ब्लैक लाइव्स मूवमेंट: डिकॉक का घुटने पर बैठने से इनकार, SA की प्लेइंग XI से बाहर

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ब्लैक लाइव्स मूवमेंट: डिकॉक का घुटने पर बैठने से इनकार, SA की प्लेइंग XI से बाहर

किक्रेट दक्षिण अफ्रीका (CSA) ने रंगभेद (Apartheid) के खिलाफ मैदान पर खिलाड़ियों के घुटने टेकने के निर्देश जारी किए थे। लेकिन इसको लेकर अफ्रीका किक्रेट टीम में तनाव पैदा हो गया है। 26 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका (South Africa) के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक (Quinton De Kock) वेस्ट इंडीज के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप (T20 World cup) का मुकाबला खेलने नहीं उतरे। डिकॉक ब्लैक लाइव्स मैटर्स (Black Lives Matters) के कारण यह मैच नहीं खेल रहे हैं।

ब्लैक लाइव्स मूंवमेंट को समर्थन नहीं

टीम के कप्तान तेंबा बाउमा से टॉस के समय पूछा गया कि ऐसा क्यों? इस पर बाउमा का जवाब चौंकाने वाला था। वे बोले कि डिकॉक पर्सनल रीजन से टीम से बाहर हैं। रीजन ऐसा है जिसमें हम दखलअंदाजी नहीं कर सकते। दरअसल, CSA ने सभी खिलाड़ियों को नस्लभेद का विरोध करने के लिए घुटने के बल बैठने का निर्देश दिए थे। लेकिन इसका विरोध जताते हुए डीकॉक मैदान में खेलने ही नहीं उतरे। हालांकि, साउथ अफ्रीका की टीम ने इस मैच को जीत लिया है।

क्या है ब्लैक लाइव्स मैटर

अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) के एक श्वेत पुलिस कर्मी के हाथों मारे जाने के बाद दुनियाभर में ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट चला। इस मुद्दे पर साउथ अफ्रीका टीम के खिलाड़ी बंटे हुए नजर आए। साउथ अफ्रीका में नस्लभेद लंबे समय तक सरकारी पॉलिसी का हिस्सा रहा है। ये देश अश्वेतों की बहुलता वाला है। इसके बावजूद वहां के सिस्टम में उनको पूरे अधिकार नहीं मिलते थे। साउथ अफ्रीका की टीम में किसी अश्वेत खिलाड़ी का चयन नहीं होता था। हालांकि, तेज गेंदबाज रबाडा जैसे खिलाड़ियों ने इस ट्रेंड को बदला है। 

कालों को साथ मैच देखने की अनुमित नहीं थी

भारत रत्न नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) ने कहा था कि हम काले हमेशा दक्षिण अफ़्रीका का नहीं, बल्कि मेहमान टीमों का समर्थन करते थे। मैंने डरबन टेस्ट देखा था। हम काले लोगों को आम लोगों के साथ बैठकर मैच देखने की अनुमति नहीं थी। हम लोगों के लिए स्टेडियम में कंटीले तार वाले पिंजरे रखे गए थे, जिनमें बैठ कर हमने वो टेस्ट देखा था। हम लोग दुखी थे, क्योंकि दक्षिण अफ़्रीका की टीम जीतने की स्थिति में थी, लेकिन जब नील हार्वे के शतक ने ऑस्ट्रेलिया को जिता दिया, तो हमारी खुशी की कोई सीमा नहीं थी. हम खुशी में नाचते गाते घर वापस गए।

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