Gujrat. दस टीमों के बीच 65 दिन चले घमासान के बीच सारी दिग्गज टीमों को पछाड़ते हुए गुजराज टाइटंस अपने डेब्यू सीजन में ही चैंपियनशिप जीतने वाली पहली टीम बन गई। टूर्नामेंट की शुरूआत तक सारे क्रिकेट पंडित भी गुजरात को सबसे कमजोर टीम मान रहे थे। मगर हार्दिक पंड्या और उनकी प्लेइंग इलेवन ने अपने पहले ही टूर्नामेंट में ट्राफी के साथ ही पूरे देश का दिल भी जीता है। चैंपियन बनने पर BCCI की ओर से गुजरात टाइटंस पर जोरदार धनवर्षा की है, गुजरात टीम को IPL जीतने पर 20 करोड़ रुपए की प्राइज मनी मिली है। वहीं रनर अप रही राजस्थान रॉयल्स को जहां 8.5 करोड़ रुपए मिले हैं, वहीं टूर्नामेंट के मैक्सिमम अवार्ड भी राजस्थान के खाते में रहे। राजस्थान के जोंस बटलर सबसे ज्यादा प्राइज जीतने और कमाई करने वाले खिलाड़ी रहे।
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That moment when the @gujarat_titans captain @hardikpandya7 received the IPL trophy from the hands of Mr. @SGanguly99, President, BCCI and Mr. @JayShah, Honorary Secretary, BCCI. ???? ????#TATAIPL | #GTvRR pic.twitter.com/QKmqRcemlY
— IndianPremierLeague (@IPL) May 29, 2022
दस टीमों के बीच 74 मैचों में उलटफेर करने के बाद IPL को अपने 15वें सीजन में एक नया चैंपियन मिल गया है। पहली बार IPL खेल रही गुजरात टाइटंस ने राजस्थान रॉयल्स को हराकर पहले ही सीजन में खिताब जीत लिया। हार्दिक पंड्या की कप्तानी वाली गुजरात टाइटंस IPL जीतने वाली सातवीं टीम बन गई। जीत के बाद गुजरात पर BCCI की ओर से धन की जोरदार बरसा की गई। GT को ट्रॉफी के साथ 20 करोड़ रुपए की प्राइज मनी दी गई है। जबकि राजस्थान रॉयल्स को रनरअप रहने पर 12 करोड़ 50 लाख रुपए की प्राइज मनी BCCI की ओर से दिए गए हैं। इनके अलावा टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रही बेंगलुरु को 7 करोड़ और टॉप 4 में अंतिम स्थान पर रही लखनऊ सुपर जाइंट्स को 6.5 करोड़ रुपए की प्राइज मनी मिली है। फाइनल के मैन ऑफ द मैच हार्दिक पंड्या को 5 लाख रुपए मिले। फाइनल प्रेजेंटेशन सेरेमनी में एमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर, सुपर स्ट्राइकर ऑफ द सीजन ,मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर ऑफ द ईयर, गेमचेंजर ऑफ द ईयर, पावरप्लेयर ऑफ द ईयर और मैक्सिम सिक्सेस अवॉर्ड भी दिए गए।
बटलर की झोली में सबसे ज्यादा प्राइज
पूरे टूर्नामेंट में व्यक्तिगत प्रदर्शन और रिकार्ड्स की बात करें तो राजस्थान रॉयल्स के जोंस बटलर और युजवेंद्र चहल ने सबको पीछे छोड़ दिया। टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की भी काफी कमाई हुई। सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले राजस्थान के युजवेंद्र चहल को पर्पल कैप के साथ 10 लाख रुपए मिले। चहल ने सीजन में सबसे ज्यादा 27 विकेट झटके। वहीं सबसे अधिक रन बनाने वाले जोंस बटलर ऑरेंज कैप हथियाने में सफल रहे। पूरे सीजन में बटलर ने 17 मैचों में 863 रन बनाए। राजस्थान के सलामी बल्लेबाज जोस बटलर को ऑरेंज कैप के साथ 10 लाख रुपए भी मिले। बटलर की झोली में सबसे अधिक छह अवार्ड रहे। सबसे अधिक रन बनाने पर ऑरेंज कैप के साथ ही बटलर को सबसे ज्यादा 83 चौके लगाने, पॉवर प्लेयर्स आफ द सीजन, सर्वाधिक 45 छक्के मारने, मोस्ट वेल्यूएबल प्लेयर्स के साथ ही गेमचेंजर आफ द सीजन का अवार्ड भी मिला। इन अवार्ड्स के साथ बटलर को 60 लाख रुपए की प्राइज मनी भी मिली। इनके अलावा उमरान मलिक अमर्जिंग प्लेयर आफ द ईयर, दिनेश कार्तिक सुपर स्ट्राइकर आफ द सीजन, लॉकी फग्यूसन को फास्टएस्ट डिलेवरी तथा एविन लुईस को कैच आफ द सीजन का अवार्ड मिला। कार्तिक को टाटा की ओर से कार तथा शेष सभी को 10—10 लाख रुपए की प्राइज मनी दी गई।
इन कदमों से गुजरात ने जीता देश का दिल
