LUSANE.भारतीय फुटबॉल प्लेयर्स (Indian Football Players) और फैंस के लिए बुरी खबर है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन फुटबॉल (International Federation of Association Football) ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (All India Football Federation) को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। जानकारी के मुताबिक फीफा ने ये फैसला नियमों के उल्लंघन होने की वजह से लिया है। फीफा ने थर्ड पार्टी के इंटरफेरेंस के कारण ये कड़ा फैसला लिया है। इसके साथ फीफा ने इसी साल अक्टूबर में भारत में होने वाले फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप (women's world cup) 2022 की मेजबानी भी छीन ली है। फीफा का ये फैसला सुनकर फैंस का दिल टूट गया है।
FIFA suspends All India Football Federation
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— ANI Digital (@ani_digital) August 16, 2022
नहीं होगा अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप
इस साल भारत में होने वाले अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप का आयोजन भी अब नहीं होगा। अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप 11अक्टूबर से शुरु होना था जोकि 30 अक्टूबर तक चलना था।
फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन
फीफा ने बताया कि फीफा परिषद के ब्यूरो ने सर्वसम्मति से ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF)को 'अनुचित हस्तक्षेप' की वजह से तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। यह फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। आगे फीका ने बताया कि कार्यकारी समिति की शक्तियों को ग्रहण करने के लिए ऐडमिनिस्ट्रेटर की एक कमेटी गठित करने के आदेश के कैंसल होने और AIFF ऐडमिनिस्ट्रेटर द्वारा दैनिक मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के बाद सस्पेंशन हटा लिया जाएगा।
टीम इंडिया के खेल मंत्रालय से लगातार कॉटेंक्ट में है फीफा
फीफा ने कहा कि वह टीम इंडिया के खेल मंत्रालय (Team India Sports Ministry)के साथ लगातार कॉटेंक्ट में है और उम्मीद है कि मामले में एक सही और पॉजिटिव रिजल्ट आ सकता है। बता दें फीफा ने अगस्त महीने की शुरुआत में ही थर्ड पार्टी के हस्तक्षेप के कारण AIFF को निलंबित करने की चेतावनी दी थी। ये धमकी एआईएफएफ के चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कुछ ही ही दिनों बाद दी गई थी। 28 अगस्त को एआईएफएफ के चुनाव होने हैं। इस मामले में 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में सुनवाई है।
कौन हैं प्रफुल पटेल ?
एनसीपी के दिग्गज नेता शरद पवार के करीबी रहे प्रफुल पटेल 1991 में लोक सभा के सदस्य बने। महाराष्ट्र के गोंदिया जिले से विधायक रहे पटेल, 1985 में गोंदिया ,महाराष्ट्र के नगर पालिका परिषद अध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रफुल पटेल , 2004 में कांग्रेस की सरकार में नागरिक विमानन मंत्री थे। इनको 2009 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) का अध्यक्ष चुना गया। 3 बार AIFF के अध्यक्ष पद पर नियुक्त रहने के बाद भी पटेल का मन नहीं भरा और वह AIFF के नए नियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए । 2022 में जब तक सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पद से हटा नहीं दिया तब तक वे अध्यक्ष बने रहे।
क्यूं हुआ FIFA नाराज
दरअसल इस विवाद की जड़ प्रफुल पटेल हैं । इसके अलावा AIFF के नए संविधान को लेकर भी विवाद चल रहा था । इन्हीं विवादों की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने प्रफुल्ल पटेल को पद से हटा दिया। इसके बाद पटेल ने एक याचिका दायर कर मांग की कि जब तक नए संविधान को स्वीकार नहीं कर लिया जाता और नए अध्यक्ष को नहीं चुना जाता तब तक उनकी एग्जिक्यूटिव काउंसिल का समय बढ़ा दिया जाए। कोर्ट ने पटेल की इस मांग ठुकरा दिया और प्रशासनिक काम काज देखने के लिए एक कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (COA)का गठन कर दिया ।
इस पूरे मामले में FIFA की दखलअंदाजी के तीन बड़े कारण हैं
- AIFF की स्वायत्ता पर सवाल है। दरअसल फीफा के अनुसार किसी भी देश में फुटबॉल को गवर्न करने वाली बॉडी पूरी तरह से स्वतंत्र होनी चाहिए । उसमें सरकार या किसी अन्य एजेंसी का दबाव नहीं होना चाहिए।