वेंकटेश कोरी, JABALPUR. जबलपुर के उत्तर मध्य क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवारी जाता रहे धीरज पटेरिया ने आखिरकार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बात मान ली है, पिछले करीब दो दशकों से भाजपा से टिकट मांग रहे धीरज को इस बार भी पार्टी से जब निराशा हासिल हुई तो उनके समर्थकों ने भाजपा के जबलपुर के संभागीय कार्यालय में जबरदस्त हंगामा मचाया था यहां तक की केंद्रीय मंत्री और भाजपा के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र सिंह यादव के सामने कार्यकर्ताओं ने हंगामा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की थी।
गृहमंत्री अमित शाह की समझाइश से माने धीरज
भारतीय जनता पार्टी धीरज पटेरिया को कम नहीं आंक रही है यही वजह है कि उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र से अभिलाष पांडे को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही पार्टी की नजर धीरज पटेरिया के अगले कदम पर थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रवास के दौरान भी धीरज पटेरिया को संभागीय कार्यालय बुलाया गया और अमित शाह ने उनसे चर्चा की। धीरज पटेरिया से चर्चा करते हुए अमित शाह ने पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में काम करने की समझाइश दी जिसके बाद धीरज पटेरिया ने शाम को अपने कार्यकर्ताओं की बैठक में चुनाव न लड़ने का ऐलान किया।
30,000 से ज्यादा वोट हासिल कर बिगाड़ा था गणित
2018 के विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जब धीरज पटेरिया को टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे। मतदाताओं और क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बदौलत धीरज पटेरिया ने करीब 33000 वोट हासिल किए थे जिसके बाद उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र का पूरा गणित ही बिगड़ गया था और तत्कालीन मौजूदा विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री शरद जैन को हार का सामना करना पड़ा था और 584 मतों से तब कांग्रेस के विनय सक्सेना को जीत हासिल हुई थी।
कई असंतुष्ट नेताओं से शाह की चर्चा
जबलपुर के उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र से भाजपा द्वारा अभिलाष पांडे को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही कई नेताओं द्वारा लगातार विरोध की आवाजें उठाई जा रही थी, जैसे देखते हुए डैमेज कंट्रोल करने के लिए अमित शाह जबलपुर पहुंचे और उन्होंने कई असंतुष्ट नेताओं से भी चर्चा की, इस दौरान अमित शाह ने क्षेत्र के पूर्व विधायक और पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री राज्य मंत्री शरद जैन, धीरज पटेरिया के अलावा कई अन्य ऐसे नेताओं को भी पार्टी हित में काम करने की समझाइश दी जो टिकट वितरण से लगातार नाराज बताए जा रहे हैं।