NEW DELHI. दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 28 अप्रैल को सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने तय किया है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी। पहलवानों की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने सुरक्षा की मांग की। जांच के लिए STF के गठन का भी अनुरोध किया। इस पर तुषार मेहता ने कहा कि यह विषय दिल्ली पुलिस कमिश्नर पर छोड़ देना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए। इस पर मेहता ने कहा कि अब यह मांग कुछ ज्यादा है। पुलिस कमिश्नर जिम्मेदार अधिकारी हैं। इस बीच ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने पहलवानों को न्याय दिए जाने की बात कही है। पहलवानों ने जंतर मंतर पर 23 अप्रैल को दोबारा प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
सीजेआई ने क्या कहा?
इसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सॉलिसीटर जनरल, हम आपका स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर लेते हैं। एक हफ्ते बाद हमें आगे की जानकारी दी जाए। सॉलिसीटर जनरल ने इस पर कहा कि यह सही नहीं है। हर मामले में सीधे कोर्ट की या पूर्व जज की निगरानी की मांग की जाती है। शायद खिलाड़ी खुद नहीं जानते कि उनके नाम पर कुछ और भी चल रहा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज करने की बात कही है। हम अभी जांच के लिए STF बनाने पर कुछ नहीं कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि नाबालिग खिलाड़ी पर खतरे की समीक्षा कर पुलिस कमिश्नर उसे सिक्योरिटी दें। बाकी खिलाड़ियों की सुरक्षा की भी समीक्षा हो। अगले शुक्रवार (5 मई) को मामला दोबारा सुनवाई के लिए लगाया जाएगा।
पहलवानों का आरोप है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण ने यौन उत्पीड़न किया है। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित देश के कई पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर मंतर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, हालांकि एफआईआर दर्ज नहीं हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लिस्ट टांगी
पहलवानों के आरोप और बिश्नोई की सफाई
विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने हाल ही में मीडिया से बातचीत करते हुए दावा किया कि था कि बिश्नोई और हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश ने ना केवल पीड़ितों को धमकी दी, बल्कि "चुप रहने" के लिए रिश्वत की पेशकश भी की थी। बिश्नोई ने कहा, 'मेरे कॉल रिकॉर्ड्स जांच कर सकते हैं। इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। मैं यह भी नहीं जानता कि पीड़ित कौन हैं। अगर यह साबित हो जाता है कि मैंने धमकी भरे फोन किए थे तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं।'
महावीर प्रसाद ने ये भी कहा, 'जब विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो तब मैं अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए हिसार गया हुआ था। मैं कैसे जाकर पीड़ित परिवार से मिल सकता था। मुझे यकीन है कि प्रदर्शन स्थल पर कोई पहलवानों को गलत जानकारी दे रहा है। ये पहलवान मुझे सालों से जानते हैं। अगर कोई उनसे मेरा नाम लेने को कहता है तो उन्हें बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय मुझसे बात करनी चाहिए थी।'
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पीटी ऊषा के बयान से नाराजगी
भारतीय ओलंपिक संघ प्रमुख पीटी ऊषा के पहलवानों के अनुशान पर सवाल उठाने के चलते उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बजरंग पूनिया ने कहा है कि ऊषा महिला होते हुए महिलाओं का दुख नहीं समझ रहीं। करीब तीन महीनों के बाद पहलवान फिर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर जंतर मंतर पर WFI अध्यक्ष बृज भूषण शरण के खिलाफ धरना दे रहे हैं।
पूनिया ने साफ कर दिया है कि वे न्याय मिलने तक विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, 'मुझे जब पीटी ऊषा मैम की टिप्पणी के बारे में पता चला तो दुख हुआ, क्योंकि हम उन्हें अच्छा एथलीट मानते हैं। वह महिला होते हुए महिलाओं का दर्द नहीं समझ रही हैं। बीते तीन महीनों से हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं और अब वे इसे अनुशासनहीनता बता रहे हैं।'
पीटी ऊषा ने ये कहा था
इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष ऊषा ने कहा था कि पहलवानों को विरोध प्रदर्शन दोबारा शुरू करने के बजाए IOA के पास आना चाहिए था। उन्होंने कहा था, 'हमारा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए IOA में समिति और एथलीट्स कमीशन है। सड़कों पर जाने के बजाए उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन वे IOA के पास नहीं आए। वे धरने पर बैठे हैं और सभी राजनीतिक दलों को शामिल होने के लिए कह रहे हैं और इसी बात ने मुझे निराश किया।'
इन्होंने किया सपोर्ट
रेसलर्स के मुद्दे पर ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने कहा- सड़क पर इंसाफ मांग रहे एथलीट्स को देखकर कष्ट होता है, इन्हें न्याय मिलना चाहिए। एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि इन्हें इंसाफ नहीं मिला तो देर हो जाएगी।
क्रिकेटर्स समेत अन्य खिलाड़ियों के कुछ ना कहने पर भी पहलवान दुखी
विनेश फोगाट ने भारतीय क्रिकेटरों और अन्य शीर्ष खिलाड़ियों की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा- 'पूरा देश क्रिकेट की पूजा करता है, लेकिन कोई भी क्रिकेटर कुछ नहीं बोला। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप हमारे पक्ष में बोलें, लेकिन कम से कम एक मैसेज दें और कहें कि किसी भी पार्टी के लिए न्याय होना चाहिए। इससे मुझे दुख होता है। चाहे वे क्रिकेटर हों, बैडमिंटन खिलाड़ी हों, एथलेटिक्स हों, बॉक्सर हों।'
'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन का उदाहरण देते हुए विनेश ने कहा कि 'ऐसा नहीं है कि हमारे देश में बड़े एथलीट नहीं हैं। क्रिकेटर्स ने अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान सपोर्ट किया था। क्या हम इतने भी लायक नहीं हैं? जब हम कुछ जीतते हैं तो आप हमें बधाई देने के लिए आगे आते हैं। यहां तक कि क्रिकेटर भी ऐसा होने पर ट्वीट करते हैं अभी क्या हो गया? क्या आप सिस्टम से इतना डरते हैं? या हो सकता है कि वहां भी कुछ गड़बड़ चल रहा हो?'
खापें, किसान संगठन भी शामिल हुए
हरियाणा की कई खापों, महिला संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने भी पहलवानों के विरोध में शामिल होने की घोषणा की है। जींद की प्रसिद्ध कंडेला खाप के प्रमुख ओम प्रकाश कंडेला ने कहा कि पहलवान पूरे देश के होते हैं और पहलवान की कोई जाति, धर्म और क्षेत्र नहीं होता। अपनी बेटियों और उनके भविष्य के लिए हम शुक्रवार (28 अप्रैल) को दिल्ली पहुंचेंगे और पहलवानों के विरोध में शामिल होंगे।
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