स्पोर्ट्स डेस्क. क्रोएशिया की राजधानी में जाग्रेब ओपन ग्रांप्री 1 से 5 फरवरी के बीच होना है। विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत 8 पहलवानों ने इस टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है। इसकी वजह भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच चल रहा विवाद बताया जा रहा है। ये फैसला लेते हुए रेसलर्स ने कहा कि वह इस प्रतियोगिता के लिए खुद को तैयार महसूस नहीं कर रहे हैं, जबकि अंजू चोट के कारण टूर्नामेंट से हट गई हैं। मैरीकॉम की अध्यक्षता वाली नवनियुक्त निगरानी समिति ने 1 फरवरी से शुरू होने वाली यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज इवेंट के लिए 36 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा की थी।
पहलवानों ने पहले ही दिए थे टूर्नामेंट में भाग न लेने के संकेत
पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपने तीन दिन के विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा था कि वे तब तक किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे, जब तक कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को भंग नहीं किया जाता। इसके साथ ही उन्होंने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी।
इन खिलाड़ियों ने वापस लिया नाम
टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया (57 किग्रा), विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता दीपक पूनिया (86 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा), बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता फोगाट (62 किग्रा), सरिता मोर (59 किग्रा) और जितेंद्र किन्हा (79 किग्रा) ने विनेश फोगाट (53 किग्रा) और बजरंग पूनिया (65 किग्रा) के साथ अपना नाम इस प्रतियोगिता से वापस ले लिया है। इन रेसलर्स का कहना है कि वह जाग्रेब ओपन में शामिल नहीं हो सकते हैं।
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विनेश फोगाट ने लगाए थे रेसलिंग फेडरेशन अध्यक्ष पर यौन शोषण के आरोप
देश के शीर्ष पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पहलवानों ने आरोपों का ऐसा कलाजंग मारा है कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण ही नहीं सरकार और बीजेपी भी सकते में है। दरअसल पहलवानों ने सिंह पर महिला पहलवानों के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगा दिए हैं। मामले में विनेश फोगाट का कहना है कि जब तक अध्यक्ष नहीं बदला जाता तब तक धरना जारी रहेगा।
महिला पहलवान को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह बीजेपी की सांसद भी हैं। भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने धरने के दौरान कहा कि महिला पहलवान को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने महिला खिलाड़ियों का शोषण किया है। फेडरेशन खिलाड़ियों पर जबरन बैन लगा रही है ताकि खिलाड़ी खेल न सकें। किसी भी खिलाड़ी को कुछ होता है तो उसके जिम्मेदार कुश्ती संघ के अध्यक्ष होंगे। जंतर मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन में ओलंपिक मैडलिस्ट साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया जैसे पहलवान भी शामिल रहे।