JABALPUR. 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। लोकतंत्र में चुनावों को कोई मेले की संज्ञा देता है, तो कोई महायज्ञ की तो कुछ लोग इसकी शतरंज या दूसरे खेलों से भी तुलना करते हैं। बात खेलों की हो तो खेल के मौसम के बीच सत्ता के खेल की दुंदुभी चुनाव आयोग ने बजाई है। एशियन गेम्स का हाल ही में समापन हुआ है तो क्रिकेट का वर्ल्डकप जारी है। ऐसे में जबलपुर में सत्ता के इस खेल पर नजर डाली जाए तो प्रत्याशियों की घोषणा का मुकाबला 6-0 पर चल रहा है। बीजेपी 6 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार या कहें खिलाड़ी उतार चुकी है, कुछ लंबे समय से तो कुछ का वार्मअप सोमवार से शुरु हो चुका है, वहीं कांग्रेस के खिलाड़ी अब भी इस असमंजस में हैं कि वे टीम में सिलेक्ट भी हो पा रहे हैं या नहीं।
बीजेपी के स्ट्राइकर सांसद राकेश सिंह और अंचल
विधानसभा चुनाव में दनादन गोल दागने के लिए बीजेपी ने बतौर स्ट्राइकर सांसद राकेश सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री अंचल सोनकर कर जबलपुर पश्चिम और पूर्व से उतारा है। ये दोनों कांग्रेस के आला स्ट्राइकर तरूण भनोत और लखन घनघोरिया का खेल खराब करने का प्रयास करेंगे। मैन टू मैन मार्किंग के साथ मैदान में उतरी बीजेपी ने जबलपुर में कांग्रेस के मैसी और रोनाल्डो यानि लखन और तरुण को अपनी ही विधानसभा में व्यस्त कर दिया है। कड़े मुकाबले में वे दूसरी विधानसभाओं में भूमिका नहीं निभा पाएंगे। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे ये दोनों कद्दावर पूरे जिले की विधानसभाओं में दखल रखते हैं।
इन विधानसभा में घोषित हो चुके प्रत्याशी
जबलपुर में बीजेपी ने सबसे पहले जबलपुर पूर्व से अंचल सोनकर और बरगी से नीरज सिंह को उम्मीदवार घोषित किया था। दूसरी लिस्ट में जबलपुर पश्चिम से सांसद राकेश सिंह को उम्मीदवार घोषित किया गया। तीसरी लिस्ट में जबलपुर छावनी से अशोक रोहाणी, पनागर से सुशील इंदु तिवारी और पाटन से पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय विश्नोई तीनों को रिपीट किया गया है। राजनीति के खेल की बात की जाए तो अशोक रोहाणी और इंदु महाराज को मिड फील्डर की भूमिका में रखा है। वहीं दिग्गज अजय विश्नोई को डिफेंस में पोजिशन दी है।
मध्य और सिहोरा का फैसला बाकी
जबलपुर जिले की 8 विधानसभाओं में से अब केवल जबलपुर उत्तर मध्य और सिहोरा की सीट पर बीजेपी को प्रत्याशी की घोषणा करना है। उत्तर मध्य में पूर्व मंत्री शरद जैन 525 वोटों से हारे थे। टिकट देने में देरी साफ बता रही है कि यहां पार्टी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है या यह भी हो सकता है कि शरद जैन अपनी टिकट बचाने में कामयाब रहें। सिहोरा में 3 बार से विधायक रहीं नंदनी मरावी प्रबल दावेदार हैं, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी रहे खिलाड़ी सिंह आर्मो की बीजेपी में घरवापसी ने उनकी टिकट में पेंच फंसा दिया है।
कांग्रेस के दावेदार कर रहे इंतजार
कांग्रेस की बात की जाए तो यहां से 4 सिटिंग एमएलए जबलपुर पूर्व- लखन घनघोरिया, जबलपुर पश्चिम- तरुण भनोत, जबलपुर उत्तर मध्य- विनय सक्सेना और बरगी - संजय यादव की टिकट लगभग तय मानी जा रही है लेकिन घोषणा में लग रहा लंबा वक्त पूर्व मंत्रियों को छोड़कर बाकी के दो विधायकों की बेचैनी का कारण भी हो सकता है। बाकी की विधानसभा में पार्टी को अच्छे प्रत्याशी की तलाश है, रायशुमारी और बैठकें जारी हैं। देखना यह होगा कि कांग्रेस कब अपने पत्ते खोलेगी और यह राजनीति का मैच कितना टसल वाला होता है।