एक दिन में 431 केस निपटाकर वाहवाही कर ली, लेकिन 6000 केस लंबित, कुछ तहसीलों में निराकरण दस फीसदी से कम

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Puneet Pandey
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एक दिन में 431 केस निपटाकर वाहवाही कर ली, लेकिन 6000 केस लंबित, कुछ तहसीलों में निराकरण दस फीसदी से कम

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर जिला प्रशासन ने गुरूवार (15 जून) को एक ही दिन में 431 सीमांकन करने के रिकार्ड बनाने का दावा करते हुए इसे किसानों के लिए राजस्व विभाग का समर्पित दिन बताया। लेकिन कितने केस बाकी है, और निराकरण का प्रतिशत कितना है, यह रिकार्ड नहीं बताया। सच्चाई यह है कि सीमांकन केस लगाने का निराकरण 30 फीसदी से भी कम है और प्रशासन के पास करीब छह हजार केस लंबित हैं। लोग लगातार प्रशासन के पास भटक रहे हैं। उधर मप्र शासन ने लोक सेवा गारंटी के तहत केवल 30 कार्यदिवस (वर्किंग डेज) में ही सीमांकन करने की गारंटी दी हुई है। वहीं इस मामले में इस अधिनियम का भी उल्लंघन होने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, ना ही किसी पर सेवा में देरी पर जुर्माना लगाया जा रहा है। हालांकि प्रशासन ने सीएम जनसेवा अभियान के दौरान जिले में 1.72 लाख केस पंजीकृत कर 97.70 फीसदी यानि 1.68 केस निराकृत कर भोपाल से भी जमकर तारीफ बंटोरी है। 



मुख्य तीन राजस्व कामों की जिले में हालत



नामांतरण- इसके 14,832 केस हैं, जिसमें 10,502 निराकृत बताए गए हैं यानि 70.81 फीसदी, अभी 4,330 केस बाकी हैं।

बंटवारा- इसके 1,327 केस है जिसमें 621 ही निपटे हैं यानि 47 फीसदी, अभी 706 बाकी हैं।

सीमांकन- इसके 8,432 केस है, जिसमें केवल 2,502 यानि 29.67 फीसदी ही निपटे हैं और बाकी हैं 5,930 केस।



यह है तहसीलों के हाल 



सीमांकन काम में केवल मल्हारगंज तहसील है जहां सीमांकन का 80 फीसदी काम पूरा कर चुका है। वहीं खुडैल तहसील 53 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर है। लेकिन इसके बाद सभी तहसीलों का निराकरण में दयनीय हाल है। 



सीमांकन में सबसे नीचे हैं यह तहसीलदार



जिले के 30 फीसदी औसत से भी नीचे 29 में से 13 तहसील, नायब तहसील कोर्ट है। इसमें सबसे निचले पायदान पर देपालपुर नायब तहसील केवल 2.88 फीसदी निराकरण, गौतमपुरा नायब तहसील केवल 4.69 फीसदी निराकरण, देपालपुर तहसीलदार का 8.65 फीसदी, महू तहसीलदार का 9.50 फीसदी, हातोद नायब तहसीलदार का 17.49 फीसदी, बेटमा नायब तहसीलदार का 19.44 फीसदी, तहसीलदार सांवेर का 22 फीसदी, नायब तहसीलदार सांवेर का 23 फीसदी, महू नायब तहसीलदार का 25 फीसदी, कनाडिया तहसीलदार और मानपुर नायब तहसीलदार का 26-26 फीसदी, राउ तहसीलदार का केवल 29 फीसदी निराकरण है।



बटांकन में यह अधिकारी 50 फीसदी से भी कम निराकरण पर



इसी तरह बटांकन मामलों में भी तहसीलदार, नायब तहसीलदार सुस्त हैं। 50 फीसदी से भी कम निराकरण वाले अधिकारियों में 29 में से 14 अधिकारी शामिल हैं। इसमें भी सबसे निचले पायदान पर नायब तहसीलदार कनाडिया केवल 14 फीसदी निराकरण, सिमरोल नायब तहसीलदार 17 फीसदी, अतिरिक्त तहसीलदार राउ 26 फीसदी के साथ निचले तीन पायदान पर हैं।



आरआई 50 फीसदी, मशीन 20 ही है



वहीं, इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में इंदौर से आरआई तहसीलदार, नायब तहसीलदार पदोन्नत होकर चले गए हैं। यहां पर 60 पद मंजूर है और वर्तमान में केवल 32 आरआई ही यानि करीब 50 फीसदी ही कार्यरत है, जिसके चलते सीमांकन काम अटक गए हैं। वहीं सीमांकन के लिए लगने वाली मशीन भी मात्र 20 हैं, यानि कि 29 नायब तहसीलदार, तहसीलदार के बीच में एक-एक भी नहीं आ रही है। इसके चलते यह काम अटके हुए हैं।


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