RAIPUR. फर्जी फर्म बनाकर 10 करोड़ 14 लाख रुपए से ज्यादा का इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने वाले आरोपी संजय शेंडे को सेंट्रल जीएसटी रायपुर टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी संजय शेंडे फर्जी तरीके से सिर्फ कागजों में बनाई गई मेसर्स ज्योति ट्रेडिंग एंड कंपनी, मेसर्स क्लिफो ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स एसएस इंडस्ट्रीज और मेसर्स सांई एंटरप्राइजेज नाम की फर्म बनाकर करोड़ों रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रहा था और जीएसटी की चोरी कर रहा था।
14 दिन की रिमांड में गया जेल
जांच में आरोपी संजय डे के यहां से इन चारों के नाम से 22 ऐसी फर्मों के बिल मिले हैं जिनका अस्तित्व ही नहीं है। जिससे हेरफेरी की रकम कई गुना ज्यादा होने की आशंका लग रही है। आगे की पूछताछ के लिए सीजेएम कोर्ट के आदेश पर सीजीएसटी टीम को आरोपी संजय शेंडे की 14 दिन की रिमांड मिली है। बता दें कि कुछ महीनों पहले भी इस तरह का मामला सामने आया था। CGST की टीम ने रायपुर से 114 करोड़ 70 लाख रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट-ITC चोरी की कोशिश पकड़ी थी। इस मामले में दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच के लिए दोनों को 14 दिन की रिमांड पर भेजा गया था। तब CGST टीम को खुफिया सूचना मिली थी कि रायपुर में टोपिस्टो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बिना किसी माल और सेवा की लेन-देन के लिए केवल नकली चालान बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट-ITC पाने में लगा हुआ है। CGST और केंद्रीय उत्पाद शुल्क रायपुर के अधिकारियों ने उस फर्म पर छापा मारा। वहां जांच में पता चला कि फर्म के संचालक मोहम्मद तबरेज अमदानी नसीम बानो अब्दुल रऊफ के साथ उस कंपनी के सलाहकार और लेखाकार आशीष कुमार तिवारी फर्जी फर्मों का रैकेट बनाने में शामिल हैं।
सेंट्रल GST की टीम ने की कार्रवाई
दरअसल, फर्जी फर्मों के इस रैकेट के जरिए तबरेज और तिवारी ने 114 करोड़ 70 लाख रुपए का नकली ITC बनाया है। बिना किसी माल और सेवा की आपूर्ति किए इन लोगों ने एक करोड़ 92 लाख रुपए का ITC भुना भी लिया है। दोनों व्यक्ति 112 करोड़ 78 लाख रुपए के नकली ITC को भी भुनाने की योजना बना रहे थे। CGST के छापा पड़ जाने की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाए। टीम ने GST कानून के तहत दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। वहां से उनको 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया था। एक अनुमान के मुताबिक CGST की टीम ने रायपुर में ही पहले भी ऐसी कर चोरी में लगी फर्मो को पकड़ा है। 2017 के बाद से अब तक CGST रायपुर आयुक्तालय ने एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुका है।