टोक्यो. ओलंपिक में भारत की स्टार निशानेबाज मेडल मनु भाकर क्वालिफाइंग राउंड में 12वें स्थान पर रहीं। इसकी वजह उनकी पिस्टल का खराब प्रदर्शन रहा। मनु के कोच रौनक पंडित ने बीबीसी से अपनी प्लेयर के खराब प्रदर्शन की वजह शेयर की है। रौनक बताते हैं कि आप सालों तक गाड़ी चलाते रहें और कुछ नहीं होता। फिर किसी एक दिन आपका टायर पंक्चर हो जाए तो क्या ये आपकी गलती होगी। ये कुछ ऐसा है, जिसका आपको सामना करना पड़ता है।
लीवर को एडजस्ट करने में वक्त लगा
मनु भाकर रविवार को जापान की असाका शूटिंग रेंज में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में हिस्सा ले रही थीं। वे क्वालिफाइंग राउंड में 12वें पायदान तक पहुंची। वहीं, दूसरी भारतीय खिलाड़ी यशस्विनी देसवाल ने 13वीं पोजिशन पर रहीं। रौनक के मुताबिक, मनु ने पहले सीरीज में 98 पॉइंट हासिल किए, लेकिन दूसरे राउंड में 15 शॉट के बाद उनकी पिस्टल का लीवर टूट गया, जिसे सुधारने कुछ वक्त लगा। मनु के पास एक एक्स्ट्रा पिस्टल भी थी, लेकिन उसे एडजस्ट करने में समय लगता।
ऑर्गनाइजर्स ने भी कीमती समय खराब किया
रौनक के मुताबिक, आयोजकों ने काफी समय साइटर को ठीक करने में लगाया, जिससे मनु का बहुमूल्य समय खराब हो गया। हालांकि, इसके बाद लगा कि उन्होंने वापसी कर ली है। उन्होंने कुछ शॉट्स में 10 पॉइंट भी हासिल किए। चौथी सीरीज में 98 अंक लिए। अंतिम सीरीज में वे सिर्फ 95 अंक ले पाईं और 2 अंकों से पिछड़ गईं।
पिस्टल में सारा खेल लीवर का
लिवर टूटने की घटना समझाते हुए रौनक कहते हैं, ‘लीवर बैरल खोलने में मदद करता है, जिससे गन लोड होती है। अगर वह टूटा हुआ है तो आप शॉट नहीं चला सकते।’ मनु ने दूसरी पिस्टल इस्तेमाल क्यों नहीं की, इस पर रौनक कहते हैं कि एक्स्ट्रा पिस्टल को एडजस्ट करने में भी समय लगता। इस सबके बावजूद वह अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही। बस अंत में दो पॉइंट से पिछड़ गई।
लीवर का टूटना दुर्लभ
रौनक के मुताबिक, एयर पिस्टल में इस तरह की समस्या न के बराबर होती है। ये इस्तेमाल करने की वजह से होने वाली समस्या है। आप बाहर से क्रैक या कुछ और नहीं देख सकते। सामान्य रूप से इसे कभी नहीं टूटना चाहिए। ये बेहद दुर्भाग्यशाली था। मनु ने वापसी करते हुए 4 बार 10 पॉइंट हासिल किए। ये बताता है कि वे कितनी तैयार थीं।