संजय गुप्ता, INDORE. मालवा-निमाड़ ने बीजेपी को सत्ता की चाबी नहीं दी है, बल्कि पूरा ताला ही दे डाला है। यहां की 66 सीट में से 47 पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। इसमें मालवा की 50 में से 37 सीट है तो निमाड़ की 16 में 10 सीट शामिल हैं। वहीं 2018 के चुनाव में बीजेपी को केवल 29 सीट थी और फिर नवंबर 2020 के उपचुनाव के बाद 34 हुई थी। वहीं इस जीत के बाद 2018 में हारे मंत्रीमंडल के कुछ पुराने चेहरे भी फिर मंत्री पद की दावेदार में लौट आए हैं। इसके साथ ही मौजूद मंत्री तो है ही। इस तरह मौजूदा, पुराने और कुछ नए चेहरों की दावेदारी के साथ करीब 15 उम्मीदवार मंत्री पद की दावेदारी ठोंक रहे हैं। वहीं एक चेहरा तो सीएम फेस की दावेदारी में हैं- बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व इंदौर एक से विधायक कैलाश विजयवर्गीय।
यह मौजूदा मंत्री फिर चुनाव जीतकर दावेदार
विजय शाह- हरसूद
उषा ठाकुर- महू
तुलसी सिलावट- सांवेर
मोहन यादव- उज्जैन दक्षिण
जगदीश देवड़ा- मल्हारगढ़
हरदीप सिंह डंग- सुवासरा
ओमप्रकाश सखलेचा-जावद
इंदरसिंह परमार- शुजालपुर
यह पूर्व के मंत्री जो फिर जीत के बाद तगड़े दावेदार
अर्चना चिटनिस- बुरहानपुर
बालकृष्ण पाटीदार- खरगोन
महेंद्र हार्डिया- इंदौर विधानसभा पांच
इनकी भी दावेदारी मजबूत
गायत्री राजे पंवार- देवास
रमेश मेंदोला- इंदौर विधानसभा दो
मालिनी गौड़- इंदौर विधानसभा चार
राजकुमार मेव- महेशवर
नागरसिंह चौहान- अलीराजपुर
निर्मला भूरिया- पेटलावद
नीना वर्मा- धार
डॉ. राजेंद्र पांडेय- जावरा
लाड़ली बहनाओं के कारण महिलाओं की संख्या बढ़ सकती है
मालवा-निमाड़ में से फिर औसतन आठ विधायकों को ही मंत्री पद मिलेगा। इस बार माना जा रहा है कि जिस तरह लाड़ली बहना का मंत्र चला है और केंद्र से लेकर राज्य तक महिलाओं के सशक्तीकरण की बात कह रहा है, ऐसे में मंत्री मंडल में इनका प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है। वहीं जातिगत समीकरण, क्षेत्रीय समीकरण भी मायने रखेंगे। साथ ही आदिवासी और अनुसूचित जाति समीकरण भी अहम रहेंगे।