गंगेश द्विवेदी/ RAIPUR. छत्तीसगढ़ में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी चुनावी रण में उतर गए हैं। अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया है। अमित जोगी जिस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं उस सीट से सीएम बघेल और बीजेपी से सांसद विजय बघेल चुनाव मैदान में हैं। जिसके कारण यह प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों की गिनती में सबसे उपर है। अमित जोगी ने सीएम भूपेश के खिलाफ पाटन सीट से नामांकन भरा है। जोगी के मैदान में आने के बाद इस सीट पर सबकी नजरें टिकी हुईं हैं और यहां मुकाबला भी रोचक हो गया है।
रणनीति ने सभी दलों को चौंकाया
जेसीसीजे ने पहले पाटन सीट से शीतकरण महिलवार के नाम का ऐलान किया था। लेकिन सोमवार को अमित जोगी ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए खुद दुर्ग पहुंचकर पाटन सीट से नामांकन दाखिल कर दिया। अमित जोगी 90 विधानसभा सीटों में से 84 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान कर चुके हैं। कुछ सीटों पर हमर राजपार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को समर्थन देने की रणनीति बनाई है। अभी तक अमित जोगी ने अपने चुनाव लड़ने का ऐलान नहीं किया था। लेकिन अब उन्होंने आखिरी वक्त में पत्ते खोलते हुए सीएम बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
टिकट वितरण में सभी वर्गों का रखा ध्यान: अमित जोगी
नामांकन दाखिल करने के बाद अमित जोगी ने कहा कि हमारी पार्टी ने टिकट वितरण में जातीय समीकरण और सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक टिकट वितरण किया है। मीडिया से चर्चा में अमित जोगी ने कहा कि पार्टी ने सर्व समाज का ध्यान रखते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग से साहू समाज, यादव समाज, कुर्मी समाज, पटेल समाज, निषाद समाज, यादव समाज, मुस्लिम समाज, ब्राह्मण समाज, बंगाली समाज के लोगों को टिकट दिया। 10 अनुसूचित जाति सीटों के अतिरिक्त अन्य सामान्य 11 सीटों पर भी अनुसूचित जाति वर्ग को टिकट दिया। रायपुर में 4 सामान्य सीटों में से 3 पर अनुसूचित जाति वर्ग से प्रत्याशी बनाया। वहीं 15 महिलाओं को भी चुनाव के मैदान में उतारा है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के इतिहास में रायगढ़ से 2014 में निर्दलीय महापौर निर्वाचित किन्नर समुदाय की मधु किन्नर को भी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया।
पार्टी की रीति नीति से प्रभावित होकर JCCJ से जुड़ रहे नेता
जोगी ने आगे कहा कि पार्टी के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की विचारधारा और पार्टी की रीति नीति से प्रभावित होकर कांग्रेस और बीजेपी के कई दिग्गज नेता, विधायक, पूर्व विधायक, जनप्रतिनिधि ने पार्टी की सदस्यता ली है। अजीत जोगी सामाजिक न्याय के पैरोकार थे उन्हीं के बताए रास्ते पर चलते हुए सामाजिक न्याय के उद्देश्य पार्टी ने राज्य में टिकट वितरण किया है और सामाजिक न्याय का एक बड़ा संदेश दिया है।
पाटन में पहली बार चुनाव होगा: अमित जोगी
पाटन सीट से नामांकन करने के बाद अमित जोगी ने कहा कि वे पाटन की जनता के कहने पर यह चुनाव पाटन से लड़ रहे हैं। पिछले एक महीने से वे यहां सक्रिय थे, पाटन की जनता ने जो प्यार दिया उससे वे अभिभूत हैं। सहीं मायने में पाटन में अब पहली बार चुनाव होगा। इससे पहले तो चाचा-भतीजे की सेटिंग चलती थी।
2500 लोगों के आवेदन आए
प्रदेश भर से जेसीसीजे से टिकट की मांग को लेकर लगभग 2500 लोगों ने आवेदन प्रस्तुत किया और सभी ने दावा किया था वे जीत कर आयेंगे लेकिन पार्टी की कोर कमेटी ने एक रणनीति के आधार पर सर्व समाज को ध्यान में रखते सोशल इंजीनियरिंग के तहत जीतने वाले प्रत्याशी को चयन किया है, जो जीतकर आएंगे और छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा टिकट से वंचित पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ताओं की नाराजगी जायज पर मैं उन सभी से बात करूंगा।
जोगी ने लिया हैरान करने वाला फैसला
पाटन क्षेत्र से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने का अमित जोगी का फैसला हैरान कर देने वाला है। इसकी बड़ी वजह है कि पाटन उनकी कर्मभूमि कभी नहीं रही और न ही उनकी पार्टी पाटन में बहुत मजबूत स्थिति में है। अमित 2013 में मरवाही से कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने थे। कांग्रेस से निष्कासन के बाद पिता दिवंगत अजीत जोगी की मदद से जेसीसीजे पार्टी बनाई और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गांव ठाठापुर से पार्टी की लांचिंग की। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जननेता थे। पूरे प्रदेश ही नहीं देश के कई हिस्सों मे उनके समर्थक थे। लेकिन अमित के साथ ऐसा नहीं है। उनके पार्टी का कार्यभार संभालते ही मां रेणू जोगी को छोड़कर बाकी विधायक पार्टी छोड़कर चले गए। पिछले चुनाव में बसपा से गठबंधन करके पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे जिसमें सात सीटों पर जीत हासिल की थी। इसमें 5 जोगी कांगेस के विधायक थे।