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BHOPAL. राजधानी भोपाल की पहचान बड़े तालाब के सेंसेटिव जोन में नियम विरुद्ध निर्माण करना भोपाल नगर निगम को भारी पड़ गया। एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए अपने फैसले में भोपाल नगर निगम पर 1 करोड़ की पेनाल्टी लगा दी है। यही नहीं जो अवैध निर्माण तालाब में हुआ है, उसे एक महीने के अंदर तोड़ने के निर्देश भी दिए गए हैं।
क्या है मामला
भोपाल का बड़ा तालाब वैटलैण्ड के अंतर्गत आता है, साथ ही यह रामसर साइट भी घोषित है। वैटलैण्ड रूल 2017 और मध्यप्रदेश पर्यावरण विभाग के 16 मार्च 2022 के आदेश के अनुसार बड़े तालाब के 50 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण नहीं हो सकता, बावजूद इसके यहां क्रूज में बैठने वाले पर्यटकों के लिए एक वेटिंग स्पेस यानी एक तरह का फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का निर्माण शुरू हो गया। इसके लिए 16 खंबे भी तालाब के अंदर लगा दिए गए, जो वैटलैण्ड रूल 2017 के साथ-साथ पर्यावरण विभाग के 16 मार्च 2022 के आदेश का सीधा उल्लंघन था। इसे लेकर सोशल एक्टिविस्ट राशिद नूर खान ने एनजीटी में याचिका लगाई थी।
बोट जेट्टी भी बनाई गई थी
पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी पांडे ने बताया कि बड़े तालाब पर अतिक्रमण का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी तालाब में चलने वाली बोटे स्टेण्ड के लिए बोट जेट्टी बनाई थी। उस समय भी उसका विरोध हुआ था, इसके अलावा रिटेनिंग वॉल, पाथवे का भी विरोध पूर्व में किया जा चुका है।
एनजीटी के आदेश के बाद भी नहीं तोड़ा निर्माण
फाइनल जजमेंट से पहले हुई सुनवाई में एनजीटी ने भोपाल नगर निगम को आदेश दिया था कि वह बड़े तालाब के अंदर हुए निर्माण को तोड़ दे। फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के लिए लगाए गए 16 खंबों को नगर निगम को तोड़ना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और अब एनजीटी के आदेश में नगर निगम पर हैवी पेनाल्टी लगा दी गई है।
भोपाल नगर निगम पीसीबी को देगा पेनाल्टी की राशि
बड़े तालाब पर अतिक्रमण कर भोपाल नगर निगम ने जो पर्यावरण को क्षति पहुंचाई है, उसके एवज में उसे पेनाल्टी के रूप में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी पीसीबी को 1 करोड़ की राशि देनी होगी। 11 जुलाई 2023 को एनजीटी द्वारा दिए गए आदेश में यह भी लिखा है कि यदि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह लगता है कि राशि कम है तो वह नगर निगम से अधिक राशि भी वसूल कर सकता है।
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पर्यावरण क्षति को रिकवर करने में खर्च की जाएगी पेनाल्टी की राशि
भोपाल नगर निगम पीसीबी को जो पेनाल्टी की राशि देगा उसका उपयोग जो पर्यावरण क्षति हो चुकी है उसे रिकवर करने में किया जाएगा। यदि 1 करोड़ से कम राशि के उपयोग से ही बड़े तालाब को हुई क्षति रिकवर हो जाती है तो शेष राशि से बड़े तालाब के पानी की गुणवत्ता के संबंध में कार्य किए जाएंगे। एनजीटी ने इसके लिए कमेटी भी गठित कर दी है। जिसमें पीसीबी के अतिरिक्त सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मध्यप्रदेश पर्यावरण विभाग और भोपाल कलेक्टर को शामिल किया गया है।