BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार की आखिरी कैबिनेट मीटिंग में नई मुख्य सचिव वीरा राणा को कार्यभार सौंपा गया। इसके साथ ही पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को विदाई दी गई।
IAS वीरा राणा को मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार
मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार वीरा राणा को सौंपा गया है। वीरा राणा माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष और प्रमुख सचिव स्तर की अधिकारी थी। वीरा राणा ने आज (30 नवंबर) से अपना पद संभाल लिया है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की वोटिग को दो दिन बाकी है, इससे पहले शिवराज कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। वर्तमान सरकार की यह अंतिम बैठक थी।
देश के लिए जीना ही जीना है- CM
बैंस के विदाई समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपने लिए जिए तो क्या जिए, देश, समाज के लिए जीना ही जीना है। बैंस ने यही कर दिखाया है। उन्होंने अच्छा काम किया, जो भी काम उन्हें सौंपे गए बिना किसी तनाव, दबाव के उन्होंने पूरे किए। कोविड के दौरान भी उन्होंने बेहतर काम कर दिखाया। सीएम राइज स्कूल, सिटीजन चार्टर और आनंद उनकी बेहतर उपलब्धियां रही। यह एक पड़ाव कोई अंत नहीं। काम करते रहेंगे, सक्रियता बनी रहेगी।
बैठक में बैंस को दी गई विदाई
दरअसल मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल का आज (30 नवंबर) को आखिरी दिन था। बैंस को आज मंत्रालय में विदाई दी गई। इसके लिए कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी। बैठक में शिवराज सरकार के सभी मंत्री और सभी एसीएस, पीएस और सचिव मौजूद हैं।
दो बार बढ़ाया था बैंस का कार्यकाल
इकबाल सिंह बैंस को छह-छह माह के दो एक्सटेंशन मिले थे। पहले बैंस को पिछले साल नवंबर (30 नवंबर 2022) को रिटायर्ड होना था, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने इसका 6 महीने यानी 30 मई 2023 कर एक्सटेंशन बढ़ा दिया था। इसके बाद 30 मई को विधानसभा चुनाव को देखते हुए बैंस का फिर से 6 महीने के लिए एक्सटेंशन मिले था। अब आज उनका आखिरी दिन है।
जानिए वीरा राणा के बारे में
1988 बैच की वीरा राणा सबसे सीनियर अधिकारी हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश में 26 मार्च 1964 को हुआ। वीरा वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष हैं। वीरा राणा के पास कृषि उत्पादन आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार है। वीरा राणा प्रदेश की दूसरी महिला सीएस होंगी। उन्हें चार माह काम करने का मौका मिलेगा। अगले साल (2024) में वह रिटायर हो जाएंगी।
नई सरकार में वीरा रहेंगी या नहीं?
सरकार ने आदेश में वीरा राणा को मुख्य सचिव पद का प्रभार अतिरिक्त रूप से देने की बात लिखी है। साफ है कि नई सरकार में उनके रहने या नहीं रहने पर अभी से ही असमंजय की स्थिति है। वैसे भी वे मार्च 2024 में रिटायर होने वाली हैं। नई सराकर चाहे तो उन्हें मार्च तक रख सकती है या नया मुख्य सचिव बनाकर प्रभार वाली व्यवस्था को खत्म कर सकती है।