अहमदाबाद में देश के सबसे बड़े नरेंद्र मोदी स्टेडियम में रविवार रात खेले गए फाइनल मुकाबले में गुजरात टाइटंस ने राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट से हराकर धमाकेदार ढंग से ट्रॉफी अपने नाम कर ली।IPL के 15 वें सीजन के लिए फरवरी में हुए मेगा ऑक्शन के बाद सारे एक्सपर्ट्स गुजरात टाइटंस को IPL-2022 की सबसे कमजोर टीम बता रहे थे। कमजोरी गिनाते हुए दावे किए जा रहे थे कि टीम के पास बड़े स्टार्स नहीं हैं और बैटिंग भी कमजोर है। अब इसी टीम ने अपने डेब्यू सीजन में ही फाइनल जीतकर सभी को चौंका दिया है। आइए जानते हैं गुजरात ने कैसे सारे कयासों को गलत साबित करते हुए टूर्नामेंट में अपनी धाक जमाई और दिग्गजों से भरी टीमों को पछाड़कर अपने पहले ही सीजन में ट्राफी जीतने में कामयाबी पाई----
1. हार्दिक रहे कूल टीम को रखा एग्रेसिव
टूर्नामेंट के पूरे सीजन में गुजरात के कप्तान हार्दिक पंड्या ने अपनी लीडरशिप स्किल को भी साबित किया है। अहम मौकों में फैसले लेकर उन्होंने मैच अपने नाम किया है। मैदान पर हार्दिक का बिहेवियर भी काफी इ्ंप्रेसिव रहा और वे अपने एग्रेसिव नेचर के विपरीत हमेशा कूल नजर आए। जरूरत के मुताबिक हर मैच में अपनी बल्लेबाजी का स्टाइल भी बदला। अपनी पॉवर हिटर की इमेज के विपरीत जाकर उन्होंने नंबर-3 और नंबर-4 पर आकर इनिंग्स बिल्ड करने की कोशिश की। पहले हार्दिक हर गेंद पर चौका या छक्का खोजते नजर आते थे।
2. हर मैच में टीम को मिला नया फिनिशर
ऐसा कभी नहीं रहा कि गुजरात की टीम ने कोई भी मुकाबला अपने हाथ से छोड़ा हो। फंसे हुए मैच भी अपने खाते में करने का काम टीम ने किया है। जब भी जरूरत पड़ी है किसी न किसी खिलाड़ी ने आगे आकर जिम्मेदारी ली है और असंभव दिखने वाली जीत को भी संभव बना दिया। फिर चाहे वह क्वालिफायर-1 में प्रसिद्ध कृष्णा के 19वें ओवर में मिलर के लगातार तीन छक्के हों। या फिर तेवतिया की RCB के खिलाफ 25 गेंदों पर 43 रन की पारी हो। तेवतिया ने टीम को दो गेंद में दो छक्के मारकर जिताया था। फिर राशिद खान हों, जिन्होंने गेंद के साथ बल्ले से भी कमाल दिखाया। राशिद ने 28 अप्रैल को LSG के खिलाफ 19वें ओवर में मार्को येनसान की आखिरी तीन गेंदों पर तीन छक्के जमाए थे। उस ओवर में टीम को जीत के लिए 22 रन बनाना थे।
3. पावर-प्ले का हर रोल में इस्तेमाल
GT की कामयाबी के पीछे टीम के न्यू बॉल बॉलर्स की अहम भूमिका रही। शुरुआती ओवरों में ही विकेट हासिल कर गुजरात ने प्रतिद्वंद्वी टीमों पर दबाव बनाया। टीम ने पावर प्ले में प्रतिद्वंद्वी टीम के 26 विकेट चटकाए। राजस्थान रॉयल्स ने भी पावर प्ले में 26 विकेट चटकाए हैं यानी पावर-प्ले की दो बेस्ट टीमें फाइनल में पहुंची हैं।
4. चौके मार- मारकर ही जीत ली ट्रॉफी
हार्दिक की टीम ने बल्लेबाजी में सेफ गेम का प्लान बनाकर ज्यादा रिस्क न लेते हुए मैदानी शॉट्स पर जोर दिया। यही वजह है कि गुजरात की ओर से इस सीजन में सबसे कम 75 छक्के ही लगे हैं। लेकिन, चौके जमाने के मामले में GT टॉप-3 में है। गुजरात की ओर से 207 चौके लगे हैं। इस रणनीति के कारण गुजरात ने ज्यादातर मैचों में इतने रन जरूर बनाए कि वह आखिर तक विरोधी टीम को टक्कर दे सके। जब एक टीम आखिरी गेंद तक मुकाबले में रहने की जिद पर अड़ी रहती है तो उसकी जीत की उम्मीद भी ज्यादा होती है। इसी जिद के कारण गुजरात ने बाद में बैटिंग वाले 8 में से सात मैचों में जीत हासिल की। रोचक बात यह है कि सभी सातों मैचों में गुजरात को आखिरी ओवर में जीत हासिल हुई। दो मैचों में तो आखिरी गेंद पर रिजल्ट आ सका और खुशी गुजरात के खाते में रहे।
5. गेंदबाजी में भी हमेशा नया विकल्प
GT की सफलता में उसकी बॉलिंग सैक्टर को भी कम नहीं आंका जा सकता। गेंदबाजों ने भी अपना सौ फीसदी योगदान दिया है। विरोधी को सस्ते में समेटना हो या फिर स्कोर डिफेंड करने का मौका हो, हार्दिक हमेशा 7 बॉलिंग ऑप्शन के साथ मैदान में रहे। क्वालिफायर-1 की प्लेइंग में कप्तान पंड्या, मिलर, राशिद, साई किशोर, अल्जाफरी जोसेफ, यश दयाल और मोहम्मद शमी थे। हार्दिक ने बखूबी अपने बॉलर्स का इस्तेमाल किया और विरोधी टीम के सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया।