BHOPAL. टीकमगढ़ जिले की बमोरी पंचायत चुनाव में हुई गड़बड़ी के मामले में लगी याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कलेक्टर सुभाष द्विवेदी समेत 4 अधिकारियों को दोषी पाया है। साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में चुनाव को लेकर कहीं भी इन अधिकारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाए। साथ ही कड़ी कार्रवाई की जाए। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने GAD कार्मिक को पत्र लिखा। कोर्ट ने पाया कि इन अफसरों और कर्मचारियों ने जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की थी।
टीकमगढ़ जिले की बमोरी पंचायत चुनाव में हुई गड़बड़ी के मामले में लगी याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कलेक्टर सुभाष द्विवेदी समेत 4 अधिकारियों को दोषी पाया है। साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में चुनाव को लेकर कहीं भी इन अधिकारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाए। साथ ही कड़ी कार्रवाई की जाए। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने GAD कार्मिक को पत्र लिखा है।
राज्य निर्वाचन आयोग का पत्र
कोर्ट के आदेश के साथ ही चुनाव में गड़बड़ी के मामले में वर्तमान में अशोक नगर कलेक्टर सुभाष द्विवेदी पद से हटाए जाएंगे। साथ ही तीन अन्य अधिकारी संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार, अध्यापक भी हटाए जाएंगे। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि टीकमगढ़ में पंचायत चुनाव के दौरान पदस्थ तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी यानि वर्तमान अशोकनगर कलेक्टर कलेक्टर सुभाष द्विवेदी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और वर्तमान में अनूपपुर के अपर कलेक्टर सीपी पटेल , तत्कालीन तहसीलदार और वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर डिंडौरी आरके तिवारी और सहायक शिक्षक हीरालाल राजपूत की भूमिका इस मामले में दोषपूर्ण रही है।
जानें क्या है पूरा मामला
पूरा मामला टीकमगढ़ जिले की बमोरी पंचायत चुनाव में हुई गड़बड़ी का है। इसको लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया कि यह गड़बड़ी तत्कालीन सुभाष द्विवेदी सहित चुनाव में लगे तीन अन्य अधिकारियों ने की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने इन अधिकारियों को दोषी पाते हुए आदेश दिया कि भविष्य में इन अधिकारियों की ड्यूटी किसी भी चुनाव में नहीं लगाई जाए। साथ ही जांच और कार्रवाई की जाए। साथ ही कोर्ट ने दीप्ती गौड़ मुखर्जी प्रमुख सचिव GAD कार्मिक, विनोद कुमार अपर मुख्य सचिव GAD कार्मिक, अनुपम राजन मुख्य राज्य निर्वाचन एमपी को पत्र लिखा है। अब इन अधिकारियों को विधानसभा चुनाव की ड्यूटी से हटाया जाएगा।
इस पत्र से समझें पूरा मामला क्या था