मध्यप्रदेश चुनाव के लिए बीजेपी 2 सीटों पर अटकी, कांग्रेस सिर्फ 1 पर, जानिए इन विधानसभाओं में अब तक क्यों नहीं उतारे प्रत्याशी ?

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Rahul Garhwal
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मध्यप्रदेश चुनाव के लिए बीजेपी 2 सीटों पर अटकी, कांग्रेस सिर्फ 1 पर, जानिए इन विधानसभाओं में अब तक क्यों नहीं उतारे प्रत्याशी ?

BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अब 1 महीने से भी कम का वक्त बचा है। 17 नवंबर को वोटिंग होगी और 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे। बीजेपी-कांग्रेस ने ज्यादातर विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बीजेपी ने 230 में से 2 सीटें और कांग्रेस ने 1 सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। बीजेपी ने विदिशा और गुना पर घोषणा नहीं की है। कांग्रेस ने बैतूल की आमला सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है। हम आपको बता रहे हैं कि ये सीटें क्यों अटकी हुई हैं...

बीजेपी ने विदिशा सीट पर नहीं उतारा प्रत्याशी

विदिशा विधानसभा सीट पिछले 40 साल से बीजेपी का गढ़ थी। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के शशांक भार्गव जीते और उन्होंने उस किले को भेद दिया। कांग्रेस ने इस बार फिर से शशांक भार्गव को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में बीजेपी इस बात पर लगातार मंथन कर रही है कि किसे मैदान में उतारा जाए जो गढ़ को वापस ले आए। विदिशा जिले की 4 बाकी सीटों पर प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। विदिशा सीट पर ज्योति त्यागी, मुकेश टंडन और तोरन सिंह दांगी टिकट के दावेदार हैं।

गुना में बीजेपी ने नहीं की प्रत्याशी की घोषणा

1993 से गुना विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है। गोपीलाल जाटव मौजूदा विधायक हैं। बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उनका विरोध हुआ। बीजेपी की लिस्ट आने से पहले ये माना जा रहा था कि ग्वालियर-चंबल इलाके की किसी सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन गुना सीट आरक्षित है। ऐसे में ये तय है कि सिंधिया गुना से चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस ने गुना से युवा चेहरे पंकज कनेरिया पर दांव खेला है। ऐसे में बीजेपी किसे प्रत्याशी बनाती है, इस पर सस्पेंस बरकरार है।

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कांग्रेस ने आमला सीट पर नहीं उतारा प्रत्याशी

कांग्रेस ने बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को आमला से प्रत्याशी बनाना चाहती है, लेकिन अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। निशा का केस हाईकोर्ट में लंबित है। निशा का इस्तीफा स्वीकार होते ही कांग्रेस उन्हें बतौर प्रत्याशी आमला सीट पर उतार देगी। कांग्रेस को दलित महिला नेता की तलाश भी थी, इसलिए निशा बांगरे एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आई हैं। आपको बता दें कि साल 2018 में आमला में बीजेपी के डॉ. योगेश पंडाग्रे ने कांग्रेस के मनोज माल्वे को 19 हजार वोटों के अंतर से हराया था।

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