मनीष गोधा,JAIPUR. राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी कांग्रेस के अलावा अन्य दलों के प्रत्याशियों की सूची भी सामने आने लगी है। वामपंथी दलों का प्रतिनिधित्व करने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राजस्थान में 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। इनमें से उदयपुर की एक सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें उत्तरी राजस्थान की है। पहले इस बात की चर्चा थी कि क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, इसलिए राजस्थान में भी कोई गठबंधन हो सकता है, लेकिन यह संभावनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई और पार्टी ने 17 प्रत्याशियों की अपनी सूची जारी कर दी। सूची में कई नाम ऐसे हैं जिनसे सीकर, हनुमानगढ़ और बीकानेर की कुछ सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनती दिख रही है।
माकपा और बसपा ने कराई उपस्थिति दर्ज
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में अब तक तीसरे मोर्चे यानी कि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा अन्य दल बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं, लेकिन उत्तरी राजस्थान में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और पूर्वी राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी ने अलग-अलग चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
इन जिलों में सक्रिय है माकपा
राजस्थान के गंगानगर हनुमानगढ़ बीकानेर सीकर चूरू और झुंझुनू जिले किसानों के जिले माने जाते हैं और इन्हीं जिलों में वामपंथी विचारधारा के आधार पर राजनीति करने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सक्रिय है। आजादी के बाद राजस्थान के हर विधानसभा चुनाव में माकपा के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरते रहे हैं और एक दो सीटें जीतते रहे हैं। राजस्थान में वामपंथी दलों की राजनीति की कमान श्योपत सिंह, हेतराम बेनीवाल और कॉमरेड अमराराम जैसे नेताओं के हाथ में रही है और यहां की बाइपोलर राजनीति में भी वामपंथी दल अपनी विचारधारा के दम पर उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं। पिछले कई चुनाव में सिर्फ 2013 का चुनाव ऐसा रहा है जब माकपा का कोई विधायक विधानसभा में नहीं था।
माकपा का प्रदर्शन 2008 में रहा
पार्टी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2008 में रहा जब इसकी तीन विधायक कांग्रेस अमराराम, पेमाराम और पवन दुग्गल विधानसभा में पहुंचे थे। हालांकि इनमें से पवन दुग्गल ने हाल ही में बीजेपी की सदस्यता ले ली है। इसके बाद 2013 की मोदी लहर में माकपा का एक भी विधायक विधानसभा नहीं पहुंच सका, लेकिन 2018 में पार्टी ने फिर दो सीटों पर जीत हासिल की। हनुमानगढ़ जिले की भादरा सीट से बलराम पूनिया और बीकानेर जिले की डूंगरगढ़ सीट से गिरधारी माहिया ने 23 -23 हजार से भी ज्यादा की जीत दर्ज की। दोनों ही सीटों पर कांग्रेस का प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा और मुख्य मुकाबला माकपा और बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच रहा।
कोई गठबंधन नहीं
माकपा राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का हिस्सा है, लेकिन राज्यों में सभी दल अपने स्तर पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसी के तहत राजस्थान में माकपा ने कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं किया है। हालांकि, बीच में कांग्रेस की तरफ से इस तरह की बात आई थी की दो-तीन सीटों पर गठबंधन हो सकता है, लेकिन पार्टी के राज्य सचिव अमराराम ने स्पष्ट कर दिया था कि हम किसी तरह का गठबंधन नहीं करेंगे। पार्टी के प्रवक्ता संजय माधव का कहना है कि बीजेपी की सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ हम कांग्रेस के साथ खड़े जरूर हैं, लेकिन गठबंधन की कोई संभावना नहीं थी। उन्होंने कहा कि हम पूरे जोश के साथ किसान और मजदूरों के मुद्दे सामने रखते हुए इस चुनाव में उतरेंगे।
