17 अक्टूबर से टी-20 वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है। पहला मुकाबला ओमान और पापुआ न्यू गिनी के बीच है। मुनीस अंसारी ओमान के फास्ट बॉलर हैं। मुनीस मध्य प्रदेश के सीहोर के रहने वाले हैं। 2005 में दिल्ली में हुए फास्ट बॉलर्स टैलेंट हंट में 53 हजार खिलाड़ी शामिल हुए थे। इनमें सिर्फ 7 चुने गए। इन सात में से एक थे मुनीस। मुनीस 2008 से ओमान क्रिकेट टीम के लिए खेल रहे हैं और 2014 से वे ओमान नेशनल क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में मुनीस ने अपनी क्रिकेट जर्नी के बारे में बात की।
सवाल: मूलत: कहां से हैं? क्रिकेट में इंटरेस्ट कैसे पैदा हुआ?
मुनीस: मैं सीहोर शहर के कस्बा मोहल्ले से हूं। घर के पास एक बड़ा मैदान हुआ करता था, जहां मेरे सीनियर्स और दोस्त क्रिकेट खेला करते थे। मैंने भी खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे मेरा इंटरेस्ट जगा और क्रिकेट में मुझे मजा आने लगा।
सवाल: क्रिकेट में कितना स्ट्रगल करना पड़ा?
मुनीस: संघर्ष तो बहुत रहा। शुरुआत में तो गली-मोहल्लों में ही क्रिकेट खेला और सीखा। उस वक्त सोचा था कि मैं इंडिया के लिए खेलूंगा। 2005 में नेशनल लेवल पर फास्टेस्ट बॉलर के लिए टैलेंट हंट हुआ था। इसमें सिलेक्शन के लिए पूरे भारत से 53 हजार लोग पहुंचे। चयन 7 लोगों का हुआ था। इनमें से एक मैं भी था। फाइनल मुंबई में हुआ था। उस मैच में मैंने 143 किमी/घंटा की स्पीड से बॉलिंग की।
मैंने धोनी, सचिन को बॉल डाली थी। हरभजन को बोल्ड भी किया था। मेरी बॉलिंग सभी को पसंद आई। हालांकि, मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया और दिल्ली के एक लड़के को आगे भेजा गया। मैं निराश नहीं हुआ और वापस आकर भोपाल संभाग के लिए खेलने लगा। जब रणजी टीम के लिए सिलेक्शन हो रहा था। उस दौरान इंदौर और भोपाल के बीच फाइनल मैच था। मैंने उसमें 6 विकेट झटके। इसके बावजूद रणजी में सिलेक्ट नहीं हुआ। इसके बाद तय कर लिया कि इंडिया के लिए नहीं खेलूंगा।
सवाल: ओमान क्रिकेट टीम ही क्यों चुनी?
मुनीस: मैं सिलेक्शन के लिए लगा था, लेकिन कहीं हुआ नहीं। परिवार से कमाने के लिए दबाव बनने लगा। मेरा एक दोस्त है अहमद खान, उसने बताया कि ओमान मैं नौकरी है, अगर करना है तो यहां आ जाए। वो भी ओमान में ही था। ऐसे में ओमान पहुंच गया। वहां जॉब के साथ-साथ क्रिकेट भी खेलता था। यहां मुझे 28 साल की उम्र में डोमेस्टिक खेलने का मौका मिला। इसके बाद 2014 में मुझे इंटरनेशनल खेलने का मौका मिला। उस साल वर्ल्ड कप के लिए ओमान को क्वालिफायर राउंड जीतना था। लास्ट ओवर था और 12 रन चाहिए था। बॉलिंग मैं कर रहा था। प्रेशर था। मैंने बाल फेंकी और लास्ट ओवर में 2 विकेट झटक कर 6 रन दिए। इसके बाद एक मैच और खेलकर हम क्वालिफाई कर गए।
सवाल: आपको इंडिया टीम से खेलने का मौका नहीं मिल पाया। इसकी वजह आप क्या मानते हैं ?
मुनीस: वजह एक ही है- एमपी क्रिकेट एसोसिएशन। मैं काबिल था, लेकिन इसके बाद भी मुझे रणजी नहीं खेलने दिया गया। मैं इसका जिम्मेदार MPCA को मानता हूं।
सवाल: आपके परिवार मैं कौन-कौन है ?
मुनीस: मम्मी-पापा हैं। एक बड़े भाई हैं, जो सीहोर के ही एक सरकारी स्कूल में अकाउंटेंट हैं। बहनों की शादी हो गई है और पत्नी और बच्चे हैं, जो मेरे साथ ओमान में ही रहते हैं।