स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद और नॉर्वे के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच बुधवार, 23 अगस्त को चेस वर्ल्ड कप 2023 फाइनल की दूसरी बाजी भी ड्रॉ रही। 30 चालों के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ के लिए सहमत हुए। कार्लसन ने सफेद मोहरों से प्रज्ञानानंद के खिलाफ ठोस प्रदर्शन किया। वहीं भारतीय खिलाड़ी को काले मोहरों से खेलते हुए किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। अब चैंपियन का फैसला गुरुवार, 24 अगस्त को टाईब्रेकर से होगा।
Two classical games ended in peace treaty and the World Cup winner will be decided tomorrow in Tie-Breaker!! Go Pragg Go!! @PMOIndia @narendramodi @Media_SAI @IndiaSports @ianuragthakur @Bharatchess64 @SnjKpr @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/10ACsApzIW
— All India Chess Federation (@aicfchess) August 23, 2023
पहला गेम 35 चालों के बाद ड्रॉ रहा था
बता दें कि फाइनल का पहले गेम मंगलवार, 22 अगसत को 35 चालों के बाद ड्रॉ हो गया था। 18 वर्षीय प्रज्ञानानंद के पास इतिहास रचने का अवसर है। वह 21 साल के बाद भारत को फिडे वर्ल्ड कप जिता सकते हैं। भारत ने अंतिम बार 2002 में चेस वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। तब विश्वनाथन आनंद ने यह कारनामा किया था।
क्लासिकल गेम में नतीजा ना निकलने पर होता है टाईब्रेकर
2005 में शुरू हुए नॉकआउट फॉर्मेट के इस टूर्नामेंट का विजेता दो क्लासिकल गेम के बाद तय होता है। क्लासिकल गेम यानी खिलाड़ी को 90 मिनट में प्रतिद्वंद्वी को हराना होता है। एक गेम जीतने पर एक अंक मिलता हैं, जबकि ड्रॉ की स्थिति में प्रत्येक खिलाड़ी को 0.5 अंक दिए जाते हैं। दो क्लासिकल गेम के बाद ज्यादा अंक वाले प्लेयर को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
दो क्लासिकल गेम में भी अंक समान होने पर होता है रैपिड राउंउ
दो क्लासिकल गेम के बाद भी बराबर अंक होने पर विजेता का फैसला रैपिड राउंड से होता है। रैपिड राउंड में 15-15 मिनट के चार गेम होते हैं। इसमें भी हर गेम जीतने पर एक अंक और बराबरी की स्थिति में आधा अंक दिया जाता है। रैपिड राउंड से भी अगर चैंपियन का फैसला नहीं होता है ब्लिट्ज चेस खेला जाता है। ब्लिट्ज (blitz) फॉर्मेट में 3-3 मिनट का गेम होता है। जो खिलाड़ी इसमें जीत हासिल कर लेता है उसे चैंपियन घोषित कर दिया जाता है।