सूर्यप्रताप सिंह, BHOPAL. भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मर्चुरी, बंकर और रेस्पिरेट्री एक्सीलेंस सेंटर निर्माण के लिए 187 हरे पेड़ों को काटा जा रहा है। इन पेड़ों को कटने का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए निर्माण एजेंसी पीआईयू की ओर से नगर निगम की उद्यान शाखा में करीब 9 लाख रुपए जमा किए हैं। अब नगर निगम का अमला मौके पर जाकर इन पेड़ों को काटने की कार्रवाई शुरू करेगा। बताया गया है कि एक पेड़ की कटाई के लिए नगर निगम 6 हजार रु. लेता है। ऐसे में पेड़ों की कटाई से लेकर उसकी लकड़ी उठाने तक की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। पेड़ों की कटाई से निकली लकड़ी नगर निगम अपने स्टोर में जमा करता है। पेड़ों की कटाई के एवज में किए जाने वाले क्षतिपूर्ति पौधरोपण की राशि पर्यावरण वानिकी में जमा करानी होती है।
तीसरी बार में हुआ स्थान तय
सबसे पहले इन सेंटर बिल्डिंग्स को ईदगाह हिल्स पर बनाया जाना तय हुआ था। तब वहां छोटे-बड़े पेड़ मिलाकर 665 पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई थी। इसके लिए 31 लाख रुपए जमा कराए गए थे। इसके बाद पेड़ों की कटाई से ठीक पहले स्थान परिवर्तित हो गया तो दोबारा आवेदन देकर अनुमति लेनी पड़ी थी। दूसरी बार में 415 पेड़ कटने के लिए चिन्हित किए गए थे। अब रेस्पिरेट्री एक्सीलेंस सेंटर और अन्य निर्माणों को हमीदिया अस्पताल में ही बनना तय हुआ है यहां 187 पेड़ों को कटने के लिए चिन्हित किया गया हैं।
राशि लौटाने की आ गई नौबत
बिल्डिंग्स बनाने के लिए जब पहली बार अनुमति ली गई थी तब 665 पेड़ के हिसाब से 31 लाख रुपए जमा कराए गए थे, दूसरे आवेदन में पेड़ों की संख्या 415 बची थी। अब तीसरी बार में हमीदिया अस्पताल में रेस्पिरेट्री एक्सीलेंस समेत अन्य निर्माण कार्यों को करने का तय हुआ तो प्रबंधन की ओर से सिर्फ 155 पेड़ के लिए अनुमति मांगी गई थी, लेकिन जब अनुमति से पहले सर्वे कराया गया तो सर्वे में पेड़ों की संख्या 187 पाई गई। ऐसे में राशि भी 31 लाख से काफी कम हो गई है। ऐसे में अब स्थिति यह बन गई है कि 187 पेड़ की कटाई के लिहाज से क्षतिपूर्ति पौधरोपण की राशि के अलावा बाकी राशि लौटानी होगी।
इनमें 25 चंदन के पेड़ भी है शामिल
हमीदिया में कटने वाले 187 पेड़ों में 25 चंदन के पेड़ भी शामिल है इसको पेड़ों को काटने से पहले नगर निगम को वन मंडल कार्यालय को पत्र के माध्यम से विधिवत सूचना देनी होती है। फिर वहां से जो अमला तैनात किया जाएगा उसकी मौजूदगी में इन पेड़ों की कटाई की जा सकेगी।