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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच स्थापित करने की मांग तेज होती जा रही है। इस मामले में व्यापारी और कर सलाहकारों द्वारा बनाई गई जीएसटी एक्शन कमेटी ने गुरुवार, 28 सितंबर को वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा से टेलीफोन पर बात की और इसकी जरूरत इंदौर में क्यो हैं? यह विस्तार से बताया। वित्तमंत्री ने आश्वस्त किया है कि इसके लिए जो जरूरी प्रस्ताव होगा इसके लिए मप्र शासन जरूरी कदम उठाएगा। कमेटी के पदाधिकारियों ने कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही सांसद शंकर लालवानी को भी पक्ष रखा है। उधर टीपीए (टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन) की याचिका पर हाईकोर्ट इंदौर ने सभी जिमेदारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
वित्तमंत्री कहा इंदौर की उपेक्षा की गई
जीएसटी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने वित्तमंत्री को फोन पर बताया कि, विगत दिनों केंद्र सरकार की सलाह पर वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल्स स्थापित किए जाने सम्बन्धी अधिसूचना जारी की गई है, जिसके अनुसार मध्यप्रदेश में केवल एकमात्र अपीलीय बैंच "भोपाल" में खोला जाना निश्चित किया गया है, जबकि पूर्ववत निरन्तर नीतिगत और आधारभूत कारण सहित मांग किए जाने के बावजूद भी इंदौर की उपेक्षा की गई है।
इसलिए इंदौर में जरूरी है ट्रिब्यूनल
खंडेलवाल ने कहा कि इंदौर प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी है, जीएसटी/वैट विभाग का मुख्यालय इंदौर में स्थित है, उच्च न्यायालय की खण्डपीठ यहां कार्यरत है, वैट, आयकर व कम्पनी अधिनियम के अधीन गठित अपीलीय टट्रिब्यूनल्स भी इंदौर में स्थापित हैं, प्रदेश को प्राप्त होने वाले कुल राजस्व का लगभग 57% राजस्व इंदौर, उज्जैन, रतलाम व खण्डवा संभागों से प्राप्त होता है। पंजीकृत करदाताओं की संख्या के मामले में इंदौर सबसे अग्रणी शहर है। राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में केवल बेंच भोपाल में स्थापित करने की मांग की गई थी, जबकि इंदौर के लिए भी समान रूप से मांग की जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया, अतः यह कतई न्यायसंगत व स्वीकार करने योग्य नहीं है।
कमेटी के अन्य सदस्यों ने यह कहा
जीएसटी एक्शन कमेटी के अन्य पदाधिकारी संयोजक अमित दवे, महामंत्री एड. एके लखोटिया और सहसचिव एड.एके गौर ने भी कहा कि इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल बैंच खोले जाने की मांग शहर तथा आस-पास के हर संभागों में व्यवसायरत व्यवसायी वर्ग, कर सलाहकार,अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के व्यवसायिक हितों की रक्षा के हितार्थ की जा रही नीतिगत मांग है। इसके लिए जल्द प्रस्ताव भेजा जाए ताकि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के एजेंडा में समाहित किया जाकर इस पर विधिवत निर्णय लिया जा सके। काउंसिल की बैठक 6 या 7 अक्टूबर 2023 को होना है।
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इधर टैक्स प्रोफेशनल की एक और कमेटी की हुई बैठक
इधर कमेटी फॉर जीएसटी ट्रिब्यूनल एट इंदौर की मीटिंग भी नगर निगम पर हो चुकी है। जिसकी अध्यक्षता कमेटी के मेंटर और संरक्षक महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने की। इस कमेटी के संयोजक सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल स्थापित नहीं होने से इंदौर के करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनल्स को काफी असुविधा होगी। सीए अभय शर्मा ने बताया कि टीपीए ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हमारी लड़ाई भोपाल से नहीं है, जब राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में एक से अधिक ट्रिब्यूनल स्थापित की जा सकती है तो इंदौर को वंचित रखना न्यायसंगत नहीं है।
महापौर ने कहा सीएम से करेंगे बात
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि चूंकि ट्रिब्यूनल की स्थापना राज्य सरकार की अनुशंसा से ही होती है इसके लिए वह मुख्यमंत्री से बात कर राज्य सरकार से वित्त मंत्रालय और विधि मंत्रालय को अनुशंसा भिजवाने का प्रयास करेंगे। कमेटी के चेयरमैन सीए मनोज फडनिस (पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आईसीएआई), को-चैयरमेन सीए केमिशा सोनी (सेन्ट्रल कौंसिल मेंबर), सीए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी, सीए अभय शर्मा, सीए एसएन गोयल, सीए कीर्ति जोशी, सीए आनंद जैन, सीए पीडी नागर, सीए राजेश मेहता, आरएस गोयल, सीए जेपी सराफ, सीए सुनील जी खंडेलवाल, सीए नवीन खंडेलवाल, सीए सुनील पी जैन मौजूद थे।