JABALPUR. मध्यप्रदेश में 6 महिला जजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्हें एक साथ बर्खास्त कर दिया गया है। इसके पीछे एक बड़ी वजह सामने आई है। दरअसल, महिला जजों ने अपनी परिवीक्षा अवधि यानी कि प्रोबेशन पीरिएड के दौरान ड्यूटी का संतोषजनक निर्वहन नहीं किया था। इस वजह से महिला जजों को सेवा से मुक्त कर दिया गया। मध्यप्रदेश विधि और विधायी कार्य विभाग ने ये बड़ा एक्शन लिया है।
फुलकोर्ट मीटिंग में हुई थी अनुशंसा
प्रोबेशन पीरिएड के दौरान अपनी ड्यूटी का संतोषजनक निर्वहन नहीं कर पाने की वजह से महिला जजों की सेवा समाप्त कर दी गईं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति की बैठक और फुलकोर्ट मीटिंग में इन जजों को सेवा से पृथक करने की अनुशंसा की गई थी। इसके बाद ये फैसला लिया गया।
प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ थीं महिला जज
मध्यप्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग ने जिन 6 महिला जजों को सेवा से मुक्त किया है। वे प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ थीं। इन जजों में रीवा, उमरिया, इंदौर, मुरैना, टीकमगढ़ और हरदा में पदस्थ महिला जज शामिल हैं। इस विषय में 9 जून 2023 को मध्यप्रदेश के राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है।
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13 मई को हुई थी फुलकोर्ट मीटिंग
6 महिला जजों को लेकर 8 और 10 मई 2023 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति की बैठक हुई थी। वहीं 13 मई 2023 को भी इस मामले में में फुलकोर्ट मीटिंग हुई थी। इन मीटिंग में फैसला लेकर शासन को जजों को सेवा से पृथक करने की अनुशंसा की गई थी। इसके बाद 9 जून को विधि विभाग ने एक्शन लेते हुए महिला जजों को सेवा से मुक्त कर दिया। जानकारी के अनुसार परिवीक्षा अवधि का निर्वहन संतोषजनक और सफलतापूर्वक नहीं कर पाने की वजह से ये फैसला लिया गया है।