JAIPUR. राजस्थान में बीजेपी की प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद सामने आ रहे असंतोष और विरोध को थामने के लिए पार्टी को कई जतन करने पड़ रहे हैं। इस असंतोष पर काबू पाने के लिए जहां एक तरफ एक प्रदेश स्तर की कमेटी बनाई है वहीं अब कुछ बड़े नेताओं को भी अलग-अलग जगह भेजा जा रहा है। इसके अलावा जिला स्तर की कमेटियां भी बनाई गई हैं।
कई नेता नाराज
बीजेपी के 41 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद जयपुर से लेकर टोंक, डूंगरपुर तक विरोध के सुर सामने आ रहे हैं। देवली-उनियारा से झोटवाड़ा, विद्याधर नगर, किशनगढ़, सांचोर सहित अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से अपने नेता को टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थक नाराजगी जता रहे हैं। कुछ नाराज दावेदारों ने तो बगावती तेवर अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। ऐसे में अब नाराज नेताओं के साधने के लिए बीजेपी ने अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतारा है।
नाराज नेताओं को मनाने में जुटी बीजेपी
केंद्रीय मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, चुनाव प्रभारी, नेता प्रतिपक्ष, उपनेता प्रतिपक्ष सहित सभी बड़े नेताओं को नाराज नेताओं और समर्थकों को मनाने का टास्क दिया गया है। ताकि आने वाली सूचियों के बाद कोई नाराजगी सामने आए उसे भी समय रहते कम किया जा सके। विद्याधर नगर से टिकट नहीं मिलने से नाराज नरपत सिंह राजवी को मनाने के लिए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह उनके आवास पर पहुंचे और करीब 45 मिनट तक उनसे बातचीत करके उन्हें समझाने की कोशिश की। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी से मिलने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी उनके आवास पर पहुंचे। चतुर्वेदी सिविल लाइन से प्रमुख दावेदार हैं हालंकि अभी सिविल लाइंस का टिकिट घोषित नहीं हुआ है, लेकिन सियासी घमासान के बीच जोशी और चतुर्वेदी की मुलाकात पर कई तरह की सियासी चर्चाएं भी हो रही हैं। इसके साथ ही देवली-उनियारा में बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र गुर्जर का टिकट काटकर गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैसला को प्रत्याशी बनाया तो स्थानीय क्षेत्र से लेकर पार्टी मुख्यालय तक विरोध दिखा। इस विरोध को कम करने के लिए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को टोंक भेजा गया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अजमेर, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को गंगानगर भेजा गया है।
पार्टी ने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय कमेटी का गठन भी पहले ही कर दिया है। जो सभी नाराज दावेदारों और समर्थकों से बातचीत करके उन्हें मनाने की कोशिशों में जुटी है। इतना ही नहीं स्थानीय लेवल पर नाराजगी को दूर करने और कार्यकर्ताओं को समझाने के लिए प्रत्येक जिले में भी कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी स्थानीय स्तर पर नाराज दावेदार और समर्थकों को समझाने का काम करेगी. उसके बाद भी अगर कोई पार्टी के खिलाफ किसी तरह की चुनाव लड़ने या अन्य किसी को समर्थन देने का कार्य करता है तो उसकी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपेगी।