अलविदा कैप्टन: गांगुली-धोनी से भी 'विराट' रूप, क्या अब खत्म हो गया कोहली का दौर

author-image
एडिट
New Update
अलविदा कैप्टन: गांगुली-धोनी से भी 'विराट' रूप, क्या अब खत्म हो गया कोहली का दौर

महज 68 दिन के अंदर विराट कोहली (Virat Kohli captaincy) ने क्रिकेट के तीन फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ दी है। वो अब बतौर बल्लेबाज टीम के लिए खेलेंगे। उन्होंने 2014 में टीम की कप्तानी संभाली थी। इन 7 सालों में टेस्ट क्रिकेट में कोहली ने जो किया है, वो दादा यानी सौरभ गांगुली, MS धोनी भी नहीं कर पाए। आइए आंकड़ों के लिहाज से देखते हैं कोहली (Virat kohli record) का करियर....



ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली कप्तानी: साल 2014 में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट की कप्तानी छोड़ी थी। तब कोहली को टेस्ट का कप्तान बनाया गया। कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की, जिसमें से 40 मैचों में उन्हें जीत मिली। जबकि 17 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, 11 मैच ड्रॉ रहे। 



एशिया के नंबर-1 कप्तान: कोहली ने विदेश सरजमीं पर 16 टेस्ट जीते और इस मामले में भी वो भारत ही नहीं एशिया के नंबर 1 कप्तान हैं। विदेशी सरजमीं पर सबसे ज्यादा 23-23 टेस्ट ग्रीम स्मिथ और क्वाइव लॉयड ने जीते हैं। पॉन्टिंग और स्टीव वॉ ने भी विदेश में 19-19 जीत हासिल की हैं।



टेस्ट में नंबर-1: टीम इंडिया ने साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया को घर में हराया था। ये इतिहास कोहली की कप्तानी में रचा गया। कोहली की कप्तानी में ही टीम ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकी। उनकी कप्तानी में टीम ने टेस्ट में नंबर-1 रैंकिंग हासिल की। सेंचुरियन में पहली बार साउथ अफ्रीका के खिलाफ जिताने वाले भी कोहली थे। टेस्ट में उनकी जीत का प्रतिशत 58.82 रहा। 



एक भी घरेलू सीरीज नहीं हारे: कोहली की कप्तानी में भारत ने अपने घर में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं गंवाई। टीम इंडिया ने भारत में 11 टेस्ट सीरीज खेलीं और सभी में जीत हासिल की। ऑस्ट्रेलिया के अलावा कोहली की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका और वेस्टइंडीज मे भी जीत हासिल की।



कोहली का सबसे खराब दौर: इंडियन क्रिकेट पर कोहली ने लंबे समय तक राज किया है। साल 2012 में उन्होंने शतकों की झड़ी लगाकर युवा और आक्रामक खिलाड़ी की एक छवि बनाई थी। इस समय विराट भारत के चमकते हुए सितारे थे। इसके बाद हर साल उन्होंने क्रिकेट जगत में नई ऊंचाइयां हासिल की और कई कीर्तिमान बनाए। इसके बाद 2020 पहला साल रहा, जब वो कोई शतक नहीं लगा पाए। इसके बाद उन पर सवाल उठने शुरू हुए और 2022 की शुरुआत में विराट तीनों फॉर्मेट से भारत की कप्तानी छोड़ चुके हैं। 



पिछले दो सालों से विराट के बल्ले से कोई शतक नहीं निकला है और अब खराब फॉर्म के चलते उन्हें टीम से बाहर भी किया जा सकता है। जब तक वो टीम के कप्तान थे, तब तक यह संभव नहीं था। ऐसे में कहा जा सकता है कि अब भारतीय क्रिकेट में कप्तान कोहली का दौर तो खत्म हो चुका है। अगर ऐसा नहीं होता तो अनिल कुंबले को कोच पद से हटवाने का दम रखने वाले कोहली इतने मजबूर नहीं होते कि BCCI उनसे कप्तानी छीन ले। 


विराट कोहली virat kohli Indian team Virat Kohli test captaincy Virat kohli emotional letter virat kohli test captaincy statistics कप्तानी विवाद साउथ अफ्रीका में हार कोहली का दर्द virat vs bcci virat kohli record