मंसूर इंग्लैंड में कार से कहीं जा रहे थे। तभी रास्ते में उनका एक्सीडेंट (Accident) हो गया। इस हादसे में मंसूर पटौदी ने अपनी दाईं आंख हमेशा के लिए गंवा दी। तब वह सिर्फ 20 साल के थे। हादसे के 6 महीने बाद दिसंबर 1961 में मंसूर ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की। मद्रास में खेले तीसरे टेस्ट मैच में मंसूर ने 103 रन बनाए। पटौदी की इसी परफॉरमेंस की वजह से भारत, इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीतने में सफल हुआ।
हीरोइन को गिफ्ट किए 7 फ्रिज
मंसूर पटौदी ने बॉलीवुड (Bollywood) की फेमस एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर (Famous Actress Sharmila Tagore) से शादी की। दोनों की शादी के कई किस्से बॉलीवुड गलियारों में मशहूर हैं। रिलेशनशिप (Relationship) के शुरुआती दिनों में मंसूर का शर्मिला को 7 फ्रिज गिफ्ट किए। हालांकि, मंसूर के ये गिफ्ट शर्मिला को इम्प्रेस नहीं कर पाए। फिर मंसूर ने 4 साल तक रोज शर्मिला को गुलाब भिजवाए। तब जाकर शर्मिला ने मंसूर से निकाह के लिए हामी भरी। 27 दिसंबर 1969 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए। शर्मिला टैगोर और टाइगर पटौदी के तीन बच्चों को आप जानते ही हैं। सैफ अली, सोहा अली और सबा अली खान।
21 साल की उम्र में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
साल 1962 में मंसूर पटौदी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान (Captain) बने। तब उनकी उम्र महज 21 साल थी। मंसूर तब सबसे कम उम्र के कप्तान थे। यह रिकॉर्ड 2004 तक उनके नाम पर रहा। इंडिया के बाहर पहली जीत दिलाने का क्रेडिट भी कप्तान पटौदी को ही जाता है। पटौदी ने भारत के लिए 46 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से उन्होंने 40 मैचों की कप्तानी की। 1967 में पटौदी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 22 सितंबर 2011 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
कितनी संपत्ति का मालिक है पटौदी खानदान
मंसूर के नाना हमीदुल्ला खान (Hamidullah Khan) भोपाल के नवाब थे। नवाब हमीदुल्ला खान ने अपनी प्रॉपर्टी मे अपनी बड़ी बेटी आबिदा को वारिस बनाया था। भारत के बंटवारे के बाद आबिदा पाकिस्तान चली गई थीं। जिसके बाद भोपाल की विरासत पर हमीदुल्ला खान की मंझली बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार का कब्जा हो गया। मंसूर बेगम साजिदा सुल्तान के ही बेटे थे। भोपाल में पटौदी परिवार की लगभग 5 हजार करोड़ की चल अचल संपति है, इन्हीं में से एक है भोपाल का शाही महल और पटौदी पैलेस। हालांकि, पूरी प्रॉपर्टी पर विवाद है और कानूनी मामलों में फंसी है। साथ ही पटौदी खानदान की प्रॉपर्टी मुंबई और स्विट्जरलैंड (Switzerland) में भी है।