BHOPAL. पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल आज जारी होने वाले हैं। आज देखना होगा कि एग्जिट पोल के नतीजों में किस राज्य में किसकी सरकार आ सकती है। हालांकि एग्जिट पोल के नतीजे हमेशा सही साबित नहीं होते हैं। लोगों की अलग-अलग राय होती है। कोई कहता है कि इस पार्टी को इतनी सीटें मिलेंगी तो कोई कहता है कि उस पार्टी को ज्यादा सीटें मिलेंगे। लेकिन किस राज्य में किस पार्टी की सरकार बन रही है? इसका अनुमान इस पोल के जरिए लगेगा।
क्या होता है एग्जिट पोल?
आज एग्जिट पोल की काफी चर्चा हो रही है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर एग्जिट पोल क्या होते हैं? दरअसल किसी भी राज्य में चुनाव होने के बाद हर कोई जानना चाहता है कि उनके राज्य में इस बार कौन बाजी मारने वाला है। भले ही एक-दो दिन बाद चुनाव के रिजल्ट आने वाले हो, लेकिन हर किसी की रिजल्ट में दिलचस्पी रहती है। ऐसे में लोगों की राय जानी जाती है और पता किया जाता है कि आखिर इस बार कौनसी पार्टी जीतने वाली है।
एग्जिट पोल होता है एक तरह का चुनावी सर्वे
एग्जिट पोल में वही लोग शामिल होते हैं, जो वोट डालकर बाहर निकलते हैं। इनका एक सैंपल साइज होता है, उदाहरण के लिए जैसे उन्होंने एक लाख लोगों से बात की और उन एक लाख लोगों से मिली राय के आधार पर आखिर रिपोर्ट तैयार की गई। 15 फरवरी 1967 में पहली बार नीदरलैंड में एग्जिट पोल ट्रेंड में आया था।
क्या होता है ओपिनियन पोल?
ओपिनियन पोल चुनावी सर्वे वोटिंग से कुछ दिन पहले करवाया जाता है। इसमें अलग-अलग जगहों पर सर्वे एजेंसी जाती है और ये जानने की कोशिश करती हैं कि इस बार लोग किस पार्टी को ज्यादा वोट देने वाले हैं। इसमें चुनाव से पहले जनता का मूड जानकर ये बताने की कोशिश की जाती है कि इस बार किसकी सरकार बनने वाली है। इस सर्वे में लोगों की राय जानने की कोशिश की जाती है कि उनके मन में क्या चल रहा है।
फिर क्या है दोनों में अंतर?
एग्जिट पोल मतदान के तुरंत बाद किया जाता है। इसमें सिर्फ वोटर्स को ही शामिल किया जाता है। इसमें वही लोग शामिल होते हैं, जो मतदान केंद्र से वोट डालकर बाहर निकलते हैं। वहीं ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराए जाते हैं। ओपिनियन पोल में सभी लोगों को शामिल किया जाता है। भले ही वो वोटर हों या नहीं हों।
तेलंगाना में वोट डलने तक लगी थी एग्जिट पोल के प्रसारण पर रोक
दरअसल निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अन्य चुनावी राज्यों में वोटिंग से 48 घंटे पहले ‘ओपिनियन पोल’ या अन्य किसी ‘पोल’ सर्वे के प्रसारण पर रोक के आदेश जारी किए थे। 7 नवंबर 2023 को सुबह सात बजे से लेकर 30 नवंबर 2023 को शाम 6.30 बजे तक किसी भी तरफ के एग्जिट पोल को नहीं दिखाने के निर्देश थे। लेकिन निर्वाचन आयोग ने इसमें बाद में बदलाव किया।