17 में से 15 सीटें उत्तरी राजस्थान की
माकपा ने जो 17 सीट घोषित की है उनमें से 15 उत्तरी राजस्थान के हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू, सीकर, नागौर और बीकानेर जिले की है। केंद्र सरकार जो कृषि बिल लाई थी राजस्थान में उनका सबसे कड़ा विरोध इन्हीं जिलों में देखने को मिला था और राजस्थान से भी कई किसान इस किसान आंदोलन का हिस्सा बने थे। इन जिलों में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को कई स्थानों पर हिंसा का सामना तक करना पड़ गया था। पार्टी भाजपा के खिलाफ सांप्रदायिकता के साथ ही इन्ही मुद्दों को लेकर तथा कांग्रेस के खिलाफ किसानों की कर्ज माफी नहीं किए जाने सहित कुछ अन्य मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी ये बने हैं प्रत्याशी।
इन सीटों पर माकपा ने उतरे प्रत्याशी
पार्टी ने सीकर जिले की धोंद सीट से पूर्व विधायक पेमाराम, दातारामगढ़ सीट से पार्टी के राज्य सचिव अमराराम, लक्ष्मणगढ़ से विजेंद्र ढाका, सीकर से उस्मान खान, हनुमानगढ़ जिले की हनुमानगढ़ सीट से रघुवीर वर्मा, भादरा से मौजूदा विधायक बलवान पूनिया नोहर से मंगेज चौधरी, गंगानगर जिले की रायसिंहनगर नगर सीट से शोपतराम मेघवाल, बीकानेर जिले की अनूपगढ़ सीट से शोभा सिंह ढिल्लों, डूंगरगढ़ सीट से मौजूदा विधायक गिरधारी माहिया, चुरू जिले की तारानगर सीट से निर्मल प्रजापत सरदारशहर से छगनलाल चौधरी सादुलपुर से सुनील पूनिया, नागौर जिले की लाडनूं सीट से भागीरथ यादव नया सीट से कानाराम बिजारनिया को प्रत्याशी बनाया है। वही पार्टी ने दक्षिण राजस्थान की दो सीटों डूंगरपुर से गौतम डामोर और उदयपुर जिले की झाडोल सीट से प्रेम पारगी को भी मैदान में उतारा है।
इन सीटों पर हो सकता है त्रिकोणीय मुकाबला
माकपा द्वारा 17 प्रत्याशियों की जारी सूची में सीकर, हनुमानगढ़ और बीकानेर की सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन सकती है। पार्टी ने सीकर के धोद विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक पेमाराम, दांतारामगढ़ से पूर्व विधायक कॉमरेड अमराराम, लक्ष्मणगढ़ से शेखावाटी विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे विजेंद्र ढाका और सीकर से उस्मान खान को प्रत्याशी घोषित किया है।
दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से अमराराम को पार्टी ने चौथी बार उम्मीदवार बनाया है। वे 2008 में यहां से विधायक रह चुके हैं। इससे पूर्व कॉमरेड अमराराम धोद से तीन बार विधायक रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में धोद से पेमाराम 61 हजार मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे वहीं दांतारामगढ़ में अमराराम 45 हजार मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे। ऐसे में इन दो सीटों पर ये प्रत्याशी मुकाबले को रोचक बनाएंगे। वहीं लक्ष्मणगढ़ सीट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की सीट है। यहां से बीजेपी के सुभाष महरिया चुनाव मैदान में है। ऐसे मुख्य मुकाबला तो इन्हीं दोनों के बीच होगा लेकिन विजेंद्र ढाका छात्र नेता रहे हैं, इसलिए वे मुकाबले को रोचक बनाएंगे।
भादरा और डूंगरगढ़ सीट पर भी मुकाबला रोचक होगा
इनके अलावा हनुमानगढ़ जिले की भादरा और बीकानेर जिले की डूंगरगढ़ सीट से पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक को बलराम पूनिया और गिरधारी माहिया को रिपीट किया है। इन दोनों ने पिछले चुनाव में 23000 मतों से ज्यादा की जीत हासिल की थी। ऐसे में सीटों पर भी मुकाबला रोचक होगा। बीजेपी ने दोनों ही सीटों पर अपने हारे हुए प्रत्याशियों को रिपीट किया है, वहीं कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए है। कुल मिलाकर जिन 17 सीटों पर माकपा के प्रत्याशी घोषित हुए हैं, उनमें से करीब आधा दर्जन सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की क्षमता रखते हैं।